रांची : राज्य के नगर निकायों और पंचायतों में निर्वाचित जन प्रतिनिधियों पर राज्य सरकार कार्रवाई कर सकेगी. निर्वाचन में गलत प्रमाण पत्र या शपथ पत्र देनेवाले, निर्वाचन के बाद जेल की सजा भोगनेवाले या अन्य गड़बड़ियों के मामले में दोषी पाये जाने पर जनप्रतिनिधियों के खिलाफ कार्रवाई की शक्ति राज्य सरकार के पास होगी. नगर विकास विभाग इसके लिए नियमावली तैयार कर रहा है.
झारखंड नगरपालिका अधिनियम – 2011 में नगर निकाय के प्रतिनिधियों के निर्वाचन संबंधी आपराधिक मामलों में कार्रवाई की शक्ति नगर विकास विभाग के पास है. वहीं, विभाग द्वारा लागू नियमावली की धारा-112 में निर्वाचन में गलत शपथ पत्र, गलत प्रमाण पत्र समेत अन्य गड़बड़ियों के मामले में कार्रवाई की शक्ति राज्य निर्वाचन आयोग को दे दी गयी थी. आयोग ने अधिनियम के तहत स्वयं को अक्षम बताते हुए शिकायतों की सुनवाई और कार्रवाई से इनकार कर दिया था. उसके बाद से निर्वाचित जनप्रतिनिधियों पर कार्रवाई के लिए राज्य में को`ई प्रावधान नहीं है.
विरोधाभास दूर करने को नयी नियमावली बना रहा विभाग
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पहले निर्वाचन आयोग के पास थी निर्वाचित जनप्रतिनिधियों पर कार्रवाई की शक्ति
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आयोग ने स्वयं को अक्षम बताते हुए शिकायतों की सुनवाई से कर दिया था इनकार
स्वीकृति के लिए भेजी नियमावली : नगर विकास विभाग एक्ट और नियमावली में विरोधाभास दूर करने के लिए नयी नियमावली तैयार कर रहा है. नियमावली को विधि विभाग की स्वीकृति के लिए भेजा गया है. नयी नियमावली में पंचायत और नगरपालिका निर्वाचन से संबंधित शिकायतों की सुनवाई और कार्रवाई का अधिकार राज्य सरकार को दिया जा रहा है. विधि की सहमति मिलने के बाद इसे कैबिनेट के समक्ष विचार के लिए रखा जायेगा.
Post by : Pritish Sahay