राजधानी के धुर्वा स्थित स्मार्ट सिटी की सवा चार एकड़ जमीन पर देश का 11वां ट्रैफिक चिल्ड्रेन पार्क बनने का रास्ता साफ हो गया है. इसके लिए जमीन चिह्नित कर ली गयी है. पार्क के निर्माण पर करीब 14 करोड़ रुपये खर्च होंगे. पूर्व में परिवहन विभाग ने यह पार्क एचइसी द्वारा आवंटित जमीन पर बनाने का निर्णय लिया था. इसके लिए डीपीआर तैयार कराने के बाद टेंडर निकाल कर संवेदक को कार्य आवंटित कर दिया गया था.
लेकिन, छह माह पूर्व जिस दिन कार्य शुरू होना था, उसी दिन एचइसी ने विरोध दर्ज कराते हुए निर्माण कार्य पर रोक लगा दी थी. एचइसी का कहना था कि बिहार पथ परिवहन निगम को पूर्व में उक्त जमीन लीज पर दी गयी थी, जिसकी समय सीमा 2004 में ही समाप्त हो गयी. इसके बाद परिवहन निगम और एचइसी के अधिकारियों के बीच कई बैठकें हुईं, लेकिन कोई रास्ता नहीं निकला. इसके बाद मुख्य सचिव सुखदेव सिंह ने स्मार्ट सिटी में ट्रैफिक चिल्ड्रेन पार्क बनाने के लिए जमीन देने का निर्देश संबंधित विभाग को दिया था.
सड़कों पर यातायात का बोझ बढ़ता जा रहा है. लेकिन, उस अनुपात में ट्रेंड ड्राइवर नहीं हैं. यही वजह है कि राज्य में रोजाना 10 लोगों की मौत सड़क हादसे में हो रही है. ट्रैफिक पार्क बनने से वाहन चलाने के तरीके, ट्रैफिक से जुड़े चिह्न और नियमों की जानकारी बच्चों व उनके अभिभावकों को मिल सकेगी. वहीं, अंडरपास, सिग्नल, रेलवे फाटक व सड़क के तीखे मोड़ सहित अन्य स्थानों पर लगे साइन बोर्ड, विभिन्न प्रकार के गाड़ियों की गति कहां पर क्या रहती है
व वाहनों के ओवरटेक करने से होने वाले नुकसान संबंधी जानकारी ट्रैफिक पार्क में आसानी से मिलेगी. पार्क में बच्चों के मनोरंजन के भी साधन होंगे. खेलकूद व बैटरी वाहन की व्यवस्था होगी. बैटरी गाड़ी चलाते वक्त ट्रैफिक सिग्नल की महत्ता की भी जानकारी बच्चों को दी जायेगी.