बरहरवा. जरा सोचिए ! आप अपने घर में लगी पानी की टंकी में पानी भरने के लिए मोटर चालू करें लेकिन टंकी में पानी ही न आये. आपके घर में बिजली है, पानी का मोटर भी ठीक है तो आप क्या समझेंगे. ऐसा हो भी सकता है क्योंकि नगर क्षेत्र में जिस तरह धड़ल्ले से डीप बोरिंग हो रहा है, आने वाले समय में इस गम्भीर समस्या से जूझना पड़ सकता है. नगर क्षेत्र में लगातार हो रहे बोरिंग से भूमिगत जलस्तर गिरता जा रहा है. नगर पंचायत के पास भविष्य में होने वाली संभावित परेशानी से राहत पाने के लिए कोई प्लान नहीं है. जल की एक एक बूंद मनुष्यों, पेड़-पौधों, जानवरों के लिए कीमती है. यदि हम सबने समय रहते इसके संरक्षण की पहल नही की तो आने वाले समय में हम सब को जल संकट की स्थिति से गुजारना पड़ेगा हमें भविष्य में जल को खरीद कर ही सभी काम पूरे करने पड़ेंगे. लोग बताते हैं कि आज से करीब 40 वर्ष पहले बरहरवा क्षेत्र में 30 से 40 फीट में बोरिंग करने से ही भूमिगत जल मिल जाता था लेकिन आज वह 8 गुना बढ़कर 200 फिट से भी ज्यादा नीचे तक चला गया है. उसके बावजूद भी शुद्ध पेयजल मिले इसकी कोई गारंटी नहीं है. नगर पंचायत के द्वारा भी बोरिंग कर नगर के ज्यादा से ज्यादा घरों को पानी दिया जा रहा है यदि लोग इसका भी उपयोग करें और बोरिंग करने से बचें तो इसका लाभ हम सबों को मिलेगा. नपं में प्रतिवर्ष हो रहे 60 से अधिक बोरिंग, लगातार गिर रहा भूमिगत जलस्तर नगर पंचायत के विभिन्न वार्डों में लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए सोलर संचालित पानी टंकी, बोरिंग सह पाइपलाइन की व्यवस्था की गई है. वहीं, नपं क्षेत्र में वर्तमान समय में 253 चापाकल दुरुस्त हैं. कुछ खराबी होने पर इसे ठीक करने के लिए मिस्त्री भी कार्य कर रहे हैं. प्राप्त जानकारी के अनुसार, प्रत्येक 5 से 7 घरों के अंतराल में एक बोरिंग हो रहा है. हर माह 5 से अधिक बोरिंग नगर क्षेत्र में लोग कर रहे हैं. गौर करें तो 60 से अधिक बोरिंग एक वर्ष में कर दिए जा रहे हैं. हालांकि, नगर पंचायत मुख्य रास्तों, गली, मुहल्ले में बोरिंग के बाद जमने वाले गंदगी की सफाई करने के एवज में कुछ शुल्क भी ले रही है. जानकारी हो कि आज से करीब 40 वर्ष पूर्व बरहरवा के विभिन्न इलाकों में भूमिगत जल काफी ऊपर था. उस समय महज 30 से 40 फीट में ही बोरिंग का पानी मिल जाता था लेकिन आज यह 8 गुना बढ़कर 200 से अधिक 240 फीट तक पहुंच गया है. रेन वाटर हार्वेस्टिंग से मिल सकती है राहत पानी की एक एक बूंद मूल्यवान हैं. हमें पानी को बेतरतीब खर्च करने के बजाय उसके संरक्षण के बारे में भी चिंता करने की आवश्यकता है. हमें रेन वाटर हार्वेस्टिंग पर भी जोर देना चाहिए. इसमें बरसात के पानी को जहां तहां पानी के टैंक बनाकर इकट्ठा किया जाता है. इस प्रकार पानी को इकट्ठा करने से भूमिगत जल रिचार्ज होता है. यह हमलोग अपने घरों पर भी हम कर सकते हैं. इसके अलावा हमें अपने आसपास के पेड़ पौधों को भी संरक्षित करने की आवश्यकता है.
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