पुराने जेल परिसर में ही ट्राइबल रिसर्च इंस्टीट्यूट (टीआइआर) आदिवासी विकास व उनसे जुड़े मुद्दों पर सेमिनार और पैनल डिस्कशन करेगा. इसमें ख्याति प्राप्त आदिवासी साहित्यकार, विशेषज्ञ और इतिहासकार शामिल होंगे. आदिवासी महोत्सव में पहली बार ट्राइबल फिल्म फेस्टिवल भी लगेगा, जिसमें आदिवासी समुदाय पर बनी देश-दुनिया की बेहतरीन फिल्में दिखायी जायेंगी. साथ ही पेंटिंग एग्जीबिशन में देशभर के प्रसिद्ध कलाकार ऑन द स्पॉट पेंटिंग कर आदिवासी समुदाय के संघर्ष, उनकी संस्कृति, परंपरा और सुंदरता को कागज पर उकेरने पहुंच रहे हैं. ट्राइबल फूड्स फेस्टिवल आकर्षण का केंद्र होगा.
देशभर के आदिवासी समुदाय को जोड़ने के लिए ट्राइबल सेलिब्रिटीज को आमंत्रित किया गया है. आदिवासी समुदाय के कई यूथ आइकॉन के साथ अंतरराष्ट्रीय बॉक्सर मेरीकॉम, हॉकी इंडिया के अध्यक्ष दिलीप तिर्की, अंतरराष्ट्रीय तीरंदाज कोमालिका बारी, फेमिना मिस इंडिया रिया तिर्की और क्वीन ऑफ इंटरनेशनल टूरिज्म-2003 एंजल मरीना तिर्की महोत्सव को भव्य बनायेंगे. हॉकी, फुटबॉल, एथलेटिक और तीरंदाजी प्रतियोगिताएं भी होंगी. विजेताओं को नकद राशि दी जायेगी. साथ ही विभिन्न राज्यों के जनजातीय कलाकार सांस्कृतिक प्रस्तुति देंगे. गीत, नृत्य व इंस्ट्रूमेंटल परफॉरमेंस के साथ नेशनल व इंटरनेशनल बैंड का सांस्कृतिक कार्यक्रम होगा.
जेएसएलपीएस के स्टॉल पर सखी मंडल की महिलाओं के निर्मित उत्पाद (पलाश व आदिवा ब्रांड) की मार्केटिंग होगी. पलाश और आदिवा ब्रांड की प्रदर्शनी और बिक्री की जायेगी. पलाश ब्रांड के तहत राज्यभर की ग्रामीण महिलाएं खाद्य और गैर-खाद्य उत्पादों के उत्पादन, प्रसंस्करण और विपणन के माध्यम से अपनी आजीविका अर्जित कर रही हैं. वहीं, आदिवा ब्रांड के तहत पारंपरिक आभूषणों को बाजार उपलब्ध कराया जा रहा है. आदिवासी महोत्सव में लोक पारंपरिक आदिवासी आभूषणों को लोग देख और खरीद पायेंगे. स्टॉलों में 30 से ज्यादा उत्पादों की प्रदर्शनी और बिक्री की जायेगी. इनमें शुद्ध शहद, कोल्ड प्रेस्ड सरसों का तेल, काला गेहूं का आटा, हल्दी, मिर्च पाउडर, रागी का आटा, रसायन मुक्त साबुन, कुकीज आदि शामिल हैं.
नौ और 10 अगस्त को झारखंड आदिवासी महोत्सव मनेगा. यह महोत्सव भगवान बिरसा मुंडा की याद में बनाये गये ट्राइबल म्यूजियम और पार्क को देश भर में प्रसिद्धि देगा. राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित होनेवाले इस महोत्सव में भगवान बिरसा मुंडा के अंतिम दिनों के गवाह रहे जेल में पूरे देश के आदिवासी समुदाय का प्रतिनिधत्व होगा. इसी वजह से भगवान बिरसा मुंडा संग्रहालय व स्मृति पार्क का चयन आदिवासी महोत्सव के लिए किया गया है.
भगवान बिरसा मुंडा की याद में बनाये गये ट्राइबल म्यूजियम और पार्क के बारे में दुनिया को बताने के लिए महोत्सव के लिए पुराना जेल परिसर का चयन किया गया है. आदिवासी महोत्सव के माध्यम से झारखंड पूरे देश के आकर्षण का केंद्र होगा. कार्यक्रम को पिछले वर्ष से ज्यादा भव्य और यादगार बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है.
– अजयनाथ झा, विशेष सचिव, कल्याण विभाग