।। रविकांत साहू ।।
सिमडेगा : सरकारी तंत्र एवं जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा के कारण आज स्वर्ण पदक विजेता संगीता लकड़ा खुले में शौच के लिए मजबूर है. संगीता लकड़ा पाकरटांड थाना क्षेत्र के ठेठईटांगर गांव की निवासी है.
संगीता लकड़ा ने जिले में एक धावक के रूप में पहचान बनायी है. नेशनल एवं राज्य स्तर पर होने वाले मैराथन में दौड़ कर कई पदक जीतने का गौरव हासिल की है. हाल ही में इंफाल मणिपुर में हुए मैराथन दौड़ में भी संगीता लकड़ा ने स्वर्ण पदक जीतने का गौरव हासिल किया.
संगीता लकड़ा के इस उपलब्धि पर सिमडेगा ही नहीं झारखंड भी गौरवान्वित हुआ. संगीता लकड़ा के वापस लौटने पर स्थानीय विधायक भूषण बाड़ा ने भी उनका स्वागत किया. किंतु इस सबसे अलग प्रशासन जनप्रतिनिधि एवं सरकार की उपेक्षा पूर्ण रवैये का दंश स्वर्ण पदक विजेता संगीता लकड़ा को झेलना पड़ रहा है.
संगीता के घर में शौचालय नहीं है. संगीता लकड़ा की आर्थिक स्थिति उतनी अच्छी नहीं है कि वह स्वयं अपने खर्च से शौचालय का निर्माण करा सके. सरकार के द्वारा संगीता लकड़ा को राशन कार्ड तो मुहैया कराई गई है किंतु प्रधानमंत्री आवास तक सरकार द्वारा नहीं दिया गया है.
सरकार द्वारा संगीता लकड़ा के पति के नाम से मछुआ आवास दिया गया था, लेकिन मछुआ आवास में आवास निर्माण कराने के बाद राशि भुगतान करने का प्रावधान है. जिस कारण मछुआ आवास की नींव भी जमीन से लगभग 2 फीट ऊंचा उठ कर ही बंद हो गया.
संगीता कहती है कि उन्हें खुले में शौच जाने में बहुत ही शर्मिंदगी महसूस होती है. किंतु वह मजबूर है खुले में शौच जाने के लिए. उन्होंने प्रशासन व सरकार से आग्रह किया है कि तत्काल में शौचालय एवं प्रधानमंत्री आवास मुहैया कराई जाए. ताकि वह भी सम्मान से घर के अंदर शौचालय बनाकर इज्जत की जिंदगी जी सके.