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झारखंड में खनिजों की अवैध ढुलाई में रेलवे अधिकारियों की भूमिका की जांच करेगा SIT, एक सदस्यीय टीम गठित

झारखंड के खनिजों की अवैध ढुलाई में रेलवे अधिकारियों की भूमिका की जांच एसआईटी करेगा. साथ ही इसकी रोकथाम और सुझाव भी देंगे. झारखंड हाईकोर्ट के रिटायर्ड चीफ जस्टिस इसके अध्यक्ष होंगे. बता दें कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने रेल मंत्री को दिसंबर, 2022 में ही पत्र लिखकर इससे अवगत कराया था.

Jharkhand News: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य अंतर्गत खनिजों की अवैध ढुलाई में रेलवे अधिकारियों की भूमिका की जांच एवं रोकथाम के लिए एसआईटी गठित की गयी है. झारखंड हाईकोर्ट के रिटायर्ड चीफ जस्टिस विनोद कुमार इसके अध्यक्ष होंगे. एक सदस्यीय टीम जांच और रोकथाम के साथ अपने सुझाव भी देंगे, ताकि सरकार को राजस्व की हानि न हो.

छह माह का कार्यकाल

इनका कार्यकाल छह माह रहगा. वहीं, आयोग के अध्यक्ष को प्रतिमाह मानदेय, अध्यक्ष को हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के समतुल्य यात्रा भत्ता एवं अन्य सुविधाएं तथा आयोग के कार्यालय के लिए एक सहायक, एक आदेशपाल, एक कंप्यूटर ऑपरेटर एवं वाहन की सुविधा उपलब्ध कराने के प्रस्ताव पर स्वीकृति दे दी गयी है.

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने रेल मंत्री को लिखा था पत्र

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा 14 दिसंबर, 2022 को रेल मंत्री को पत्र लिखकर अवगत कराया गया था कि राज्य सरकार द्वारा अवैध खनन एवं इसकी ढुलाई में रेलवे पदाधिकारियों की संलिप्तता एवं अन्य सभी संबंधित बिंदुओं की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय जांच समिति के गठन का निर्णय लिया है. मुख्यमंत्री ने पत्र के माध्यम से रेल मंत्री से आग्रह किया था कि आपके द्वारा रेलवे के पदाधिकारियों को इस उच्च स्तरीय जांच समिति को पूरा सहयोग करने के लिए निर्देशित किया जाए.

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SIT के कार्य

खान एवं खनिज (विकास एवं विनियमन) अधिनियम की धारा-23 (C) के अंतर्गत राज्य में खनिजों के अवैध परिवहन की रोकथाम के लिए The Jharkhand Minerals (Prevention of illegal Mining, Transportation and Storage) Rules, 2017 अधिसूचित किया गया है. अधिसूचित नियमावली के नियम- 9(1) के अनुसार, उत्खनित खनिजों का रेल मार्ग से परिवहन भी JIMMS पोर्टल से प्राप्त परिवहन चालान के माध्यम से ही किया जाना है. इस संदर्भ में खान एवं भूतत्व विभाग एवं विभिन्न उपायुक्त/जिलास्तरीय पदाधिकारियों के माध्यम से भी वैध ई-चालान के साथ खनिजों के परिवहन के लिए कई निर्देश निर्गत किये गये हैं. इन सभी प्रयासों के बावजूद भी विभिन्न स्रोतों से सूचनाएं प्राप्त हो रही है कि रेलवे के माध्यम से बिना वैध चालान के भारी मात्रा में खनिज का परिवहन/प्रेषण किया जा रहा है.

एसआईटी गठित करने का निर्णय

इस संदर्भ में दुमका डीसी द्वारा रेलवे के माध्यम से रेलवे साईडिंग से बिना परमिट/चालान के पत्थर चिप्स के परिवहन करने के संदर्भ में सूचनाएं/आंकड़े भेजे गये हैं. इस अनियमितता में रेलवे के अधिकारियों की संलिप्तता नजर होती है. इसी के आधार पर राज्य के विभिन्न खनिजों के अवैध परिवहन में रेलवे के अधिकारियों की भूमिका की जांच एवं रोकथाम के लिए सुझाव देने के लिए एक सदस्यीय SIT गठन करने का निर्णय लिया गया है.

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