सिमडेगा, रविकांत साहू. एंटी ह्यूमन ट्रैफिकंग यूनिट (एएचटीयू) की टीम एवं एनजीओ शक्तिवाहिनी के द्वारा पांच लड़कियों को दिल्ली से रेस्क्यू करके सिमडेगा लाया गया. इसमें एक लड़की हरियाणा के गुरुग्राम की पीड़िता भी है. हरियाणा के गुरुग्राम में ठेठईटांगर थाना इलाके की एक लड़की के साथ अमानवीय व्यवहार हुआ था. जानवरों की तरह लड़की को मारपीट कर घायल कर दिया गया था. उक्त मामले में हरियाणा पुलिस ने उस दंपती को गिरफ्तार कर लिया. दो अन्य मानव तस्कर को भी दिल्ली से गिरफ्तार किया था.
ह्यूमन ट्रैफिकिंग के शिकार लोगों को बचाने का काम करने वाली संस्था शक्तिवाहिनी और सिमडेगा एएचटीयू की टीम ने दिल्ली के अलग-अलग ठिकानों पर छापामारी कर 4 लड़कियों को रेस्क्यू किया. इन्हीं लड़कियों केसाथ हरियाणा गुरुग्राम में प्रताड़ित हुई लड़की को भी लाया गया. रेस्क्यू कर लायी गयी लड़कियों ने कहा कि वे अब कभी दिल्ली नहीं जायेंगी.
हरियाणा के गुरुग्राम में प्रताड़ित हुई लड़की ने कहा कि हर दिन उसके साथ मारपीट की जाती थी. गाली-गलौच करते थे. भरपेट खाना भी नहीं दिया जाता था. इधर, सिमडेगा में सर्किट हाउस में पांचों लड़कियों को खाना खिलाया गया. सभी कागजी प्रक्रिया पूरी करने के बाद एक लड़की को उसके परिजनों को सौंप दिया गया. बाकी की 4 लड़कियों को सीब्ल्यूसी के हवाले कर दिया गया.
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सिमडेगा के ठेठईटांगर की वो आदिवासी मासूम बच्ची हरियाणा के गुरुग्राम से सुरक्षित अपने घर लौट आयी है. अपने साथ लायी है वो खौफनाक यादें. आज भी वह उस बर्बर व्यवहार को नहीं भूल पायी, जो हर दिन उसके साथ गुरुग्राम का वह दंपती करता था, जिसके यहां वह नौकरी करने गयी थी. 14 साल की मासूम ने रविवार को सिमडेगा में पत्रकारों को बताया कि हर दिन डर के साये में बीतता था. रात को नींद नहीं आती थी. पांच महीने में कभी भरपेट भोजन नहीं मिला.
हरियाणा के गुरुग्राम से रेस्क्यू कर लायी गयी यह लड़की अभी तक उस सदमे से उबर नहीं पायी है. अभी भी उसके जेहन में वो खौफनाक मंजर बसा हुआ है. लड़की सहमी-सी है. कहा कि दंपती की प्रताड़ना से तंग आकर कई बार उसने भागने की कोशिश की, लेकिन भाग न सकी. वह कहती है कि उसके साथ जो कुछ भी हुआ, उसको वह कभी नहीं भूल पायेगी. अब कभी न तो वह बड़े शहर में जायेगी, न ही अपने आस-पड़ोस के लोगों को महानगरों में जाने की सलाह देगी.
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इस बच्ची ने बताया कि गुरुग्राम में जिस दंपती के यहां वह काम करती थी, वे कितने क्रूर थे. उसके रोने और कराहने का भी उन पर कोई असर नहीं होता था. उन्होंने क्रूरता की सारी हदें पार कर दी थी. लड़की ने कहा कि अगर कुछ दिन और वहां रह जाती, तो उसकी जान भी जा सकती थी. लड़की ने शक्तिवाहिनी और गुरुग्राम के अनजान फरिस्ते के प्रति कृतज्ञता जतायी, जिसने गुरुग्राम वन स्टॉप सेंटर को पूरे मामले की जानकारी दी. उसके बाद ही पुलिस उसे बचाने पहुंची. लड़की के माथे पर अभी भी पट्टी बंधी हुई है. शरीर पर जख्म के निशान हैं.
दिल्ली स्थित शक्तिवाहनी के ऋषिकांत ने कहा कि प्रताड़ित लड़की को तत्काल मुआवजा मिलना चाहिए. आरोपी को कड़ी सजा मिलनी चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि सिमडेगा जैसे पिछड़े इलाके में पलायन रोकने के लिए गंभीरता से जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि अब वे जिले के विभिन्न इलाकों में जाकर स्वयं अपनी संस्था की ओर से पलायन रोकने के लिए जागरूकता अभियान चलायेंगे. क्षेत्र की बच्चियों को बतायेंगे कि वे अपने घर में ही रहकर रोजगार और स्वरोजगार से जुड़ें.