jharkhand vaccination रांची : झारखंड में कोरोना टीकाकरण की गति धीमी है. राज्य के 24 में से नौ जिलों की स्थिति अधिक खराब है. 10 माह के अभियान के बाद भी टीकाकरण के आंकड़ों में सुधार नहीं हो पाया है. बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन जिलों के उपायुक्त से बात कर कम टीकाकरण का कारण पूछेंगे. इन नौ जिलों पाकुड़, साहिबगंज, गढ़वा, देवघर, प सिंहभूम, गिरिडीह, गोड्डा, लातेहार और गुमला में प्रथम और दूसरे डोज का टीकाकरण कम हो पाया है.
इन जिलों में लक्ष्य का 60 फीसदी भी पहला डोज नहीं लग पाया है. वहीं, दूसरे डोज में आंकड़ा अधिकतम 22 फीसदी तक जा पहुंचा है. हालांकि टीकाकरण की रफ्तार को बढ़ाने के लिए राज्य सरकार ने प्रति दिन तीन लाख लोगों को टीका देने का नया लक्ष्य तय किया है, लेकिन 10 दिन बाद भी हम लक्ष्य का 50 फीसदी भी पूरा नहीं कर पा रहे हैं.
इन जिलों के वरीय पदाधिकारियों का कहना है कि टीकाकरण में लोगों की सहभागिता नहीं हो पा रही है. वैसे, जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है, जिससे लोगों को टीका केंद्रों तक पहुंचाया जा सके. वहीं कुछ जिलों के सिविल सर्जन का कहना है कि टीकाकरण का आंकड़ा केंद्रों से समय पर नहीं मिल पा रहा है, जिससे कुल आंकड़े में हम पीछे दिख रहे हैं. वहीं कुछ जिलों के अधिकारियों का कहना है कि विशेष अभियान चलाया जा रहा है, जिससे टीकाकरण की गति में तेजी आयी है.
झारखंड में कोरोना टीकाकरण की रफ्तार धीमी है. स्वास्थ्य विभाग के आंकड़े (एक नवंबर) की मानें, तो राज्य में अभी तक 2,05,73,465 लोगों का टीकाकरण हुआ है, जिसमें 1,49,87,246 को पहला और 55,86,219 को दूसरा डोज मिला है. राज्य में कुल टीकाकरण में 62.13 फीसदी को पहला और 23.12 फीसदी को दूसरा डोज मिला है.
पहला डोज सबसे अधिक रामगढ़ जिले में 75 फीसदी और रांची में 70 फीसदी है. वहीं दूसरे डोज में पूर्वी सिंहभूम में 39 फीसदी और रांची में 30 फीसदी टीकाकरण हुआ है. राज्य में कुल टीकाकरण 2,05,73,465 में 1,77,35,518 को कोविशील्ड और 28,29,463 को को-वैक्सीन का टीका दिया गया है. रांची में सबसे ज्यादा 21,68,214 को टीका दिया गया है, जिसमें 18,53,344 को कोविशील्ड और 3,07,658 को को-वैक्सीन का टीका दिया गया है.
राज्य में स्पूतनिक का टीकाकरण रांची और पूर्वी सिंहभूम जिले में किया गया है. रांची में 7,212 लोगों को और पूर्वी सिंहभूम में 1,272 लोगों को टीका लगाया गया है.
राज्य के नौ जिलों में टीकाकरण की रफ्तार में कमी पर संबंधित पदाधिकारियों ने कई कारण गिनाये हैं. चाईबासा के डीसी अनन्य मित्तल ने कहा कि पर्व-त्योहार और धनरोपनी आदि के कारण वैक्सीनेशन पर असर पड़ा है. पाकुड़ डीसी वरुण रंजन ने बताया कि जिले की 30 फीसदी आबादी जंगल व पहाड़ी क्षेत्र में रहती है. दुर्गम क्षेत्र में समय पर वैक्सीनेशन उपलब्ध कराना यहां चुनौती है. साहिबगंज डीसी रामनिवास यादव ने कहा कि साहिबगंज जिले के गंगा नदी व पहाड़ से घिरे होने के कारण टीकाकरण में कठिनाई आयी.
पाकुड़ 658399 487989 378647 57.51 109342 16.61
गढ़वा 967235 606891 457347 47.28 149544 15.46
साहिबगंज 841308 563606 431000 51.23 132606 15.76
देवघर 1091021 800420 569517 52.20 230903 21.16
प सिंहभूम 1098527 856199 630493 57.39 225706 20.55
गिरिडीह 1788159 1295991 994591 55.62 301400 16.86
गोड्डा 960484 726433 527888 54.96 198545 20.67
लातेहार 531575 379993 295042 55.50 84951 15.98
गुमला 749648 544454 387915 51.75 156539 20.88
Posted By : Sameer Oraon