21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Saraikela: भाई-बहन के साथ गुंडिचा मंदिर से श्रीमंदिर पहुंचेंगे प्रभु जगन्नाथ, जानें जिले की क्या है तैयारी

नौ दिनों तक मौसी बाड़ी में विराजमान प्रभु जगन्नाथ, बड़े भाई बलभद्र व बहन सुभद्रा संग वापस श्री मंदिर को लौट आएंगे. भगवान बुधवार को श्री मंदिर पहुंच कर सिंहासन में आरूढ़ होंगे.

सरायकेला (शचिंद्र कुमार दाश) : सरायकेला-खरसावां में मंगलवार को प्रभु जगन्नाथ की बाहुड़ा निकाली गयी. महाप्रभु जगन्नाथ अपने बड़े भाई बलभद्र व बहन देवी सुभद्रा के साथ गुंडिचा मंदिर से श्रीमंदिर के लिए निकले. सरायकेला व हरिभंजा में प्रभु जगन्नाथ अपने भाई-बहन के साथ मंगलवार की रात आधे रास्ते में रुक कर विश्राम किये और बुधवार को अपने निवास स्थान श्रीमंदिर पहुंचेंगे. वहीं खरसावां समेत तमाम ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित जगन्नाथ मंदिरों में मंगलवार को ही प्रभु जगन्नाथ श्रीमंदिर पहुंच गये.

नौ दिनों तक मौसी बाड़ी में विराजमान प्रभु जगन्नाथ, बड़े भाई बलभद्र व बहन सुभद्रा संग वापस श्री मंदिर को लौट आएंगे. भगवान बुधवार को श्री मंदिर पहुंच कर सिंहासन में आरूढ़ होंगे. मंगलवार को पंडितों द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार के साथ करीब पांच बजे जय जगन्नाथ के उदघोष के साथ विग्रहों को कंधे पर रख कर गुंडिचा मंदिर से निकाला गया.

खरसावां में श्रद्धा व उल्लास के साथ प्रभु जगन्नाथ की बाहुड़ा रथ यात्रा संपन्न

खरसावां में प्रभु जगन्नाथ का वार्षिक श्रीगुंडिचा बाहुड़ा रथ यात्रा मंगलवार को श्रद्धा व उल्लास के साथ संपन्न हो गया. मंगलवार को देर शाम गुंडिचा मंदिर में सभी रीति-नीति का पारण करते हुए पूजा अर्चना की. कोविड़-19 को लेकर इस वर्ष रथ यात्रा नहीं निकाली गयी. प्रभु जगन्नाथ, बलभद्र व देवी सुभद्रा रथ के बदले सेवायतों के कंधे पर सवार हो कर मंदिर में पहुंचे. मंदिर पहुंचने पर पूजा अर्चना कर आरती उतारी गयी.

इसके पश्चात प्रभु जगन्नाथ, बलभद्र व देवी सुभद्रा के विग्रहों को पुरोहित व सेवायतों ने कंधे में ले कर गुंडिचा मंदिर से राजवाड़ी परिसर स्थित प्रभु जगन्नाथ के मंदिर तक पहुंचाया. इस दौरान राजवाड़ी के सामने तीनों विग्रहों को प्रतिकात्मक रुप में रथ में बैठा कर धार्मिक रश्म को निभाया गया. भक्तों में प्रसाद का भी वितरण किया गया. इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का भी अनुपालन किया गया. सभी सेवायत मास्क पहने हुए थे. भक्तों की काफी काफी कम रही. मेला का भी आयोजन नहीं हुआ. बाहुड़ा यात्रा पूरी सादगी के साथ आयोजित की गयी. भक्तों में प्रसाद का भी वितरण किया गया. बाहुड़ा यात्रा के दौरान सभी परंपराओं का निर्वाह किया गया.

हरिभंजा में आज श्रीमंदिर के रत्न सिंहासन में भाई-बहन के साथ बिराजेंगे प्रभु जगन्नाथ

खरसावां : हरिभंजा में महाप्रभु जगन्नाथ अपने बड़े भाई बलभद्र, बहन सुभद्रा व सुदर्शन के साथ मंगलवार को गुंडिचा मंदिर से श्रीमंदिर के लिये रवाना हुए. इसके पश्चात पुरोहित व सेवायतों ने चतुर्था मूर्ति प्रभु जगन्नाथ, बलभद्र, देवी सुभद्रा व सुदर्शन की प्रतिमा को अपने कंधे पर ले कर श्रीमंदिर के लिये निकले. इस दौरान चतुर्था मूर्ति को प्रतिकात्मक रुप से रथ पर बैठा कर रस्मों को निभाया गया.

