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Webpulse: वेबपल्स की ओर से मुफ्त प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन, डिजिटल मार्केटिंग और एआई क्षेत्रों में युवा बना सकते हैं करियर

Webpulse: वेबपल्स के सीईओ राहुल रंजन सिंह ने कहा है कि युवाओं को कौशल विकास के जरिए डिजिटल और एआई एक्सपर्ट बनाया जा सकता है. इस क्षेत्र में छोटे शहरों के युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा करने की अपार क्षमता है.

Webpulse: हाल के समय में डिजिटल को लेकर लोगों का रुझान काफी बढ़ा है. भारत में डिजिटल परिदृश्य तेजी से विकसित हो रहा है. मेट्रोपॉलिटन केंद्रों से इतर छोटे-छोट राज्यों के युवा डिजिटल की ओर तेजी से आकर्षित हो रहे हैं. इसी कड़ी में वेबपल्स के सीईओ राहुल रंजन सिंह ने एक खास पहल की है. फ्री ट्रेनिंग देकर युवाओं को प्रशिक्षित किया जा रहा है. वेबपल्स का उद्देश्य है युवाओं को वेब डेवलपमेंट, डिजिटल मार्केटिंग, सेल्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) जैसी उभरती प्रौद्योगिकियों में आवश्यक कौशल प्रदान करना है. बता दें, राहुल रंजन सिंह ने साल 2020 के कोरोना काल के बाद की अनिश्चितताओं के बीच झारखंड में एक वेबपल्स का शाखा कार्यालय खोलकर अपने संचालन का विस्तार करने का अहम फैसला लिया.

इसी कड़ी में नई दिल्ली स्थित वेबपल्स फाउंडेशन की ओर से वेब तकनीक, डिजिटल मार्केटिंग, सेल्स और एआई एकीकरण में युवाओं को कौशल प्रदान करने के लिए मुफ्त प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कर रही है. इन कार्यक्रमों का उद्देश्य युवाओं को सार्थक रोजगार पाने के लिए सशक्त बनाना और शहरी पलायन को कम करना है. कई लोगों ने इस पहल पर कहा है कि इससे बड़े बदलाव की भी संभावना रहती है. उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे भारत प्रौद्योगिकी और डिजिटल सेवाओं का वैश्विक केंद्र बनता जा रहा है, कुशल पेशेवरों की मांग लगातार बढ़ रही है.

डिजिटल को लेकर राहुल ने कहा कि हमने पूरे झारखंड से अत्यधिक ऊर्जावान और प्रतिभाशाली युवा पाए. जो वेब डेवलपमेंट, डिजिटल मार्केटिंग, एचआर, और टेलीसेल्स में सीखने और काम करने के लिए उत्सुक थे. उन्हें केवल कौशल विकास और आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए एक अवसर की आवश्यकता थी. उन्होंने कहा कि बीते चार वर्षों में हमने वेबपल्स रांची में 500 से अधिक फ्रेशर्स को प्रशिक्षित किया है. इनमें से 50 से अधिक अब वेबपल्स के साथ काम कर रहे हैं, जबकि बाकी 450 से अधिक विभिन्न आईटी कंपनियों में नौकरी पा चुके हैं.

उन्होंने कहा कि इससे रोजगार के अवसर तो बढ़े ही हैं, साथ ही इस क्षेत्र में कौशल विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान मिला है. उन्होंने कहा कि फ्रेशर्स को सीखने और कौशल विकसित करने का मौका चाहिए. यह उनके आत्मविश्वास को बढ़ाता है, और एक बार जब वे सही कौशल से लैस हो जाते हैं, तो उद्योग उन्हें खुले हाथों से स्वीकार करता है.

राहुल रंजन सिंह का कहना है कि देश के छोटे शहरों में बेरोजगारी काफी है. यहां के युवाओं में तकनीकी और व्यावसायिक प्रशिक्षण की भी कमी है. ऐसे में वेबपल्स फाउंडेशन इस दिशा में काम कर रहा है. यहां प्रशिक्षण कार्यक्रमों की पेशकश करके, फाउंडेशन युवाओं को डिजिटल मार्केटिंग और एआई क्षेत्रों में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए आवश्यक कौशल प्रदान कर रहा है, जिससे वे नौकरी के लिए तैयार और नियोक्ताओं द्वारा अत्यधिक मांग वाले बन जाते हैं.

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