अमन तिवारी, रांची. झारखंड में इन दिनों पुलिस मुख्यालय के अधिकारियों की बात कई जिलों के एसपी नहीं सुन रहे हैं. पुलिस मुख्यालय द्वारा कई मामलों में रिपोर्ट मांगने के बावजूद जिलों के एसपी द्वारा समय पर पुलिस मुख्यालय को रिपोर्ट नहीं भेजी जा रही है. इस कारण पुलिस मुख्यालय को न तो मामले की जानकारी समय पर मिल रही है और न ही समय पर इसकी समीक्षा हो रही है. पुलिस मुख्यालय द्वारा कुछ मामलों में रिमाइंडर भेजकर रिपोर्ट नहीं भेजने की वजह से खेद प्रकट किया जा चुका है. बावजूद इसका कोई विशेष असर नहीं पड़ रहा है. केस स्टडी-01 : राज्य के विभिन्न न्यायालयों से लंबित वारंट, कुर्की और इश्तेहार की जानकारी हाइकोर्ट एससीएमएस के मेंबर सेक्रेटरी ने चार अक्तूबर 2024 को डीजीपी को पत्र लिखकर दिया था. इसमें लिखा था कि लंबित वारंट के निष्पादन की दिशा में त्वरित कार्रवाई का निर्देश दिया जाये. इसके बाद पुलिस मुख्यालय ने नौ अक्तूबर 2024 को सभी जिलों के एसपी को पत्र लिखकर कार्रवाई का निर्देश दिया. साथ ही मामले में पुलिस मुख्यालय द्वारा जिलों के एसपी से रिपोर्ट भी मांगी गयी थी. लेकिन यह रिपोर्ट 18 अक्तूबर तक नहीं मिली. इसके बाद दूसरी बार पुलिस मुख्यालय ने सभी जिलों के एसपी को 18 अक्तूबर को पत्र लिखकर 22 अक्तूबर तक रिपोर्ट भेजने को कहा. फिर भी सभी जिलों से पुलिस मुख्यालय को रिपोर्ट नहीं मिली. इसके बाद पुलिस मुख्यालय ने 23 अक्तूबर को सभी जिलों के एसपी को रिमाइंडर भेजते हुए 25 अक्तूबर तक रिपोर्ट मांंगी, लेकिन रिपोर्ट नहीं भेजी गयी. इसके बाद पुलिस मुख्यालय ने रिपोर्ट नहीं भेजने के कारण खेद भी जाहिर किया था. केस स्टडी-02 : पुलिस मुख्यालय प्रशिक्षण निदेशालय द्वारा जिलों के एसपी से एसपीसी कार्यक्रम के बारे में 18 अक्तूबर तक रिपोर्ट मांगी गयी थी. इसके लिए निदेशालय ने जिलों के एसपी को पत्र लिखा था. लेकिन कई जिलों के एसपी ने 14 नवंबर तक यह रिपोर्ट पुलिस मुख्यालय को नहीं भेजी. इस कारण 14 नवंबर को फिर से पुलिस मुख्यालय प्रशिक्षण निदेशालय ने कई जिलों के एसपी को पत्र लिखा. अंतत: समय पर रिपोर्ट नहीं भेजने के कारण खेद प्रकट किया गया.
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