दुर्जय पासवान (गुमला). बारह वर्षीया अनाथ बच्ची को बहला फुसला कर बनारस ले जाकर उससे बाल मजदूरी करायी गयी. वहीं उससे दो माह तक दुष्कर्म किया गया. पीड़िता ने जब घाघरा थाना में आरोपी सुमेश उरांव पर दुष्कर्म करने का आरोप लगाया और बनारस ले जाने की शिकायत की, तो थाना में पुलिसकर्मियों ने पीड़िता को पीटा. हालांकि, मामला उजागर होने के बाद शनिवार को पालकोट थाना में पोक्सो एक्ट के तहत सुमेश उरांव के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली गयी है. साथ ही पालकोट थाना की पुलिस ने पीड़िता का पालकोट अस्पताल में मेडिकल कराया. वहीं मामले का अनुसंधान शुरू कर दिया है.
दिनभर कराता था मजदूरी और रात को दुष्कर्म करता था
पालकोट की बच्ची के माता पिता का निधन हो गया है. उसका पालन पोषण मामा ने किया. पीड़िता ने बताया कि 11 अक्तूबर को घाघरा प्रखंड निवासी सुमेश उरांव मुझे फोन कर बुलाया. घूमने फिरने की बात कहकर मुझे बनारस ले गया. जहां एक ईंट भटठा में मुझसे मजदूरी करायी गयी. ईंट भटठा में ही सुमेश ने मेरे साथ दुष्कर्म किया. पीड़िता ने कहा कि वह दिनभर भट्ठा में काम करती थी और रात में सुमेश मेरे साथ दुष्कर्म करता था. इधर, भांजी के गायब होने और खोजबीन के बाद भी उसका पता नहीं चलने पर मामा ने नौ दिसंबर 2024 को पालकोट थाना में आवेदन दिया. इसमें उन्होंने सुमेश उरांव पर भांजी को बहला फुसलाकर बनारस ईंट भटठा ले जाने का आरोप लगाया. मामा की शिकायत के बाद पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की तो उसने एसपी से इसकी शिकायत की.थाने में समझौता करने का दबाव डाला जा रहा था : मामा
मामा ने बताया कि उन्हें 17 दिसंबर की शाम एक रिश्तेदार के माध्यम से जानकारी मिली कि मेरी भांजी घाघरा के सुमेश उरांव के घर में है. इसकी सूचना मैंने पालकोट पुलिस को दी. तब रात 10 बजे घाघरा पुलिस ने मेरी भांजी को उसके घर से बरामद किया. वहीं सुमेश को भी पकड़ थाना ले आया गया. सूचना मिलने पर वह भी रात 12 बजे घाघरा थाना पहुंचे. मामा ने कहा कि थाना पहुंचने पर कुछ लोगों ने समझौता कराने का प्रयास किया. दोनों की शादी कराने के लिए कहा. परंतु मेरी भांजी के नाबालिग होने के कारण मैंने शादी से इंकार कर दिया.थाना में महिला चौकीदार ने मुझे डंडे से पीटा : पीड़िता
पीड़िता ने बताया कि मामला को दबाने का दबाव दिया जाने लगा. जब मैंने घाघरा थाना में कहा कि सुमेश ने मेरे साथ दुष्कर्म किया तो वहां मौजूद एक पुलिसकर्मी के कहने पर महिला चौकीदार मुझे एक कमरे में ले गयी. जहां उसने मुझे आठ दस डंडे पीटा और मामला को खत्म करने के लिए कहा. इसके बाद पुलिस ने एक कागज पर कुछ बयान लिखकर मुझे मेरे मामा को सौंप दिया. इसके बाद 18 दिसंबर को मैंने पुलिस विभाग की ओर से लगाये गये जनशिकायत समाधान कार्यक्रम में शिकायत दर्ज करायी. शनिवार को पालकोट पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है