सिमडेगा : बानो प्रखंड से महज तीन किमी की दूरी पर स्थित उकौली डैम रमणीय स्थलों में से एक है. उकौली डैम नववर्ष में सैलानियों से गुलजार रहता है. तीन ओर से जंगलों व पहाड़ों से घिरा होने से खूबसूरत नजारा लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है. उकौली डैम की प्राकृतिक छटा देखते बनती है. खुले आसमान के बीच डैम का पानी सुनहरा रंग लिए सैलानियों को आकर्षित करता है. प्रखंड की अधिकांश आबादी यहां पर नये साल का स्वागत करने के लिए आती हैं. उकौली डैम में लोग तैराकी का भी मजा लेते हैं. उकौली डैम की दूरी बानो प्रखंड मुख्यालय से महज तीन किमी है. यहां बस व टेंपो से पहुंचा जा सकता है. वहीं निजी वाहन से भी लोग पहुंचते हैं. दूर-दूर तक खाने-पीने का कोई होटल नहीं है. अपने साथ खाने पीने का सामान लेकर नया साल का आनंद उठा सकते हैं. उकौली डैम में पानी काफी गहरा है. बच्चे व महिलाएं पानी में उतरने का प्रयास नहीं करें. वहीं तैराकी के लिए अधिक दूर गहराई में न जायें, खतरा हो सकता है. जंगली जानवरों का भी भय रहता है. शाम होने से पहले घर लौट जायें.
सिमडेगा जिले के जलडेगा प्रखंड की ओड़गा पंचायत में सरकार द्वारा संचालित हर घर जल नल जल योजना में अनियमितता बरती जा रही है. ओड़गा ढेलसेरा कुम्हारटोली में करीब दो साल से पहले सोलर जलमीनार लगी. लेकिन कुछ दिनों बाद ही खराब हो गयी. इसकी शिकायत ग्रामीणों ने संवेदक व जलसहिया से की, परंतु कोई कार्रवाई नहीं हुई और न ही कोई देखने तक आया. इससे ग्रामीणों में आक्रोश दिख रहा है. ग्रामीण पुष्पा देवी ने कहा कि हमारे कुम्हारटोली में मात्र एक ही चापाकल हैं, जिसमें सोलर जलमीनार लगाया गया है. हमलोगों को पीने के पानी के लिए तरसना पड़ रहा है. उन्होंने प्रशासन से अनुरोध किया है कि जल्द से जल्द सोलर जलमीनार को ठीक करा कर जलापूर्ति शुरू की जाये. मौके पर सीता देवी, अंजनी देवी, उर्मिला देवी, सुनीता देवी, जानकी देवी, फूलो देवी आदि मौजूद थे.
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