रांची, राजीव पांडेय : कम उम्र के लोगों में भी हार्ट की बीमारी का खतरा बढ़ा है. इसमें 30 साल से कम आयु के लोग शामिल हैं. यह बीमारी अब जानलेवा हो गयी है. डब्ल्यूएचओ के अनुसार, हर वर्ष 17.5 मिलियन मरीजों की मृत्यु हार्ट और उससे संबंधित बीमारी से होती है. इसमें 80 फीसदी को समय रहते इलाज मिलने पर बचाया जा सकता है. वहीं, हार्वर्ड की स्टडी के अनुसार, झारखंड की 13 फीसदी आबादी हार्ट की बीमारी से पीड़ित है. हार्ट की बीमारी से बचाव के लिए राज्य में नॉन कम्युनिकेबल डिजीज (एनसीडी) की स्क्रीनिंग की जा रही है. हार्वर्ड की स्टडी में पाया गया कि झारखंड की शहरी आबादी के 30 फीसदी लोग हाई ब्लड प्रेशर और 14 से 20 फीसदी डायबिटीज से पीड़ित हैं. स्थिति की गंभीरता को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग की ओर से राज्य में नॉन कम्युनिकेबल डिजीज (एनसीडी) की स्क्रीनिंग की जा रही है. रिपोर्ट की मानें, तो इस साल 14,81,466 लोगों की स्क्रीनिंग (अप्रैल से अभी तक) की गयी, जिसमें शुगर के 1,20,196 और बीपी के 2,36,177 संभावित मरीज मिले हैं.
स्क्रीनिंग में चिह्नित मरीजों (जिनमें शुगर और बीपी का स्तर सामान्य से ज्यादा पाया जा रहा है) को दवा दी जा रही है. वहीं, बॉर्डर लाइन (सामान्य स्तर तक) के मरीजों को संभावित मरीज मानते हुए जीवनशैली में सुधार लाने को कहा जा रहा है. ऐसे मरीजों को योग और व्यायाम से जुड़ने की सलाह दी जा रही है, ताकि समय रहते उन्हें स्वस्थ किया जा सके.
पहली बार 2000 में मनाया गया था विश्व हृदय दिवस
दुनिया में पहली बार विश्व हृदय दिवस 24 सितंबर 2000 को मनाया गया था. डब्ल्यूएचओ के पूर्व अध्यक्ष एंटोनी बार्ड डी लूना को विश्व हृदय दिवस मनाने का विचार आया. उन्होंने एक रिपोर्ट को आधार बनाते हुए इसको मनाने का सुझाव दिया. इसके बाद 29 सितंबर को विश्व हृदय दिवस मनाने का फैसला लिया गया. यह दिवस हृदय की बीमारियों से बचने व इलाज के लिए लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से मनाया जाता है.
इस साल का थीम- यूज हार्ट, नो हार्ट
विश्व हार्ट फेडरेशन और डब्ल्यूएचओ ने वर्ष 2023 में विश्व हृदय दिवस का थीम यूज हार्ट, नो हार्ट निर्धारित किया है. इसका उद्देश्य हृदय की बीमारी के बारे में जागरूक रहना और हृदय को स्वस्थ रखना है.
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डब्ल्यूएचओ ने किया आगाह
हार्ट के बढ़ते मामले को लेकर डब्ल्यूएचओ ने चेतावनी जारी की है. डब्ल्यूएचओ ने बताया है कि 25 से 40 वर्ष की उम्र में 53 फीसदी युवा हार्ट अटैक के हार्ड रिस्क जोन में है. वहीं, 10 में आठ या नौ लोगों को अस्पताल पहुंचने का मौका नहीं मिल रहा है. ऐसे में हार्ट की बीमारी को लेकर सतर्क रहने की जरूरत है.
