चाईबासा. चाईबासा सहित पश्चिमी सिंहभूम जिले में इन दिनों भीषण गर्मी पड़ रही है. आसमान से आग बरस रही है. दिनभर लू चलने व रात में उमस से लोग त्राहिमाम कर रहे हैं. वहीं, पारा चढ़ने से लोग बीमार पड़ रहे हैं. लोग सर्दी-जुकाम व वायरल फीवर की चपेट में आ रहे हैं. सुबह आठ बजे से सूरज के तेवर तल्ख हो जा रहे हैं. कड़ी धूप के कारण लोग घरों से बाहर नहीं निकलना चाह रहे हैं. दोपहर को सड़कों पर सन्नाटा पसर जाता है. शरीर को झुलसा देनेवाली गर्मी को देखते हुए लोग चिंतित हैं. हीट वेव से सबसे ज्यादा परेशानी स्कूली बच्चों और कॉलेज के छात्रों को हो रही है. सरकारी स्कूलों में अपराह्न 12:00 बजे के बाद छुट्टी होती है, उस समय प्रचंड गर्मी पड़ती है. बच्चों को लू लगने का खतरा बना रहता है. ज्यादातर बच्चे पैदल ही आवागमन करते हैं.
पारा 42. 5 डिग्री पर, अस्पतालों में बढ़े मरीज
गुरुवार को चाईबासा का अधिकतम तापमान 42.5 डिग्री और न्यूनतम 26.4 डिग्री सेल्सियस रहा. गर्मी के कारण बच्चे वायरल फीवर सहित पेट दर्द से परेशान हो रहे हैं. सदर अस्पताल के इमरजेंसी व ओपीडी में मरीजों की भीड़ उमड़ रही है. ओपीडी में डॉक्टरों के कक्ष या पैथोलॉजी लैब पर मरीजों को घंटों खड़े होकर अपनी बारी का इंतजार करना पड़ रहा है.सदर के बरामदे में हो रहा मरीज का इलाजबीते कुछ दिनों से सदर अस्पताल में मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है. ओपीडी में हर दिन 300-350 तक मरीज पहुंच रहे हैं. अस्पताल में बेड की कमी पड़ जा रही है. इमरजेंसी के बाहर बरामदे के चबूतरों पर सुलाकर मरीज का इलाज किया जा रहा है.
धूप में निकलने से बचें, ताजा खाना खायें
चिकित्सकों का कहना है कि गर्मी बढ़ने से मरीजों की संख्या एकाएक बढ़ गयी है. हीट वेव का सबसे गंभीर असर बच्चों और बुजुर्गों पर पड़ता है. लोगों को धूप में निकलने से पूरी तरह बचना चाहिये. नियमित रूप से पानी पीते रहना चाहिए. धूप में जब भी बाहर निकलें, तो पूरे शरीर को ढंककर रखें. धूप से आने के बाद तुरंत ठंडे पानी का सेवन नहीं करना है, अन्यथा बीमारियों की चपेट में आ सकते हैं. गर्मी में ताजा खाना खाना चाहिये.
बाहर से आने के तुरंत बाद पानी न पीएं
गर्मी से बचाव को लेकर घर व बाहर बच्चों के सेहत की विशेष देखभाल की जरूरत है. बाहर से आने के तुरंत बाद पानी पीने को नहीं दें. फ्रिज का ठंडा पानी देने से परहेज करें. बाहर निकलने पर सिर पर टोपी या गमछा से जरूर ढंक लें. बीमार होने पर चिकित्सक की सलाह पर ही दवा देनी है.
– डॉ बरियल मार्डी, फिजिशियन सदर अस्पताल