jharkhand news, witch hunting cases in jharkhand, रांची : 2015 से अक्तूबर 2020 तक राज्य में डायन बिसाही के आरोप में 211 महिलाओं की हत्या की गयी है. इनमें सर्वाधिक चाईबासा की 40, गुमला की 32, खूंटी की 29, सिमडेगा की 22 और रांची की 20 महिलाएं शामिल हैं. झारखंड पुलिस के रिकाॅर्ड में वर्ष 2015 से अक्तूबर 2020 तक 4658 डायन अधिनियम से जुड़े मामले विभिन्न जिलों के थानों में दर्ज किये गये हैं.
इनमें सबसे ज्यादा गढ़वा में 1278, पलामू में 446, हजारीबाग में 406, गिरिडीह में 387, देवघर में 316, गोड्डा में 236 मामले दर्ज किये गये हैं. यानी हर वर्ष डायन बिसाही के आरोप में प्रताड़ना और हत्या के औसतन 931 मामले सामने आते हैं. ये भयावह आंकड़े बताते हैं कि ‘डायन’ प्रथा झारखंड की महिलाओं के लिए अभिशाप बना हुआ है. इस सामाजिक कुरीति को खत्म करने के लिए राज्य में ‘डायन प्रथा प्रतिरोध अधिनियम-2001’ बना हुआ है, लेकिन कड़ाई से इसका पालन नहीं होता.
इस अंधविश्वास की आड़ में दरअसल संपत्ति के लोभ में महिलाओं की हत्या की जा रही है. वर्षों से यह सिलसिला चला आ रहा है. अब समाज को खुद से यह सवाल पूछना होगा, कि जघन्य अपराध का यह सिलसिला आखिर कब थमेगा.
डायन बिसाही के नाम पर औरतों को तरह-तरह से प्रताड़ित किया जाता है. महिलाओं को मारपीट करना. मल-मूत्र पिलाना. निर्वस्त्र कर उनके साथ दुराचार करना. उनकी हत्या करना. साथ ही उनके परिवार के लोगों को प्रताड़ित कर सामाजिक तौर पर हुक्का-पानी बंद करने की बात सामने आती रहती है.
जांच के दौरान कई मामले ऐसे भी पाये गये हैं, जिसमें पता चला है कि पीड़िता विधवा है. ऐसे में उसकी संपत्ति हड़पने के लिए उसके नाते-रिश्तेदार व दबंग प्रवृत्ति के लोग उसे डायन बता प्रताड़ित करते हैं या फिर उन्हें दूसरे लोगों के माध्यम से प्रताड़ित करवाते हैं. वहीं नि:संतान दंपती की हत्या भी संपत्ति हड़पने के लिए डायन बिसाही के आरोप में कर दी जाती है.
पुलिस के अधिकारी बताते हैं कि अधिकतर घटनाओं में यह बात सामने आती है कि किसी का बच्चा बीमार है. किसी का बच्चा या घर के लोग बीमारी की वजह से मर जाते हैं, तो अशिक्षित लोग अंधविश्वास में ओझा-गुणी के पास झाड़-फूंक के लिए चले जाते हैं. वहां ओझा गुणी गांव के किसी महिला या पुरुष का नाम बता देता है कि उसने जादू टोना किया है. गुस्से में लोग उक्त व्यक्ति या महिला को प्रताड़ित करते हैं. उसकी हत्या भी कर देते हैं.
4658 मामले सामने आ चुके हैं वर्ष 2015 से अक्तूबर 2020 तक
गढ़वा 09 1278
पलामू 07 446
हजारीबाग 01 406
गिरिडीह 04 387
देवघर 01 316
चतरा 02 251
गोड्डा 00 236
जामताड़ा 01 159
बोकारो 01 126
साहिबगंज 01 120
लातेहार 03 112
गुमला 32 107
जिला डायन हत्या कुल मामले
रांची 20 96
रामगढ़ 01 92
लोहरदगा 03 77
कोडरमा 00 76
चाईबासा 40 62
धनबाद 00 61
पाकुड़ 04 50
दुमका 07 49
जमशेदपुर 09 44
खूंटी 29 40
सिमडेगा 22 32
सरायकेला 08 35
गढ़वा, पलामू, हजारीबाग, गिरिडीह, देवघर और गोड्डा में होते हैं प्रताड़ना और हत्या के सबसे ज्यादा मामले
राज्य में बना है ‘डायन प्रथा प्रतिरोध अधिनियम-2001’, लेकिन कड़ाई से नहीं किया जाता इसका पालन
Posted By : Sameer Oraon