क्या कहते हैं विशेषज्ञ डॉक्टर
हार्ट की बीमारी का प्रमुख कारण ब्लड प्रेशर और शुगर है. लेकिन, जानकारी के अभाव में लोग समय पर इलाज नहीं कराते हैं. नतीजा यह होता है कि हार्ट की बीमारी शुरू हो जाती है और हार्ट अटैक और हार्ट फेल्योर का खतरा बढ़ जाता है. हार्ट की बीमारी से बचाव के लिए समय-समय पर अपने स्वास्थ्य की जांच करायें. पौष्टिक युक्त भोजन का इस्तेमाल करें. व्यायाम और योग को शामिल करें. धूम्रपान और शराब से बचें.
-डॉ रितेश कुमार, हृदय रोग विशेषज्ञ, आलम हॉस्पिटल
हार्ट की बीमारी बढ़ी है. चिंता की बात यह है कि 30 से 35 साल के युवा भी इसकी चपेट में आ रहे हैं. हृदय रोग से बचाव के लिए स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के साथ संतुलित और पौष्टिक खानपान का सेवन करें. साल में एक बार अपने स्वास्थ्य की पूरी जांच करायें. चिकित्सक से परामर्श लेकर सभी आवश्यक ब्लड टेस्ट भी करायें. खाने में नमक की मात्रा कम करें. हरी साग-सब्जी और फल को अपने खानपान में शामिल करें. अपने आप को एक्टिव रखें और नियमित आधा से एक घंटे तक व्यायाम करें.
-डॉ अभय कुमार चौधरी, कार्डियक सर्जन, आलम हॉस्पिटल
हार्वर्ड की स्टडी में यह पाया गया है कि झारखंड की 13 फीसदी आबादी हार्ट की बीमारी से पीड़ित है. वहीं, केरला में सबसे अधिक 19 फीसदी आबादी हार्ट की बीमारी से पीड़ित है. झारखंड में 13 फीसदी का आंकड़ा देश में सबसे कम है, लेकिन इस बीमारी से पीड़ित होने वाले लोगों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. ऐसे में लोगों को शुगर और बीपी की बीमारी से खुद को बचा कर रखने की जरूरत है.
-डॉ राजेश कुमार झा, हृदय रोग विशेषज्ञ, राज हॉस्पिटल
दिल को सुरक्षित रखने का सबसे अच्छा तरीका सही खानपान और नियमित व्यायाम है. तनाव से अपने को बचाकर रखें. रोजाना सात से आठ घंटे की नींद लें. मेहनत करें और अपने को एक्टिव रखें. समय-समय पर अपने स्वास्थ्य की जांच करायें. बीपी और शुगर की नियमित जांच कराते रहें.
-डॉ रोहित कुमार, हृदय रोग विशेषज्ञ, मेडिका
रिम्स में हार्ट के मरीजों की संख्या बढ़ी है. 30 से 35 साल के युवा हार्ट अटैक की समस्या लेकर आ रहे हैं. कम उम्र में युवा सिक्स पैक बनाने की होड़ में हैं. इसलिए जिम में जाकर कठिन व्यायाम करते हैं. इससे शरीर में अचानक ऑक्सीजन की कमी हो जाती है. यह मौत का कारण बन रहा है. जिम में कठिन व्यायाम की जगह अपने को अंदर से स्वस्थ बनाने का प्रयास करें. संतुलित खाना खायें और धूम्रपान से दूर रहें.
-डॉ प्रशांत कुमार, हृदय रोग विशेषज्ञ, रिम्स
हार्ट की समस्या तेजी से बढ़ी है, क्योंकि इसको लेकर लोग जागरूक नहीं हैं. अक्सर लोग गैस की समस्या समझकर खुद ही इलाज करने लगते हैं. जब हार्ट की बड़ी समस्या आती है तो अस्पताल में भर्ती करने की नौबत आ जाती है. हार्ट की बीमारी से बचने के लिए स्वस्थ जीवनशैली जरूरी है.
-डॉ दीपक गुप्ता, वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ
Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.