Jharkhand News: झारखंड के सभी 34 नगर निकाय परिषद (बोर्ड) के निर्वाचित प्रतिनिधियों का कार्यकाल गुरुवार को खत्म हो गया. इनकी सभी शक्तियां और कार्य प्रशासन को सौंपने का निर्णय लिया गया. गुरुवार को झारखंड कैबिनेट की बैठक में निर्णय लिया गया. वहीं, नगर निकाय चुनाव नहीं हो पाने और निकायों की अवधि समाप्त हो जाने पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि कई कारणों से नगर निकाय चुनाव नहीं हो पाये हैं. ये जल्द कैसे हों, इसका प्रयास किया जायेगा. सीएम ने कहा कि राज्य के विकास की जो कड़ी जोड़ने की आवश्यकता है, उसे जोड़ने का लगातार प्रयास हो रहा है.
बोर्ड की सभी शक्तियां और कार्य प्रशासक को सौंपा जाएगा
गुरुवार को मंत्रिपरिषद की सहमति के बाद सरकार ने राज्य के 34 निकाय परिषद (बोर्ड) के निर्वाचित प्रतिनिधियों का कार्यकाल समाप्त कर सभी शक्तियां और कार्य प्रशासक को सौंपने का निर्णय लिया है. इस तरह अब निकायों में पदस्थापित कार्यालय प्रधान (नगर आयुक्त, अपर नगर आयुक्त या कार्यपालक पदाधिकारी) अगले निर्वाचन के बाद गठित होनेवाले नगर परिषद की पहली बैठक होने तक प्रशासक के रूप में काम करेंगे. उन्हें आवश्यकता के मुताबिक नगर विकास एवं आवास विभाग से परामर्श लेना होगा. यह व्यवस्था 28 अप्रैल से लागू होगी.
महाधिवक्ता से भी ली गयी थी राय
बताया गया कि राज्य के सभी निकायों में 27 अप्रैल तक चुनाव हो जाना था, लेकिन निर्वाचन कराया जाना संभव नहीं हुआ. ऐसे में नगर निकायों के संचालन के लिए यह व्यवस्था की गयी है. इस पर महाधिवक्ता से भी राय ली गयी थी. उन्होंने नगर निकायों की शक्तियों और कार्यों के प्रयोग के लिए प्रशासक को नियुक्त करने का सुझाव दिया था.
लोगों के लिए जनप्रतिनिधियों का दरवाजा हमेशा खुला रहेगा
इधर, राजधानी रांची में नगर निकाय के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों का कार्यकाल खत्म होने पर डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय ने कहा कि भले ही कार्यकाल खत्म हुआ है, लेकिन हम सभी जनप्रतिनिधियों का दरवाजा लोगों के लिए हमेशा खुला रहेगा.