प्रतिनिधि, सरायकेला
सरायकेला प्रखंड के तबलापुर गांव में सात दिवसीय भागवत सप्ताह का शुभारंभ मंगलवार को हुआ. यहां पुरी से आये कथावाचक पंडित गौरहरि दास ने भगवान श्रीकृष्ण की कथाओं का वर्णन किया. इसके साथ ही उन्होंने कलियुग के आगमन को लेकर कथा सुनायी. उन्होंने कहा कि राजा परीक्षित, शमीक ऋषि से पीने के लिए पानी मांगते हैं, लेकिन ऋषि ध्यान में थे, इसलिए वह राजा की बात का कोई उत्तर नहीं देते हैं. राजा परीक्षित के सिर पर स्वर्ण मुकुट पर विराजमान कलियुग के प्रभाव से राजा ने इसे अपना अपमान समझा और गुस्से के कारण ऋषि के गले में मरा हुआ सांप डाल दिया. स्वर्ण मुकुट में कलियुग के विराजमान रहने के कारण उन्होंने ऋषि का अपमान किया था. ऋषि पुत्र ने अपने पिता के अपमान पर राजा परीक्षित को यह श्राप दिया कि सात दिनों में सांप राजा को डसेगा और उनकी मृत्यु हो जायेगी. श्राप के कारण राजा को सात दिन के बाद नागराज ने डस लिया और उनकी मृत्यु हो गयी. राजा परीक्षित की मृत्यु के बाद से ही कलयुग का शुरुआत माना जाता है.भगवान के 10 अवतारों का वर्णन
भागवत कथा के पहले दिन आसपास गांव के सैंकड़ों लोगों ने भाग लेकर भागवत कथा का श्रवण किया. उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं का बखान करते हुए उनके 10 अवतारों के बारे में बताया. कथा कार्यक्रम प्रत्येक दिन शाम साढ़े छह बजे से रात्रि साढ़े नौ बजे कर कराया जा रहा है. कार्यक्रम के सफल आयोजन में स्थानीय ग्रामीणों की सक्रिय भूमिका है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है