मझगांव. प्रखंड की मझगांव पंचायत अंतर्गत पांडुकी गांव में स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्र नहीं है. इसे लेकर ग्रामीणों ने शुक्रवार को बैठक की. इसकी अध्यक्षता मझगांव मानकी जगन्नाथ पाठ पिंगुवा ने की. ग्रामीणों ने कहा कि हमारा दुर्भाग्य है कि गांव में विद्यालय और आंगनबाड़ी नहीं है. गांव के कई बच्चे शिक्षा से वंचित हो रहे हैं. ग्रामीणों ने कहा कि सरकारी योजनाओं का बहिष्कार कर प्रखंड कार्यालय में सामूहिक भूख हड़ताल करेंगे. जबतक गांव में विद्यालय और आंगनबाड़ी भवन नहीं बन जाता है, एक भी बच्चों को विद्यालय नहीं भेजेंगे.
बरसात में स्कूल से दूर हो जाते हैं बच्चे
गांव में 600 से अधिक आबादी है, जिसमें लगभग 150 बच्चे हैं. गांव के कुछ बच्चे डेढ़ किलोमीटर दूर नाला पार कर नयागांव पंचायत के मवि सरगरिया में पढ़ने जाते हैं. बरसात में बच्चे विद्यालय से दूर हो जाते हैं. नाला में पानी भरने पर बच्चों को मुख्य सड़क से 5 किमी दूरी तय कर स्कूल जाना पड़ता है. पड़ोस की पंचायत पड़सा में आंगनबाड़ी केंद्र संचालित है. वहां बच्चे नहीं जा पाते हैं. सिर्फ बच्चों का नाम दर्ज किया जाता है.
सीएम तक गुहार लगायी, लेकिन ध्यान नहीं दिया गया
हालत यह है कि गांव आज भी विकास से कोसों दूर है. ग्रामीणों ने राज्य के अबतक के मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री, सांसद, विधायक, उपायुक्त, जिला शिक्षा पदाधिकारी और मौजूदा पंचायत जनप्रतिनिधि को लिखित आवेदन देकर विद्यालय और आंगनबाड़ी के लिए गुहार लगायी. आज तक किसी ने ध्यान नहीं दिया.
पंचायत चुनाव का बहिष्कार की घोषणा पर आश्वासन मिला था, पहल नहीं हुई
पिछले पंचायत चुनाव में ग्रामीणों ने वोट बहिष्कार का निर्णय लिया था. मामला अखबारों में प्रकाशित होने के बाद प्रखंड और अनुमंडल के पदाधिकारी गांव पहुंचे थे. आश्वस्त किया था कि जल्द गांव में आंगनबाड़ी निर्माण की प्रक्रिया शुरू होगी. विद्यालय के लिए सभी प्रयास किो जायेंगे. दो वर्ष बाद भी कोई कार्य नहीं हो पाया है.
बैठक में घनश्याम बिरुवा, तुषार हेंब्रम, अर्जुन हेंब्रम, राजू हेंब्रम, राजेश बिरुवा, रघुनाथ गोप, नामित्रा बिरुवा, अस्मिता हेंब्रम, विकास हेंब्रम, बाकलु हेंब्रम व प्रदीप हेंब्रम व ग्रामीण उपस्थित थे...क्या कहते हैं ग्रामीण…
गांव में विद्यालय और आंगनबाड़ी नहीं रहने से बच्चे शिक्षा से दूर हो रहे हैं. विभाग को तत्काल आंगनबाड़ी और विद्यालय निर्माण की पहल करनी चाहिए.-जगन्नाथ पाठ पिंगुवा, मानकी, मझगांवगांव में विद्यालय और आंगनबाड़ी भवन के लिए हर जगह आवेदन देकर थक चुके हैं, लेकिन किसी ने अबतक बच्चों की शिक्षा की ओर ध्यान नहीं दिया है.
– प्रदीप हेंब्रमगांव में आंगनबाड़ी केंद्र नहीं रहने के कारण बच्चों का कई दफा टीकाकरण भी नहीं हो पाता है. बच्चे पड़ोस के आंगनबाड़ी केंद्र में शायद एक भी बार नहीं गये हैं.
– सुष्मिता हेंब्रमविद्यालय दूर होने के कारण छोटे-छोटे बच्चे का नामांकन नहीं करवाते हैं. बड़े बच्चे भी बरसात के मौसम में विद्यालय नहीं जाते हैं. विभाग पहल करे.
– जामोती बिरुवाचिराग तले अंधेरा वाला कहानी बिल्कुल सटीक बैठती है. गांव में विद्यालय और आंगनबाड़ी केंद्र नहीं है. गांव में पक्की सड़क व कई मूलभूत सुविधा तक नहीं है.
– हरीश बिरुवापांडुकी में विद्यालय, आंगनबाड़ी व सड़क के लिए जिला परिषद बैठक में प्रस्ताव रखा गया है. हर संभव प्रयास जारी है. जल्द परिणाम सामने आयेगा.
– लंकेश्वर तामसोय, जिप सदस्यडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है