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Jharkhand: स्वास्थ्य विभाग के निदेशक प्रमुख डॉ कृष्ण कुमार बोले, स्वस्थ रहने के लिए लें आयोडीनयुक्त नमक

लोगों को आयोडीनयुक्त नमक लेना चाहिए. गर्भवती महिलाओं, बच्चों और वृद्धों में विशेषकर आयोडीन की जांच की जानी चाहिए. विश्व आयोडीन न्यूनता विकार नियंत्रण दिवस के मौके पर वह मुख्य अतिथि के तौर पर स्कूली बच्चों और शिक्षकों को संबोधित कर रहे थे.

World Iodine Deficiency Disorder Control Day 2022: स्वास्थ्य विभाग के निदेशक प्रमुख डॉ कृष्ण कुमार ने कहा है कि लोगों को आयोडीनयुक्त नमक का इस्तेमाल करना चाहिए. आयोडीन ऐसा एलिमेंट है, जो हमारे शरीर में नहीं बनता, बल्कि उसे आउटसोर्स करना पड़ता है. रांची जैसे पहाड़ी स्थानों पर आयोडीन की कमी और ज्यादा हो जाती है, क्योंकि पहाड़ी स्थानों में उगने वाली साग-सब्जियों में आयोडीन की पर्याप्त मात्रा नहीं मिल पाती. गर्भवती महिलाओं, बच्चों और वृद्धों में विशेषकर आयोडीन की जांच की जानी चाहिए. विश्व आयोडीन न्यूनता विकार नियंत्रण दिवस के मौके पर वह मुख्य अतिथि के तौर पर स्कूली बच्चों और शिक्षकों को संबोधित कर रहे थे.

बिना आयोडीनयुक्त नमक बेचना प्रतिबंधित

रांची जिले के नामकुम स्थित राजकीयकृत बुनियादी मध्य विद्यालय में कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुई. इसके पूर्व सभी अतिथियों का स्वागत किया गया. निदेशक प्रमुख ने कहा कि वर्ष 2006 में भारत सरकार ने बिना आयोडीनयुक्त नमक बेचना प्रतिबंधित कर दिया है.

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नमक में पाए जाते हैं 80 से भी ज्यादा तत्व

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन झारखंड के आईईसी कोषांग प्रभारी डॉ प्रदीप कुमार सिंह ने कहा कि आयोडीन नमक हमारे जीवन में महत्वपूर्ण रोल अदा करता है. इसमें 80 से ज्यादा प्रकार के तत्व पाए जाते हैं. गर्भस्थ शिशुओं के ग्रोथ के लिए और बच्चों के मानसिक और शारीरिक विकास के लिए आयोडीन सबसे जरूरी है.

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बुद्धि और शक्ति का रक्षक है आयोडीन नमक

राज्य आयोडीन कार्यक्रम प्रभारी डॉ एसपी शर्मा ने कहा कि आयोडीन बुद्धि एवं शक्ति का रक्षक है. आयोडीन ज्यादा ग्रहण कर लेने के बाद भी कोई परेशानी नहीं होती क्योंकि इसकी अधिकता मूत्र मार्ग से बाहर निकल जाती है. आयोडीन की कमी से मानसिक और शारीरिक विकास अवरुद्ध होता है. स्कूलों, आंगनबाड़ी केंद्रों और विभिन्न स्थानों पर जा जा कर आयोडीन नमक का नमूना लिया जा रहा है. मौके पर उपस्थित सहियाओं ने बच्चों को किट के माध्यम से स्कूल के माध्यह्न भोजन में प्रयुक्त नमक की जांच की. जांच में आयोडीन उपयुक्त मात्रा पाई गई. बच्चों के बीच आयोजित विभिन्न प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कार और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया. स्कूल के प्रधानाध्यापक प्रवीण गुप्ता ने धन्यवाद ज्ञापन किया. मौके पर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी, कर्मचारी, स्कूली शिक्षक-शिक्षिकाएं और काफी संख्या में बच्चे उपस्थित थे.

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