KK Pathak: पटना. बिहार की शिक्षा को पटरी पर लाने के लिए दिन रात एक करनेवाले शिक्षा विभाग के अपर मुख्यसचिव केके पाठक अब निजी स्कूलों पर नकेल कसने जा रहे हैं. केके पाठक के एक फरमान से निजी स्कूल सकते में है. शिक्षा विभाग के नये फरमान के तहत गैर निबंधित निजी स्कूलों की ओर से निर्गत टीसी अवैध मानी जायेगी, साथ ही निर्गत करनेवाले के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया जायेगा. विभाग ने इस बात पर नाराजगी जतायी है कि पूर्व में भी यह निर्देश दिया गया था कि सभी स्कूलों का ज्ञानदीप पोर्टल पर निबंधन करायें, पर नतीजे बेहतर नहीं हैं.
ई शिक्षा पोर्टल पर कराना होगा रजिस्ट्रेशन
दरअसल अब शिक्षा विभाग के ई पोर्टल पर बिना रजिस्ट्रेशन वाले स्कूलों की टीसी अब मान्य नहीं होगी. सभी निजी स्कूलों को ई शिक्षा पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराना होगा. बिना पंजीकरण अगर कोई निजी स्कूल टीसी जारी करता हैतो उसके खिलाफ एफआइआर दर्ज की जाएगी. इसके साथ ही शिक्षा विभाग राज्य के सभी निजी स्कूलों में बुनियादी सुविधाओं की जांच करेगा. विभाग के पदाधिकारी यह देखेंगे कि निजी स्कूलों मेंपेयजल, शौचालय, पर्याप्त वर्गकक्ष, खेल मैदान, पुस्तकालय, चहारदीवारी हैया नहीं? शिक्षक कितनेहैं? किसी बोर्ड सेस्कूल को संबद्धता हैया नहीं? सभी शिक्षक प्रशिक्षित हैंया नहीं?
गरीब बच्चों का 25 सीटों पर होना है नामांकन
प्राथमिक शिक्षा निदेशक मिथिलेश मिश्र ने गुरुवार को सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को निजी स्कूलों की जांच करानेका निर्देश दिया है. निदेशक ने इस संबंध में सभी डीईओ को पत्र भेजा है. जांच रिपोर्ट विभाग को उपलब्ध करानेका निर्देश दिया गया है. स्कूलों की जांच में यह भी देखा जाएगा कि राज्य सरकार से प्रस्वीकृति प्राप्त है या नहीं. कक्षा एक से आठ तक में गरीब बच्चों का 25 सीटों पर स्कूलों को नामांकन लेना है, उसकी क्या स्थिति है? जिलों को भेजे गये पत्र में यह भी कहा गया है कि राज्य के 10,702 स्कूलों के द्वारा अब-तक प्रस्वीकृति ली गयी है. इनमें मात्र 5851 स्कूलों ने ही ज्ञानदीप पोर्टल पर निबंधन कराया है. जिलों को यह भी निर्देश है कि सभी स्कूलों का ज्ञानदीप पोर्टल पर निबंधन सुनिश्चित कराएं.