कोविड-19 को लेकर इस वर्ष के बाहुड़ा यात्रा में श्रद्धालुओं की भीड़ काफी कम रही. इस धार्मिक अनुष्ठान में शामिल रहे सेवायत सोशल डिस्टेंसिंग बनाये रखने के साथ साथ मास्क पहने हुए थे. इस दौरान भक्त प्रभु जगन्नाथ के जयघोष लगा रहे थे. मंगलवार को एकदशी होने के कारण चतुर्था मंदिर को मंगलवार की रात श्रीमंदिर के बाहर ही रखा गया. बुधवार की शाम सभी धार्मिक रश्मों को निभाने के बाद प्रभु जगन्नाथ, बलभद्र, देवी सुभद्र व सुदर्शन को श्रीमंदिर स्थित रत्न सिंहासन में ले कर आरुढ़ कराया जायेगा.

इससे पूर्व मंगलवार दोपहर को गुंडिचा मंदिर के आड़प मंडप में सभी धार्मिक रस्मों को निभाया गया. यहां पूजा अर्चना के पश्चात चतुर्था मूर्ति की आरती उतारी गयी. इसके बाद चावल व उड़द की दाल से तैयार पोड़ा पीठा का भोग लगाया गया.

हरिुभंजा में आज श्री मंदिर में प्रवेश करेंगे चतुर्था मूर्ति, चढ़ाया जायेगा छप्पन भोग

हरिभंजा के जगन्नाथ मंदिर में बुधवार की शाम करीब सात बजे महाप्रभु जगन्नाथ, बलभद्र व देवी सुभद्रा अपने श्रीमंदिर में प्रवेश करेंगे. इससे पूर्व बुधवार को ही अधर पणा, छप्पन भोग के रश्म को पूरा किया जायेगा. बुधवार की शाम प्रभु जगन्नाथ को छप्पन भोग का प्रसाद चढ़ाया जायेगा.

रथ में पुरोहितों द्वारा 56 प्रकार के मिष्टान्न भोग चढ़ाया जायेगा. इसके अलावे अधरपणा नीति को भी पूरा किया गया. इस दौरान चतुर्था मूर्ति की महाआरती की उतारी जायेगी. इसके बाद चतुर्था मूर्ति को श्री मंदिर पहुंचा कर रत्न सिंहासन में आरुढ़ कराया जायेगा. बाहुड़ा यात्रा पर प्रभु जगन्नाथ का भव्य श्रंगार किया जायेगा. इसके साथ ही भगवान जगन्नाथ की बाहुड़ा रथ यात्रा संपन्न होगी.

रीमझीम बारिश के बीच बाहुड़ा यात्रा

खरसावां, हरिभंजा तथा आस पास के क्षेत्रों में महाप्रभु जगन्नाथ की बाहुड़ा यात्रा रीम-झीम बारिश के बीच निकली. सेवायतों ने बारिश के बीच देवि-देवताओं को गुंडिचा मंदिर से श्रीमंदिर तक पहुंचाया.

खरसावां : ग्रामीण क्षेत्रों में भी हुआ प्रभु जगन्नाथ के बाहुड़ा यात्रा का आयोजन

खरसावां के ग्रामीण क्षेत्रों में भी बाहुड़ा यात्रा का आयोजन किया गया. मंगलवार को दलाईकेला, गालुडीह, बंदोलौहर, चाकड़ी, मुंडादेव, जोजोकुड़मा में भी प्रभु जगन्नाथ की बाहुड़ा यात्रा निकाली गयी. इन सभी स्थानों में प्रभु जगन्नाथ गुंडिचा मंदिर से वापस श्रीमंदिर पहुंच गये. कोविड-19 को लेकर जारी निर्देशों का अनुपालन करते हुए इस वर्ष के बाहुड़ा यात्रा में भक्तों की उपस्थिति काफी कम रही.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें