12.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

तख्त श्री हरमंदिर साहिब: बिहार के सीएम नीतीश कुमार को पत्र लिखकर सिख नेता गुरविंदर सिंह सेठी ने की ये मांग

झारखंड राज्य अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष गुरविंदर सिंह सेठी ने बताया कि हाल ही में कुछ नेताओं ने झारखंड राज्य के सिख संगत और गुरुद्वारों के प्रतिनिधित्व को दक्षिण बिहार निर्वाचन क्षेत्र की वोटिंग प्रक्रिया से बाहर करने की कोशिश की है. यह दावा करते हुए कि झारखंड बिहार से अलग हो चुका है.

रांची: झारखंड राज्य अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष एवं सिख समुदाय के नेता सरदार गुरविंदर सिंह सेठी ने सिखों के तख्त श्री गुरु गोबिंद साहिब जी की जन्म स्थली तख्त श्री हरमंदिर साहिब जी पटना साहिब प्रबंधक कमेटी में झारखंड के सिखों के मताधिकार स्थिति पूर्व की भांति रखने की अपील की है और तख्त श्री हरमंदिर जी, पटना साहिब में सिखों के जनसांख्यिक प्रतिनिधित्व में प्रस्तावित परिवर्तनों पर अपनी चिंताओं को व्यक्त किया है. इसको लेकर इन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एवं बिहार के मुख्य सचिव को एक पत्र लिखा है.

वोट देने का अधिकार खत्म नहीं करने का आग्रह

झारखंड राज्य अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष गुरविंदर सिंह सेठी ने बताया कि हाल ही में कुछ नेताओं ने झारखंड राज्य के सिख संगत और गुरुद्वारों के प्रतिनिधित्व को दक्षिण बिहार निर्वाचन क्षेत्र की वोटिंग प्रक्रिया से बाहर करने की कोशिश की है. यह दावा करते हुए कि झारखंड बिहार से अलग हो चुका है और इसलिए हमारा वोट देने का अधिकार समाप्त होना चाहिए, जबकि तख्त श्री हरमंदिर जी, पटना साहिब प्रबंधन समिति के संविधान का अस्तित्व 1955-56 से है और हमारे समुदाय के सदस्य दक्षिण बिहार निर्वाचन क्षेत्र में अपना संविधानिक अधिकार व्यय कर रहे हैं.

Also Read: श्रद्धांजलि सभा: सुभाष मुंडा की प्रतिमा का अनावरण कर बोलीं CPM नेता वृंदा करात, हत्याकांड की जल्द सुलझे गुत्थी

6 अगस्त को है प्रस्तावित बैठक

गुरविंदर सिंह सेठी ने बताया कि दक्षिण बिहार निर्वाचन क्षेत्र, जो वर्तमान में झारखंड में स्थित है. पूरे बिहार राज्य से अधिक सिख जनसंख्या रखता है. इस जनसांख्यिक ग्रुप को वोटिंग प्रक्रिया से बाहर करना निष्पक्ष प्रतिनिधित्व के सिद्धांतों के खिलाफ होगा. उन्होंने अपने पत्र में बिहार सरकार से हस्तक्षेप की मांग करते हुए कहा है कि इस पर तुरंत गौर किया जाए ताकि 6 अगस्त 2023 की प्रस्तावित बैठक में तख्त श्री हरमंदिर जी पटना साहिब प्रबंधक समिति हमारे मताधिकार को बाहर ना कर सके. इसके साथ ही अनुरोध किया है कि बिहार राज्य पुनर्गठन अधिनियम 1996 की प्रावधानों का पालन करें, जो स्पष्ट रूप से कहता है कि अनसुलझे मामलों में अंतिम वैकल्पिक व्यवस्था के निर्माण तक स्थिति के अनुरूप रहेगा.

Also Read: वनाधिकार कानून व विस्थापितों के मुआवजे को लेकर सीएम हेमंत सोरेन से मिला खरसावां का प्रतिनिधिमंडल, सौंपा ज्ञापन

ये है पत्र का मजमून

माननीय मुख्यमंत्री जी,

मुख्यमंत्री कार्यालय,

पटना, बिहार

प्रिय श्री नितीश कुमार जी,

विषय: दक्षिण बिहार निर्वाचन क्षेत्र (वर्तमान में झारखंड राज्य) में सिखों के प्रतिनिधित्व अधिकारों की सुरक्षा.

मैं झारखंड, रांची में निवासी एक सिख समुदाय के नेता के रूप में आपसे लिख रहा हूं. तक़त श्री हरमंदिर जी, पटना साहिब में सिखों के जनसांख्यिक प्रतिनिधित्व में प्रस्तावित परिवर्तनों पर हमारी चिंताओं को व्यक्त करते हुए. तक़त श्री हरमंदिर जी, पटना साहिब प्रबंधन समिति के संविधान का अस्तित्व 1955-56 से है, और हमारे समुदाय के सदस्य दक्षिण बिहार निर्वाचन क्षेत्र में अपना संविधानिक अधिकार व्यय कर रहे हैं. हाल ही में, कुछ नेताओं ने झारखंड राज्य के सिख संगत और गुरुद्वारों के प्रतिनिधित्व को दक्षिण बिहार निर्वाचन क्षेत्र की वोटिंग प्रक्रिया से बाहर करने की कोशिश की है, यह दावा करते हुए कि झारखंड बिहार से अलग हो चुका है और इसलिए हमारा वोट देने का अधिकार समाप्त होना चाहिए.

हम आपके मान्य कार्यालय से अनुरोध करते हैं कि बिहार पुनर्गठन अधिनियम और तक़त श्री हरमंदिर जी, पटना साहिब के बायलॉज की प्रावधानों का उल्लंघन करने वाली इस कदम का ध्यान दें. अब तक बायलॉज में कोई संशोधन नहीं किया गया है और इस संवेदनशील समय पर कोई ऐसे परिवर्तन मलाफ़ाइद होंगे. यह ध्यान देना महत्वपूर्ण है कि दक्षिण बिहार निर्वाचन क्षेत्र, जो वर्तमान में झारखंड में स्थित है, पूरे बिहार राज्य से अधिक सिख जनसंख्या रखता है। इस जनसांख्यिक ग्रुप को वोटिंग प्रक्रिया से बाहर करना निष्पक्ष प्रतिनिधित्व के सिद्धांतों के खिलाफ होगा.

हम आपकी हस्तक्षेप की अपील करते हैं कि ताकि 6 अगस्त 2023 की प्रस्तावित बैठक में तक़त श्री हरमंदिर जी पटना साहिब प्रबंधक समिति हमारे मताधिकार को बाहर ना कर सके। हम आपसे अनुरोध करते हैं कि बिहार राज्य पुनर्गठन अधिनियम 1996 की प्रावधानों का पालन करें, जो स्पष्ट रूप से कहता है कि असुलझे मामलों में अंतिम विकल्पिक व्यवस्था के निर्माण तक स्थिति के अनुरूप रहेगा.

धन्यवाद.

आपका आदरणीय,

गुरविंदर सिंह सेठी

पूर्व उपाध्यक्ष

झारखंड राज्य अल्पसंख्यक आयोग

प्रतिलिपि: मुख्य सचिव, बिहार

Also Read: Jharkhand Monsoon Session :काले कानून पर बोले सीएम हेमंत सोरेन, काला चश्मा उतार दें, तो दिखेगा सब कुछ सफेद

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें