इंदौर (मध्य प्रदेश) : देश में कोविड-19 से सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों में शामिल इंदौर में इस महामारी के प्रकोप के चलते आइआइटी और आइआइएम जैसे शीर्ष शिक्षण संस्थानों के ज्यादातर विद्यार्थियों को हॉस्टल छोड़कर अलग-अलग प्रदेशों में स्थित अपने घरों में रहना पड़ रहा है. नतीजतन इन संस्थानों का अकादमिक परिदृश्य पूरी तरह बदल चुका है और इनमें पढ़ाई से लेकर परीक्षाओं तक का स्वरूप ऑनलाइन हो गया है.
इंदौर स्थित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) के प्रवक्ता सुनील कुमार ने बताया कि संस्थान के 11 साल के इतिहास में पहली बार ओपन बुक प्रणाली के तहत ऑनलाइन परीक्षाएं आयोजित की जा रही हैं. परीक्षाओं का यह सिलसिला रविवार (28 जून) से ही शुरू हुआ है, जो छह जुलाई तक चलेगा.
उन्होंने कहा, ‘फिलहाल हम ओपन बुक परीक्षा प्रणाली के तहत केवल बीटेक अंतिम सेमेस्टर के 255 विद्यार्थियों की परीक्षा ले रहे हैं, क्योंकि अलग-अलग कंपनियों में इनका पहले ही प्लेसमेंट हो चुका है. ऐसे में हम चाहते हैं कि वे परीक्षा में शामिल होने के बाद तय तारीख पर नौकरी शुरू कर दें.’
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प्रवक्ता ने बताया कि ओपन बुक परीक्षा प्रणाली के तहत आइआइटी इंदौर के विद्यार्थियों को ऑनलाइन माध्यम से प्रश्नपत्र भेजे जा रहे हैं, जिन्हें वे अपने घर या अन्य किसी स्थान पर बैठकर करीब चार घंटे की तय समयसीमा में कागज पर हल कर रहे हैं. बाद में वे इन लिखित पन्नों को स्कैन करके इन्हें उत्तर पुस्तिका के रूप में ऑनलाइन माध्यम से ही संस्थान को जमा करा रहे हैं.
उन्होंने कहा, ‘ओपन बुक प्रणाली के तहत आयोजित परीक्षा में ऐसे प्रश्न पूछे जा रहे हैं, जिनका सीधा उत्तर केवल किताब या नोट्स देखकर पता नहीं किया जा सकता.’ कुमार ने बताया कि आइआइटी इंदौर में बीटेक अंतिम सेमेस्टर की परीक्षाएं आमतौर पर अप्रैल में हो जाती हैं, लेकिन इस बार कोविड-19 के प्रकोप के चलते ये परीक्षाएं दो महीने की देरी से हो रही हैं.
उन्होंने यह भी बताया कि महामारी से बचाव के उपायों के तहत आइआइटी इंदौर में छह अप्रैल से ऑनलाइन कक्षाएं लगायी जा रही हैं. इस दौरान विद्यार्थियों के लिए सीधे व्याख्यानों के साथ ही पहले से रिकॉर्ड किये गये व्याख्यानों का भी प्रसारण किया जा रहा है.
प्रवक्ता ने बताया कि एमटेक और कुछ अन्य पाठ्यक्रमों के आइआइटी विद्यार्थियों से ऑनलाइन थीसिस जमा करायी गयी है और उनकी मौखिक परीक्षा भी ऑनलाइन ली गयी है.
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इस बीच, इंदौर के भारतीय प्रबंध संस्थान (IIM) को भी कोविड-19 के कारण अपने अकादमिक कैलेंडर के पालन में आ रही अड़चनों को दूर करने के लिए ऑनलाइन रास्ते खोजने पड़े हैं. आइआइएम के निदेशक हिमांशु राय ने बताया कि महामारी के प्रकोप के कारण इस संस्थान में मार्च के मध्य से ही ऑनलाइन कक्षाएं शुरू कर दी गयी थीं. कुछ पाठ्यक्रमों की परीक्षाएं भी ऑनलाइन पद्धति से ली गयी हैं.
उन्होंने कहा, ‘विद्यार्थियों ने ये परीक्षाएं भले ही अपने घर में बैठकर दी हों, लेकिन इस दौरान उन्हें अपने डेस्कटॉप या लैपटॉप के साथ वेब कैमरा लगातार ऑन रखने के निर्देश दिये गये थे, जिससे हमने उन पर बराबर निगाह बनाये रखी.’
राय ने यह भी बताया कि आइआइएम इंदौर का अगला अकादमिक सत्र ऑनलाइन पद्धति से शुरू किया जायेगा. इसके लिए नयी शिक्षण प्रबंधन प्रणाली पेश की जायेगी, जिसके तहत बेहतर कैमरा और तकनीक की मदद से ऑनलाइन कक्षाओं की गुणवत्ता में इजाफा किया जायेगा.
आइआइएम के निदेशक ने हालांकि कहा, ‘फिलहाल हमें कोविड-19 के कारण शिक्षण की ऑनलाइन पद्धति अपनानी पड़ी है. लेकिन, यह बात सच है कि ऑनलाइन कक्षाएं, वास्तविक कक्षाओं की जगह कभी नहीं ले सकतीं.’ आधिकारिक जानकारी के मुताबिक, इंदौर जिले में अब तक कोविड-19 के कुल 4,615 मरीज मिले हैं. इनमें से 222 मरीजों की इलाज के दौरान मौत हो चुकी है, जबकि 3,415 लोग उपचार के बाद स्वस्थ हो चुके हैं.
Posted By : Mithilesh Jha