Jharkhand Assembly Election|चाईबासा, सुनील कुमार सिन्हा : चाईबासा विधानसभा सीट पर पिछले 15 साल से झामुमो का कब्जा है. दीपक बिरुवा 2009 में बागुन सुंब्रई (कांग्रेस) को हरा कर पहली बार झामुमो के विधायक बने थे. श्री बिरुवा ने 2014 और 2019 में भाजपा प्रत्याशी ज्योति भ्रमर तुबिद को हरा कर इस सीट पर कब्जा बनाये रखा और जीत की हैट्रिक भी लगायी.
चाईबासा के विधायक दीपक बिरुवा हैं झारखंड के कल्याण मंत्री
मौजूदा समय में दीपक बिरुवा झारखंड के कल्याण मंत्री हैं. हर बार विधानसभा चुनाव में ग्रामीण क्षेत्र में सिंचाई, पानी, बिजली, नियोजन, पलायन और शहरी क्षेत्र में लीज, पेयजल, सड़क व सफाई का मुद्दा बनता रहा है. यहां प्रमुख मुकाबला झामुमो, भाजपा और कांग्रेस के बीच होता रहा है. हालांकि विधानसभा चुनाव को लेकर जनता में अभी ज्यादा सुगबुगाहट नहीं है, लेकिन दलों के नेता चुनावी दंगल की तैयारी में जुट गये हैं. साथ ही मुद्दे भी तलाशने लगे हैं. आइए, जानते हैं चाईबासा विधानसभा सीट का क्या है रिपोर्ट कार्ड.
चाईबासा विधानसभा सीट पर चुनाव में जो बनते रहे हैं मुद्दे
शिक्षा : इस क्षेत्र में उच्च शिक्षा के नाम पर कोल्हान विश्वविद्यालय तो है, लेकिन सुविधाओं की कमी है. विवि के शिक्षकों को क्वार्टर की सुविधा उपलब्ध नहीं रहने के कारण उन्हें दूसरे स्थान पर रहना पड़ता है. छात्रों को भी बेहतर शिक्षा के लिए दूसरे शहरों का रुख करना पड़ता है.
स्वास्थ्य : चाईबासा में कहने को सदर अस्पताल है, लेकिन यहां मरीज ज्यादा और बेड कम है. ऐसे में मरीजों का जैसे- तैसे इलाज हो रहा है. आइसीयू में बेड मिलना मुश्किल होता है. मरीजों को अस्पताल के बरामदे में लेटा कर इलाज करना पड़ता है. आवश्यक दवाइयां नहीं मिलने पर मेडिकल स्टोर का सहारा लेना पड़ता है.
सिंचाई : क्षेत्र में सिंचाई की पर्याप्त सुविधा नहीं है. फलत: किसानों को खेती से काम नहीं चल पाता है. ऐसे में उन्हें रोजगार की तलाश के लिए दूसरे शहरों में पलायन करना पड़ता है. हर चुनाव में यह चुनावी मुद्दा भी बनता रहा है, लेकिन अभी तक किसानों की इस समस्या का निदान नहीं हो पाया है.
लोगों को मूलभूत सुविधाएं दिलाना पहली प्राथमिकता – दीपक बिरुवा
चाईबासा विधानसभा क्षेत्र के विधायक सह कल्याण एवं परिवहन मंत्री दीपक बिरुवा के कहा कि लोगों को मूलभूत सुविधाएं दिलाना उनकी पहली प्राथमिकता है. चुनाव होने में अभी समय है. मगर जनहित में लगातार काम हो रहा है. कहा कि चुनाव परिणाम तो जनता के फैसले पर निर्भर करता है. यहां की राजनीतिक परिस्थितियां बदलती रहती हैं. हमारी सरकार में 21 से 50 साल तक की गरीब महिलाओं को प्रत्येक माह एक हजार भत्ता दिया जायेगा. सहियाओं को सुविधा देने दी जा रही है. मुख्यमंत्री अबुआ चिकित्सा योजना में 15 लाख तक के इलाज की सुविधा मिलेगी. ग्रामीण गाड़ी योजना के तहत प्रखंड व गांव के लोगों को लाभ मिलेगा. आने वाले दिनों में बैक लॉग बकाया बिजली बिल को भी माफ कराया जायेगा.
