11.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

खरसावां विधानसभा पर 2009 तक BJP का था दबदबा, फिर JMM ने पलट दी बाजी

खरसावां विधानसभा सीट पर वापसी करना भाजपा के लिए अब भी बड़ी चुनौती है. यहां से विधायक रहते हुए भाजपा के अर्जुन मुंडा ने मंत्री से लेकर मुख्यमंत्री व विपक्ष के नेता तक का सफर तय किया था.

शचिंद्र कुमार दास, खरसावां : खरसावां विधानसभा क्षेत्र में राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गयी है. झामुमो के साथ-साथ भाजपा, जेबीकेएसएस, कांग्रेस व आजसू पार्टी ने चुनाव को लेकर तैयारी शुरू कर दी है. वर्ष 2000, 2005, 2009 के विस चुनाव व 2011 के उपचुनाव में भाजपा ने यहां से दमदार जीत हासिल की थी. इस दौरान खरसावां के भाजपा विधायक अर्जुन मुंडा तीन बार राज्य के मुख्यमंत्री रहे. लेकिन, 2014 के विस चुनाव में झामुमो के दशरथ गागराई ने अर्जुन मुंडा को मात देकर यहां की सियासी बाजी ही पलट दी. 2019 के चुनाव में झामुमो के दशरथ गागराई ने यहां से दूसरी बार जीत दर्ज की.

खरसावां सीट पर वापसी करना भाजपा के लिए अब भी चुनौती

इस सीट पर वापसी करना भाजपा के लिए अब भी बड़ी चुनौती है. यहां से विधायक रहते हुए भाजपा के अर्जुन मुंडा ने मंत्री से लेकर मुख्यमंत्री व विपक्ष के नेता तक का सफर तय किया था. 2000 के विस चुनाव में दूसरी बार विधायक चुने जाने के बाद अर्जुन मुंडा बाबूलाल मरांडी के सरकार में मंत्री बने थे. फिर 2003 में सीएम बने. यहां से चार बार चुनाव जीतने का रिकॉर्ड अर्जुन मुंडा के नाम दर्ज है, जबकि, जनसंघी नेता देवीलाल माटिसोय ने बिहार विस में यहां से तीन बार प्रतिनिधित्व किया था.

1990 के बाद खरसावां से नहीं जीती है कांग्रेस :

खरसावां में कांग्रेस पार्टी का भी अच्छा खासा जनाधार रहा है. यहां से 1990 में अंतिम बार कांग्रेस के विजय सिंह सोय ने जीत दर्ज की थी. इसके बाद यहां से कांग्रेस ने कभी जीत हासिल नहीं की है. हालांकि, इस वर्ष संपन्न हुए लोस चुनाव में खरसावां विस क्षेत्र से कांग्रेस पार्टी को 14,910 वोटों की बढ़त मिली थी.

डेढ़ हजार खर्च कर चुनाव जीते थे गुलाब सिंह मुंडा :

1972 में जीतनेवाले गुलाब सिंह मुंडा ने बताया कि पहले व अभी के चुनाव में काफी बदलाव आया है. उस समय चुनाव में ज्यादा खर्च नहीं होता था. उन्होंने साइकिल से प्रचार कर 1972 का चुनाव जीता था. पूरे चुनाव में करीब डेढ़ हजार रुपये खर्च हुए थे.

13 वर्षों से अधूरा पड़ा है 500 बेड का अस्पताल

खरसावां के आमदा में 500 बेड का अस्पताल 13 वर्षों से अधूरा पड़ा है. इसकी लागत करीब 154 करोड़ रुपये है. इसका निर्माण कार्य 2014 में ही पूर्ण होना था. परंतु अस्पताल का भवन अब तक अपूर्ण है. इस अस्पताल के बन जाने से खरसावां ही नहीं, बल्कि पूरे कोल्हान के लोगों को लाभ मिलता.

