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रांची: श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर सजी झांकी, सीसीएल अफसर हर्षनाथ मिश्रा बोले-कृष्ण के जीवन से लेनी चाहिए शिक्षा

प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर आयोजित कार्यक्रम में उपस्थित स्वामी मुक्तरथ ने कहा कि श्रीकृष्ण हमारे मान्य पूर्वज थे. उन्होंने गीताज्ञान एवं सहज राजयोग के अभ्यास द्वारा ही श्रेष्ठ देवता पद को प्राप्त किया.

रांची: हरमू रोड के चौधरी बागान स्थित प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व झांकी सजाकर श्रीकृष्ण के सम्मुख दीप प्रज्ज्वलित कर धूमधाम से मनाया गया. कार्यक्रम का उद्घाटन सीसीएल के निदेशक (कार्मिक) हर्षनाथ मिश्रा एवं अन्य अतिथियों ने संयुक्त रूप से किया. इस अवसर पर हर्षनाथ मिश्रा ने कहा कि हमलोगों को श्रीकृष्ण के जीवन से शिक्षा लेनी चाहिए कि किस प्रकार उनका जीवन सर्व गुण सम्पन्न था तथा वे मर्यादा पूर्वक रहते थे. श्रीकृष्ण योगीराज थे. उन्होंने योगेश्वर शिव परमात्मा से पूर्व जन्म में योग सीखा था. वे एक सफल राजा थे. उनके राज्य में संपूर्ण पवित्रता थी. आपको बता दें कि चार सितंबर से 11 सितंबर तक निःशुल्क गीताज्ञान व राजयोग पाठ्यक्रम का आयोजन हरमू रोड के ब्रह्माकुमारी केन्द्र में होगा.

श्रीकृष्ण थे हमारे मान्य पूर्वज

प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर आयोजित कार्यक्रम में उपस्थित स्वामी मुक्तरथ ने कहा कि श्रीकृष्ण हमारे मान्य पूर्वज थे. उन्होंने गीताज्ञान एवं सहज राजयोग के अभ्यास द्वारा ही श्रेष्ठ देवता पद को प्राप्त किया. इतिहास की हूबहू पुनरावृत्ति होती है. निकट भविष्य में शीघ्र ही भारत में श्रीकृष्ण जन्म लेंगे और भूलोक स्वर्ग बन जायेगा. इस अवसर पर आर्ट ऑफ लिविंग के राकेश ने कहा कि वास्तव में यह आश्चर्य की नहीं, बल्कि हर्ष की बात है कि वर्तमान समय ही सृष्टि परिवर्तन का समय है. लाखों मानव आत्माएं, आध्यात्मिक शिक्षा और राजयोग की साधना द्वारा ‘दिव्य संस्कार बनाकर देवी-देवता बनने के पुरुषार्थ में तत्पर हैं.

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श्रीकृष्ण इसीलिए कहलाए गिरिधर

कार्यक्रम में स्टार इंटरनेशनल स्कूल के एमडी दिनेश सिंह ने श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर्व पर श्रीकृष्ण के बारे में प्रकाश डालते हुए कहा कि पूर्व जन्म में ज्ञान योगबल से श्रीकृष्ण ने कलियुगी समस्याओं के पहाड़ को उठाया. इसलिए वे गिरिधर कहलाए. कार्यक्रम में इनर ह्वील क्लब की पूर्व अध्यक्ष सुमन सिंह ने कहा कि जो आत्माएं वर्तमान समय गीताज्ञान एवं राजयोग के द्वारा विकारों का त्याग कर पवित्र और योगी बनेंगी, वे ही स्वर्ग की दुनिया में श्रीकृष्ण के साथ पदार्पण करेंगी. इस अवसर पर हाउसिंग बोर्ड के लीगल एडवाइजर मनोज कुमार चौबे ने कहा कि चौरासी जन्म लेते-लेते श्रीकृष्ण की आत्मा द्वापर काल के बाद मलीन हो जाती है. अंतिम जन्म में वही ब्रह्मा के रूप में परमात्मा शिव का ज्ञान लेने वाले दिव्य गुणों से पूर्ण होकर फिर श्रीकृष्ण बन जाते हैं. सीसीएल के पूर्व डीजीएम रवीन्द्र प्रसाद ने कहा कि श्रीकृष्ण प्रशासनिक क्षमता से सम्पन्न राज्य सत्ता तथा धर्म सत्ता दोनों के मालिक थे.

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ब्रह्माकुमारी निर्मला बहन ने किया श्रीकृष्ण के चरित्र का वर्णन

इस अवसर पर ब्रह्माकुमारी निर्मला बहन ने श्रीकृष्ण का चरित्र वर्णन करते हुए कहा कि उनका जन्म द्वापर में न होकर सतयुगी सुख की दुनिया में हुआ था. कलियुगी सृष्टि के इस अंत समय में परमाणु युद्ध गृह युद्ध एवं प्राकृतिक आपदाओं द्वारा पतित सृष्टि का महाविनाश होकर पावन दुनिया का स्वर्ग आता है, जहां श्रीकृष्ण सर्वगुण सम्पन्न सोलह कला संपूर्ण देवता रूप में अवतरित होते हैं. यमुना के कंठे पर फिर उनकी रासलीला होती है. ब्रह्मा के रूप में पांच विकारों का त्याग करनेवाला इस सृष्टि का महानायक ही सतयुग में श्रीकृष्ण बना, जिसकी यादगार में कृष्ण को पांच विकारों के प्रतीक पांच फन वाले कालिदह का मर्दन करते दिखाया गया है. वर्तमान में सृष्टि पर भ्रष्टाचार, पापाचार, हिंसा व आतंक का पहाड़ बढ़ता जा रहा है. जिसके बोझ से मानवता को बचाने के लिए परमात्मा शिव ने ब्रह्मा द्वारा मानव आत्माओं को ज्ञान दिया. आह्वान करते हुए ब्रह्माकुमारी निर्मला बहन ने कहा कि अंतर के नेत्र खोलकर यथार्थ का अनुभव करने की आवश्यकता है. श्रीकृष्ण केवल तन से ही देवता नहीं थे, उनके मन में देवत्व था. भव्य समारोह में स्वर्णिम विश्व का आह्वान दिव्य गीतों एवं राजयोग अभ्यास से किया गया. झांकी के समक्ष अभिनय नृत्य व रास किया गया.

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