चाईबासा विधानसभा क्षेत्र में पेयजल और बिजली की समस्या का निदान हो. अस्पताल में मरीजों को बेहतर इलाज दिया जाये. चाईबासा विधानसभा क्षेत्र के लोगों का पलायन रूके. स्थानीय लोगों को रोजगार से जोड़ा जाये.
मनोरंजन गोस्वामी
सेंटीमेंट के आधार पर वोट मिलता है – जेबी तुबिद
2019 के विधानसभा चुनाव में दूसरे स्थान पर रहे भाजपा प्रत्याशी जेबी तुबिद ने कहा कि यहां विकास के मुद्दे पर नहीं, सेंटीमेंट के आधार पर वोट मिलता है. यहां कई वैसे लोग दोबारा विधायक बने, जिन्होंने नाम मात्र का काम किया था. प्रत्येक चुनाव के दौरान परिस्थितियां अलग-अलग रहती हैं. ईचा- खरकई बांध परियोजना को लेकर पार्टियां द्वारा आरोप- प्रत्यारोप लगाया जाता रहा है. परियोजना की शुरुआत कांग्रेस के शासन काल में हुई थी. इसके लिए लगातार आंदोलन होता रहा है.
शिक्षा की व्यवस्था गुणवत्तापूर्ण हो. जहां से छात्र पढ़ कर कुछ बन सकें. स्कूलों में बच्चों को समय पर किताब उपलब्ध करायी जाये. बुजुर्गों के लिए कल्याणकारी योजनाएं सुचारू पूर्वक लागू हो. मूलभूत सुविधा मिले.
अशोक कुमार विश्वकर्मा
एक्सपर्ट बोले – बेरोजगारी है बहुत बड़ा मुद्दा
इस क्षेत्र में बेरोजगारी बहुत बड़ा मुद्दा है. सिंचाई की सुविधा नहीं रहने के कारण किसान सालों भर खेती नहीं कर पाते हैं. इस वजह से लोग रोजी -रोटी के लिए हर साल पलायन करते रहे हैं. पलायन रोकना व बंद खदानों को चालू कराना अति आवश्यक है. साथ ही विश्वविद्यालय, इंजीनियरिंग कॉलेज, टेक्निकल कॉलेज एवं सभी शिक्षण संस्थाओं में बेहतर पढ़ाई हो. प्लेसमेंट हो, ताकि युवाओं का जीवनस्तर ऊपर उठ सके. – अनंत लाल विश्वकर्मा
चाईबासा विधानसभा क्षेत्र में ट्रैफिक रूल का सख्ती से पालन हो. आये दिन सड़क दुर्घटना से बेगुनाह लोग मर रहे हैं. स्वास्थ्य सेवा का लाभ सभी को मिले, इसकी व्यवस्था हो. रियायती दर पर दवा मिले. शुद्ध जल की व्यवस्था हो.
अजय प्रजापति
1952 में झारखंड पार्टी से विधायक बने थे श्यामल पसारी
श्यामल कुमार पसारी 1952 में झारखंड पार्टी से चाईबासा के विधायक बने थे. फिलहाल चाईबासा के गांधी टोला में रहते हैं. उनकी उम्र 94 साल हो चुकी है. वे कहते हैं कि पहले और अभी के चुनाव में काफी बदलाव आया है. अब चुनावी प्रक्रिया का डिजिटलीकरण हो गया है. सोशल मीडिया और इंटरनेट का महत्व बढ़ गया है. उस समय आम लोग भी बढ़- चढ़ कर हिस्सा लेते थे. पूर्व विधायक के मुताबिक चुनाव में विकास के मुद्दे का होना बहुत जरूरी है. यह चुनावी प्रक्रिया में नागरिकों के लिए विशेष महत्व रखता है.
नियमित बिजली मिले. शाम में बिजली नहीं कटे. छोटे-लघु उद्योग फले- फूले, इसके लिए सरकार को पहल करनी चाहिए. इससे पलायन पर भी रोक लगेगी. साथ ही रोजगार मिलने से लोगों की आर्थिक स्थिति बेहतर होगी.
डॉ तेज नारायण प्रभाकर
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