Teachers Days Special, शचिंद्र दाश/प्रताप मिश्रा : सरायकेला-खरसावां जिले के कुचाई प्रखंड के उत्क्रमित उच्च विद्यालय अरुवां में पदस्थापित शिक्षक तरुण कुमार सिंह पिछले 25 वर्षों से समर्पित भाव से शैक्षणिक एवं सामाजिक कार्यों में अपना योगदान देते आ रहे हैं. उन्होंने स्कूल के पोषक क्षेत्र में गांव-गांव अभियान चला कर और अभिभावकों को जागरूक कर जहां बच्चों की शिक्षा के प्रति लोगों को जागरूक करते हैं. साथ ही कोई भी बच्चे स्कूल से वंचित न रहे इसका प्रयास करते हुए स्कूल में शिक्षा का अलग माहौल तैयार कर रखे हैं.
जीरो ड्राप आउट में महत्वपूर्ण योगदान
इसके पहले सरायकेला प्रखंड के मवि पठानमारा में अपनी सेवा देते हुए स्कूल के विकास में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर चुके हैं. साथ ही जीरो ड्राप आउट में भी इनका महत्वपूर्ण योगदान रहा है. राज्य सरकार द्वारा उनके इन क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य को लेकर झारखंड रत्न एवं राज्य शिक्षक पुरस्कार सहित अन्य कई पुरस्कारों से नवाजा गया है. शिक्षक तरूण कुमार सिंह को जिला स्तर से चार बार राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए भी नामित किया जा चुका है.
झारखंड के 300 से अधिक विद्यालयों का कर चुके हैं भ्रमण
वर्ष 2016-17 में शिक्षक तरुण कुमार सिंह को उनके उत्कृष्ठ कार्य के ल्रिए राज्य स्तरीय परिवर्तन दल में शामिल किया गया था.परिवर्तन दल में शामिल किए जाने के बाद सिंह राज्य भर के 300 से अधिक विद्यालयों का भ्रमण कर चुके हैं. इस दौरान उन्होंने शिक्षक, छात्र एवं अभिभावकों से मिलकर उन्हें शिक्षा के प्रति मोटिवेट करते हुए सीमित संसाधन में रचनात्मक बदलाव लाने का प्रयास किया. कई बार उन्होंने अपनी टीम के साथ राज्य के कई सुदूरवर्ती क्षेत्रों का दौरा किया और वहां के अभिभावकों से मिलकर उनके बच्चों को नियमित विद्यालय भेजने के लिए प्रेरित किया.
विद्यालयों में संचालित आदर्श प्रार्थना सभा में तरुण सिंह का रहा है योगदान
वर्तमान समय में राज्य के सभी सरकारी विद्यालयों में आदर्श प्रार्थना सभा का आयोजन किया जाता है.इसके तहत सभी विद्यालयों में सर्व धर्म समभाव प्रार्थना के साथ साथ भारतीय संविधान का प्रस्तावना,राष्ट्रीय प्लेज,सुविचार,सामान्य ज्ञान आदि को शामिल कर आकर्षक प्रार्थना सभा का स्वरूप दिया गया है. परिवर्तन दल में राज्य साधन सेवी रहने के दौरान श्री सिंह ने तत्कालीन शिक्षा सचिव आराधना पटनायक को इस प्रकार की प्रार्थना सभा का आयोजन करने का परामर्श दिया था,जिसके बाद से शिक्षा सचिव के निर्देश पर इस आदर्श प्रार्थना सभा को पूरे प्रदेश में लागू किया गया.
विदेशी धरती पर भी शिक्षा को लेकर आयोजित सेमिनार को संबोधित कर चुके है
जिले के शिक्षक तरुण कुमार सिंह शिक्षा के प्रति शुरुआत से ही सचेत रहे हैं. बच्चों को गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा प्राप्त हो इसके लिए उन्होंने कई क्षेत्रों में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है. सिंह ने कई सेमिनार में शिक्षा को लेकर अपना मंतव्य दिया है. वर्ष 2011 में बेबिलोना में आयोजित एक सेमिनार में श्री सिंह को शिक्षा पर अपना मंतव्य देने के लिए आमंत्रित किया गया था. उन्होंने पहली बार विदेशी धरती पर वैल्यू एडेड एजुकेशन ( मूल्य वर्धित शिक्षा ) पर अपना मंतव्य दिया था जिसको सेमिनार में मौजूद बाकी सदस्यों ने भी सराहा था.
जीरो ड्रॉप आउट की दिशा में रहा है अहम योगदान
सरकारी विद्यालयों में अकसर बच्चों के ड्रॉप आउट होने की समस्या अधिक होती है. शिक्षक तरुण कुमार सिंह ने इस समस्या के समाधान को लेकर हैप्पी क्लासेस शुरू करने का प्रस्ताव दिया था. इसके तहत विद्यालय में बच्चों को घर जैसा माहौल देने का प्रयास किया जा रहा है. विद्यालय को आकर्षक बनाने के लिए इनोवेटिव वाल पेंटिंग कराया जा रहा है.
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