चाईबासा.
झारखंड सरकार के मंत्री दीपक बिरुवा सहित अन्य नेता लगातार आरोप लगा रहे हैं कि भाजपा संविधान और आरक्षण को खत्म कर रही है. आखिर मंत्री किस बुनियाद पर ऐसी बातें कर रहे हैं? संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति, जो खुद आरक्षण के कारण विधायक और मंत्री बने हैं. अपनी संवैधानिक जिम्मेवारी का निर्वाहन न करते हुए भोले-भाले जनजातीय समुदाय को बरगलाना बिल्कुल अनुचित हैं. उक्त बातें पूर्व मंत्री बड़कुंवर गागराई ने गुरुवार को भाजपा पर आरोप चुनावी कार्यालय के उद्घाटन समारोह में बोल रहे थे. उन्होंने कहा है कि संविधान ने अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़ा वर्ग को आरक्षण दिया है. भाजपा पिछले 10 वर्षों से केंद्र की सत्ता में है. अनुसूचित जनजाति अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग के संवैधानिक अधिकार एवं संविधान की रक्षा की लड़ाई निरंतर लड़ रही है. भाजपा ने अनुसूचित जनजाति की महिला को राष्ट्रपति बनाने का काम किया, जो तीनों सेना का प्रमुख भी हैं. अगले वर्ष भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जन्म-जयंती है. बीजेपी ने संकल्प लिया है कि 2025 को जनजातीय गौरव वर्ष के रूप में मनाया जाएगा. छत्तीसगढ़ एवं मध्य प्रदेश में आदिवासी मुख्यमंत्री और ओबीसी मुख्यमंत्री भाजपा के द्वारा बनाए गए हैं. भाजपा ने अनुसूचित जनजातियों के भावना के अनुरूप अलग झारखंड राज्य का निर्माण भी किया, केंद्र में भाजपा की सरकार ने आदिवासी कल्याण मंत्रालय बनाया और बजट में अलग से धनराशि की व्यवस्था की.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है