Also Read: Jharkhand Assembly Election 2024: कभी भी हो सकती है चुनाव की घोषणा, जानें इस बार कितने चरणों में होगा मतदान

विकास के नये कीर्तिमान स्थापित किये : गागराई

Dasrath 0E30

विधायक दशरथ गागराई ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में खरसावां में विकास के नये कीर्तिमान स्थापित हुए हैं. शिक्षा, बिजली, सिंचाई, स्वास्थ्य व आवागमन से लेकर स्वरोजगार के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य हुए हैं. नये पावर सब स्टेशन स्थापित कर विद्युत आपूर्ति में सुधार किया गया है. गांवों से जोड़ने वाली कई सड़कों का निर्माण हुआ है. 100 से अधिक सरना स्थलों/जाहेरथानों को संरक्षित किया गया है. कला संस्कृति भवन/धुमकुड़िया भवन का निर्माण भी करवाया गया है. बुरूडीह में डिग्री कॉलेज व खूंटपानी में उद्यान महाविद्यालय बिंज में कक्षाएं प्रारंभ करवायी गयी हैं. खरसावां जलापूर्ति योजना का कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है. कई स्कूलों के भवन बनाये गये हैं. खरसावां सीएचसी के लिए नये भवन के निर्माण को स्वीकृति प्रदान की गयी है.

10 साल से खरसावां का विकास प्रभावित है : सोय

भाजपा के पूर्व विधायक मंगल सिंह सोय (2009 में चुनाव जीते थे) ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में खरसावां का विकास एक तरह से ठहर गया है. यहां की जनता खुद को ठगा महसूस कर रही है. पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा के कार्यकाल में यहां विकास के कई कार्य किये गये थे. अस्पताल का निर्माण अधूरा है. सुरू सिंचाई परियोजना अब तक अपूर्ण है. सल्कि उद्योग बदहाल है. गांव में सूत कताई-बुनाई का कार्य बंद होने से तसर से जुड़ीं महिलाओं को रोजगार नहीं मिल पा रहा है. ग्रामीण सड़कों की स्थिति बदतर है. शैक्षणिक संस्थानों की स्थिति ठीक नहीं है. बुरुडीह की संजय नदी पर पुल का एप्रोच रोड नहीं बन पाया है.

Mangal

डेढ़ हजार खर्च कर चुनाव जीते थे गुलाब सिंह मुंडा

1972 में जीतनेवाले गुलाब सिंह मुंडा ने बताया कि पहले व अभी के चुनाव में काफी बदलाव आया है. उस समय चुनाव में ज्यादा खर्च नहीं होता था. उन्होंने साइकिल से प्रचार कर 1972 का चुनाव जीता था. पूरे चुनाव में करीब डेढ़ हजार रुपये खर्च हुए थे.

13 वर्षों से अधूरा पड़ा है 500 बेड का अस्पताल

खरसावां के आमदा में 500 बेड का अस्पताल 13 वर्षों से अधूरा पड़ा है. इसकी लागत करीब 154 करोड़ रुपये है. इसका निर्माण कार्य 2014 में ही पूर्ण होना था. परंतु अस्पताल का भवन अब तक अपूर्ण है. इस अस्पताल के बन जाने से खरसावां ही नहीं, बल्कि पूरे कोल्हान के लोगों को लाभ मिलता.

बीते 3 विधानसभा का चुनाव परिणाम

विधानसभा चुनाव- 2009

उम्मीदवारपार्टीमिले मत
मंगल सिंह सोयभाजपा52661
बासको बेसराकांग्रेस25442

विधानसभा उपचुनाव 2011

उम्मीदवारपार्टीमिले मत
अर्जुन मुंडाभाजपा61,801
दशरथ गागराईझाविमो44,335

विधानसभा चुनाव 2014

उम्मीदवारपार्टीमिले मत
दशरथ गागराईझामुमो72,002
अर्जुन मुंडाभाजपा60,036

विधानसभा चुनाव 2019

उम्मीदवारपार्टीमिले मत
दशरथ गगराईझामुमो73,341
जवाहर लाल बानराभाजपा50,546

अब तक खरसावां विधानसभा से बने विधायकों के नाम

वर्षविधायकपार्टी
1967देवीलाल माटीसायबीजेएस
1969चंद्रमोहन मांझीनिर्दलीय
1972गुलाब सिंह मुंडाजेकेपी
1977देवीलाल माटीसायजेएनपी
1980देवीलाल माटीसायभाजपा
1985विजय सिंह सोयनिर्दलीय
1990विजय सिंह सोयकांग्रेस
1995अर्जुन मुंडाझामुमो
2000अर्जुन मुंडाभाजपा
2005अर्जुन मुंडाभाजपा
2009मंगल सिंह सोयभाजपा
2011अर्जुन मुंडाभाजपा
2014दशरथ गागराईझामुमो
2019दशरथ गागराईझामुमो

Also Read: झारखंड ऊर्जा विकास निगम की 3 कंपनियों के नाम पर बैंकों में खोले गये 350 फर्जी खाते, हुआ बड़ा खुलासा

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें