मणिपुर हिंसा को लेकर ऑल चर्चेस एसोसिएशन के बैनर तले ईसाई समाज ने गुरुवार को 75 किलोमीटर लंबी मानव शृंखला बनायी. मानव शृंखला कुरडेग प्रखंड की छतीसगढ़ सीमा पर स्थित कुटमाकछार से सदर प्रखंड के अरानी तक बनायी गयी. मानव श्रृंखला की शुरुआत कुटमाकछार से हुई, जिसमें विधायक भूषण बाड़ा शामिल हुए. उनके साथ जिप सदस्य जोसिमा खाखा, जिप सदस्य समरोम पॉल तोपनो समेत सैकड़ों लोग शामिल हुए. मानव शृंखला में शामिल सभी बच्चे, बूढ़े, महिलाएं, नौजवान सभी हाथों में तख्तियां लिए हुए थे. तख्तियों में ईसाइयों पर अत्याचार बंद करो, मणिपुर हिंसा बंद करो, इसाइयों के मौलिक अधिकारों का हनन करना बंद करो आदि नारे अंकित थे. मानव शृंखला में शामिल लोगों का विधायक भूषण बाड़ा ने उत्साह बढ़ाया. विधायक अपनी पत्नी सह जिप सदस्य जोसिमा खाखा, जिप सदस्य समरोम पॉल तोपनो के साथ खुली जिप्सी में सवार होकर कुरडेग के कुटमाकछार से अरानी तक गये. साथ ही सभी लोगों को ऐसे ही आगे भी एकजुट रहने का आह्वान किया. मौके पर विधायक ने कहा कि इस मानव शृंखला से भाजपा की डबल इंजन सरकार को नींद से जगाने का प्रयास किया गया है. आने वाले समय में भी कांग्रेस व देश की जनता मणिपुर की घटनाओं को लेकर केंद्र की मोदी सरकार को जगाने का प्रयास करती रहेगी.
आदिवासी विरोधी है भाजपा सरकार
जिप सदस्य जोसिमा खाखा ने कहा कि मणिपुर की घटना हमें सीख देती है कि गलत सोच को पनपने नहीं देना है. भाजपा की सरकार आदिवासी विरोधी है. मणिपुर घटना को लेकर भाजपा सरकार के खिलाफ आज पूरा देश है. 148 दिनों से मणिपुर के लोग परेशान हैं. लेकिन प्रधानमंत्री मोदी के पास राज्य का दौरा करने का समय नहीं है. इस हिंसा में छात्रों को निशाना बनाए जाने की भयावह तस्वीरों ने एक बार फिर पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है. अब यह स्पष्ट है कि इस संघर्ष में महिलाओं व बच्चों के खिलाफ हिंसा को हथियार बनाया गया.
भाजपा के कारण युद्ध के मैदान में बदल गया है मणिपुर
जिला परिषद सदस्य समरोम पॉल तोपनो ने कहा कि भाजपा की सरकार मणिपुर की बहन बेटियों की इज्जत बचाने में विफल हुई है. हमारे देश को ऐसी सरकार नहीं चाहिए, जो हमारी बहन-बेटियों की इज्जत व मान-सम्मान को खुलेआम बाजार में नीलाम कर दें. मणिपुर राज्य भाजपा के कारण युद्ध मैदान में बदल गया है.
Also Read: मणिपुर हिंसा के खिलाफ झारखंड में मौन विरोध, चार किलोमीटर लंबी मानव श्रृंखला बनाकर मांगा न्याय