16.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

पहले विचार दुनिया बदलती थी, अब टेक्नोलॉजी बदल रही है, लेखकीय यात्रा-पाठकीय संवाद में बोले हरिवंश

इसके बाद भी गांधीवादी विचारधारा ही किसी भी देश का आर्थिक सशक्तीकरण कर सकती है. श्री हरिवंश प्रेस क्लब में आयोजित लेखकीय यात्रा-पाठकीय संवाद कार्यक्रम में बोल रहे थे. इस मौके पर उनके द्वारा लिखित तीन पुस्तकों (कलश, पथ के प्रकाश पुंज और कैलाश मानसरोवर) पर संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया.

रांची, मनोज सिंह. राज्यसभा के उपसभापति सह वरिष्ठ पत्रकार हरिवंश नारायण सिंह ने रविवार को द रांची प्रेस क्लब में कहा कि पहले विचार दुनिया बदलती थी, आज टेक्नोलॉजी बदल रही है. समय के साथ-साथ टेक्नोलॉजी में काफी बदलाव हो रहे हैं. कई लेखकों ने लिखा है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) वर्ष 2030 तक ही दुनिया का स्वरूप बदल देगा.

उन्होंने कहा कि इसके बाद भी गांधीवादी विचारधारा ही किसी भी देश का आर्थिक सशक्तीकरण कर सकती है. श्री हरिवंश प्रेस क्लब में आयोजित लेखकीय यात्रा-पाठकीय संवाद कार्यक्रम में बोल रहे थे. इस मौके पर उनके द्वारा लिखित तीन पुस्तकों (कलश, पथ के प्रकाश पुंज और कैलाश मानसरोवर) पर संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया.

तीन पुस्तकों पर की चर्चा

श्री हरिवंश ने अपनी तीनों पुस्तकों के बारे में संक्षेप में बताया. उन्होंने बताया कि ‘कलश’ में 23 आलेख हैं. इसमें वैसे लोगों के बारे में लिखा गया है, जिनको उन्होंने अपने स्तर से श्रेष्ठ समझा है. अखबार में काम करने के दौरान ऐसे लोगों से मिलकर निजी अनुभव प्राप्त किये हैं. कुछ वैसे लोगों के बारे में भी लिखा है, जिनके बारे में उन्होंने पढ़ा है. कैसे उन लोगों ने शिखर पर पहुंचकर बड़ी भूमिका निभायी है.

Also Read: दुनिया को उन्होंने ही गढ़ा है, जो धुन और संकल्प के धनी थे, पुस्तक के विमोचन पर बोले हरिवंश

श्री हरिवंश ने कहा कि ‘पथ के प्रकाश पुंज’ में 27 लेख हैं. इसमें वैसे लोगों के बारे में लिखा गया है, जिनकी जीवन यात्रा ने उनको (हरिवंश को) प्रभावित किया है. इसमें बाबा आम्टे के सान्निध्य का भी जिक्र किया है. रांची के जाने-माने चिकित्सक डॉ केके सिन्हा (अब स्व) के साथ बिताये गये पल को भी हरिवंश ने याद किया है.

‘कैलास मानसरोवर’ पुस्तक में उन्होंने अपनी कैलास यात्रा का जिक्र किया है. बताया कि यह एक कठिन यात्रा थी. 6714 मीटर की यात्रा की शुरुआत 66 लोगों ने की थी. परिक्रमा करने तक सिर्फ 15 ही लोग बचे. यात्रा के दौरान कई बार लगा कि शायद यह यात्रा पूरी नहीं हो पायेगी. यात्रा के दौरान चांदनी रात में कैलास के दर्शन किये. लगा कि उसकी अद्भुत सुंदरता को महसूस ही किया जा सकता है. उसे बयां नहीं किया जा सकता. इस पुस्तक को लिखने के दौरान कई ऐसे लोगों की पुस्तकें पढ़ी, जिन्होंने कैलास की यात्रा की है या कैलास के बारे में लिखा है.

Also Read: लोगों की जेहन में वही भाषाई पत्रकारिता है, जिसने देश को दिशा दी : हरिवंश
गांधीजी का आर्थिक मॉडल आज भी प्रासंगिक

सवाल जवाब के क्रम में श्री हरिवंश ने कहा कि गांधी जी के अलग-अलग विषयों को लेकर अलग-अलग धारणा हो सकती है. लेकिन, गांधीजी का आर्थिक मॉडल आज भी प्रासंगिक है. वर्ष 1928 में गांधी जी ने कहा था कि भारत के विकास का मॉडल ब्रिटेन की तरह का नहीं होगा. भोक्तावादी संस्कृति ठीक नहीं है. पुस्तक के बारे में पत्रकार संजय कृष्ण ने बताया. कार्यक्रम का संचालन रवि प्रकाश ने किया. अतिथियों का स्वागत दि रांची प्रेस क्लब के अध्यक्ष संजय मिश्र ने किया.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें