25.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Birsa Munda: धरती आबा की कर्मस्थली संकरा गांव में आज भी ‘विकास’ नहीं, यहीं से बिरसा मुंडा ने किया था उलगुलान

Birsa Munda Death Anniversary|भगवान बिरसा मुंडा ने जिस संकरा गांव से अंग्रेजों के खिलाफ उलगुलान किया था, उस गांव में आज तक विकास की किरण नहीं पहुंची.

टेबल ऑफ कंटेंट्स

Birsa Munda Death Anniversary: आदिवासियों को उनका अधिकार दिलाने और उनके हितों के लिए जीवन भर अंग्रेजों से संघर्ष करने वाले धरती आबा बिरसा मुंडा की कर्मस्थली पश्चिमी सिंहभूम जिले के बंदगांव प्रखंड का संकरा गांव आज भी विकास से कोसों दूर है. जिस गांव में रहकर उन्होंने अंग्रेजों के दांत खट्टे किये, वहां आज भी स्कूल, बिजली, पानी और सड़क नहीं है.

Birsa Munda ने बंदगांव के संकरा गांव को बनाया कर्मस्थली

बिरसा मुंडा का जन्म 15 नवंबर 1875 को खूंटी जिले के उलीहातू में हुआ था, लेकिन अंग्रेजों से लोहा लेने के लिए उन्होंने बंदगांव प्रखंड के संकरा गांव को चुना था. आज ‘भगवान’ के इसी घर (गांव) में अंधेरा है. आजादी के दशकों बाद भी उनकी कर्मस्थली संकरा गांव विकास के लिए संघर्ष कर रहा है. शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास, पेयजल, सड़क जैसी मूलभूत सुविधाएं भी नहीं हैं.

Birsa Munda Death Anniversary Spl Sankra Village Bandgaon West Singhbhum 1
Birsa munda death anniversary: संकरा गांव में इसी पेड़ के नीचे ग्रामीणों के साथ बैठक करते थे भगवान बिरसा मुंडा. फोटो : प्रभात खबर

मवेशी चराने के लिए विवश हैं संकरा गांव के बच्चे

देश का भविष्य कहे जाने वाले बच्चे पढ़ाई करने की जगह मवेशी चराने को विवश हैं. तीर-धनुष के दम पर अंग्रेजों को घुटने टेकने के लिए मजबूर करनेवाले बिरसा मुंडा की कर्मस्थली संकरा गांव में सरकार की विकास योजनाएं दम तोड़ रहीं हैं. यहां न तो जनप्रतिनिधि पहुंचते हैं और न ही जिला प्रशासन इनकी सुध लेता है. अंग्रेजों के खिलाफ बिरसा मुंडा ने ‘उलगुलान’ भी यहीं से किया था.

संकरा गांव से अंग्रेजों ने बिरसा मुंडा को किया था गिरफ्तार

बिरसा मुंडा ने अंग्रेजों के खिलाफ उलगुलान संकरा गांव से शुरू किया था. तीर-धनुष को हथियार बनाकर अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी. अंग्रेजों ने बिरसा मुंडा को गिरफ्तार करने का ऐलान किया. उनकी तलाश बहुत तेजी से होनी लगी. दो फरवरी 1900 को उन्हें संकरा गांव से गिरफ्तार किया गया था.

बिरसा मुंडा की पुण्यतिथि पर विशेष

  • पश्चिमी सिंहभूम के चाईबासा से 65 किलोमीटर और चक्रधरपुर से 49 किलोमीटर की दूरी पर है संकरा गांव
  • भगवान ने जिस गांव में रहकर अंग्रेजों के दांत खट्टे किये, वहां आज भी स्कूल, बिजली, पानी और सड़क नहीं
  • बंदगांव के संकरा गांव से भगवान बिरसा मुंडा ने अंग्रेजों के खिलाफ किया था उलगुलान, यहीं से हुई थी गिरफ्तारी

ऐसे शुरू हुआ था संघर्ष

अंग्रेजों के खिलाफ बिरसा मुंडा की लड़ाई यूं तो बहुत कम उम्र में ही शुरू हो गयी थी, लेकिन एक लंबा संघर्ष 1897 से 1900 के बीच चला. इस बीच मुंडा जाति के लोगों और अंग्रेजों के बीच युद्ध होते रहे. बिरसा और उनके समर्थकों ने तीन-कमान से ही अंग्रेजों से युद्ध लड़ा भी और जीता भी. बाद में अपनी हार से गुस्साए अंग्रेजों ने कई आदिवासी नेताओं को गिरफ्तार भी किया.

जनवरी 1900 में डोम्बरी पहाड़ पर एक जनसभा को संबोधित कर रहे बिरसा मुंडा पर अंग्रेजों ने हमला किया. इस हमले में कई औरतें व बच्चे मारे गये. शिष्यों की गिरफ्तारी के बाद 3 फरवरी 1900 को चक्रधरपुर के जमकोपाई जंगल से अंग्रेजों ने इन्हें बंदी बना लिया. बिरसा मुंडा ने अंतिम सांस 9 जून, 1900 को ली. इतिहासकारों के अनुसार, बिरसा मुंडा को डायरिया हो गया था. वहीं कुछ इतिहासकारों का कहना है कि बिरसा मुंडा को जहर दे दिया गया था.

Birsa Munda Death Anniversary Spl Sankra Village Bandgaon West Singhbhum 3
Birsa munda death anniversary: गांव में स्थापित बिरसा मुंडा की मूर्ति व स्कूल खोलने की मांग करते ग्रामीण. फोटो : प्रभात खबर

गांव में रहता है 40 आदिवासी परिवार

बिरसा मुंडा का संबंध बंदगांव प्रखंड से विशेष रहा है. चाईबासा से 65 और चक्रधरपुर से 40 किलोमीटर की दूरी पर बंदगांव प्रखंड में संकरा गांव स्थित है. जिस गांव में अंग्रेजों के खिलाफ रणनीति बनती थी, जहां के लोग अंग्रेजों से लोहा लेने का काम किया. आज वही गांव अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा है. इस गांव में 40 आदिवासी परिवार रहता है. गांव की लगभग 350 आबादी है. सभी अनुसूचित जनजाति (एसटी) के सदस्य हैं.

संकरा गांव के 50 फीसदी लोग मानते हैं बिरसाईत धर्म

भगवान बिरसा के अनुयायियों में बिरसाईत धर्म मानने वाले इस गांव में 50 प्रतिशत लोग हैं. यहां एक उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय था, जो वर्ष 2013 से बंद है. यहां के शिक्षक को नक्सली गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाकर गिरफ्तार कर लिया गया था, तबसे स्कूल बंद है. यहां के बच्चे पढ़ाई से वंचित हैं. यहां से तीन किलोमीटर दूर कोटागाड़ा में स्कूल है, जहां बच्चे पढ़ाई के लिए जाना नहीं चाहते हैं. ऐसे में वे दिनभर मवेशियों को चराने में मशगूल रहते हैं. पश्चिमी सिंहभूम का यह प्रखंड बीहड़ जंगलों से घिरा है. यह घोर नक्सल प्रभावित प्रखंड है.

नक्सल प्रभावित संकरा गांव नहीं आते सरकारी पदाधिकारी

यह इलाका नक्सल प्रभावित होने के कारण इस गांव में कोई भी जनप्रतिनिधि या सरकारी अधिकारी नहीं जाते हैं. जिसकी वजह से इस गांव का आजतक विकास नहीं हो सका है. ग्रामीणों की मानें, तो पंचायत के मुखिया कभी-कभार गांव आते हैं. यहां के ग्रामीणों को सरकारी योजनाओं का लाभ भी नहीं मिलता है. इस गांव के लोग आज भी चुआं खोदकर पानी पीते हैं. नलकूप खराब है. मरम्मत करने वाला कोई नहीं है.

गांव की जलमीनार खराब पड़ी है. आंगनबाड़ी केंद्र का अपना भवन नहीं है. पांच साल पहले सोलर आधारित बिजली की व्यवस्था की गयी थी. एक साल चलने के बाद वह भी खराब हो गयी. चार साल से गांव में बिजली नहीं है. बीमार पड़ने वाले लोगों को 40 किलोमीटर दूर चक्रधरपुर जाना पड़ता है. गांव जाने वाली सड़क की स्थिति भी जर्जर है.

संकरा को आदर्श ग्राम बनाये सरकार : ग्रामीण मुंडा

संकरा गांव के ग्रामीण मुंडा सुखराम मुंडा ने कहा कि यह ऐतिहासिक गांव है. इसे आदर्श ग्राम का दर्जा दिया जाना चाहिए. पेयजल, सड़क, प्रारंभिक शिक्षा, स्वास्थ्य, सामुदायिक भवन और आवास योजना का लाभ अविलंब उपलब्ध कराया जाना चाहिए. गांव में विधवा, विकलांग और बुजुर्गों की संख्या काफी है. इन्हें पेंशन नहीं मिलती. गांव में कैंप लगाकर ग्रामीणों को योजना का लाभ दिया जाना चाहिए. सबसे पहले बंद स्कूल को खोला जाये.

संकरा को ऐतिहासिक स्थल का दर्जा मिले : बहादुर उरांव

झामुमो के वरिष्ठ नेता सह पूर्व विधायक बहादुर उरांव ने कहा कि संकरा गांव से ही भगवान बिरसा मुंडा की गिरफ्तारी हुई थी. यह एक ऐतिहासिक गांव है. इसलिए इस गांव को ऐतिहासिक स्थल का दर्जा मिलना चाहिए. बंद पड़े स्कूल को सबसे पहले खोला जाये. यहां के ग्रामीणों को सरकारी योजनाओं का लाभ मिले. इस मामले में मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन से बात करेंगे.

बंद स्कूल खोला जायेगा, बिरसा के सपनों को पूरा करेंगे : जोबा माझी

सिंहभूम से नवनिर्वाचित सांसद जोबा माझी ने कहा कि ऐतिहासिक गांव का दर्जा दिलाने के लिए संकरा में बैठक की जायेगी. ग्रामीणों से उनकी समस्याओं की जानकारी ली जाएगी. समस्याओं का शीघ्र समाधान किया जाएगा. बंद स्कूल को खोला जायेगा. भगवान बिरसा मुंडा के सपने को पूरा करने के लिए हर संभव प्रयास किया जायेगा.

Birsa Munda Death Anniversary Spl Sankra Village Bandgaon West Singhbhum 2
Birsa munda death anniversary: संकरा गांव में बंद पड़ा स्कूल. फोटो : प्रभात खबर

गांव में बिरसा मुंडा के नाम पर अस्पताल बने : टीपरू मुंडा

रोगोद गांव के टिपरू मुंडा ने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा का कार्य क्षेत्र संकरा एवं रोगोद रहा है. भगवान बिरसा मुंडा के नाम से संकरा गांव में एक नि:शुल्क सरकारी अस्पताल खुलना चाहिए. इससे क्षेत्र के लोगों को इलाज कराने में सुविधा होगी. उन्होंने कहा कि यहां विद्यालय खुलना तो अति आवश्यक है. साथ ही लोगों को बिजली, पानी, सड़क, पेंशन एवं आवास भी मिलना चाहिए.

इसे भी पढ़ें

आदिवासी समाज के लिए अंग्रेजों से भिड़ गये थे बिरसा मुंडा, की थी उलगुलान आंदोलन की शुरुआत

झारखंड : बिरसा मुंडा टूरिज्म सर्किट बनेगा, 40 करोड़ रुपये देगी केंद्र सरकार

भगवान बिरसा मुंडा पर बनेगी फिल्म, उलिहातू में होगी शूटिंग, जानें कब से शुरू होगा काम

Birsa Munda Death Anniversary: जानिए धरती आबा बिरसा मुंडा का क्रांतिपथ और अदम्य साहस की दास्तान

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें