Happy Diwali 2022: हर साल की परंपरा अनुसार इस साल भी देश में सबसे पहले दिवाली का त्योहार महाकाल मंदिर उज्जैन में मनाया गया. ज्ञात हो कि देश में महाकाल मंदिर से ही दीपावली की शुरुआत होती है. मंदिर की परंपरा यह है कि धनतेरस वाले दिन महाकाल भगवान शिव की फुलझड़ियों से आरती होती है और उसके बाद ही ही दीपावली की शुरुआत हो जाती है.
देश में धनतेरस के त्योहार के साथ ही पांच दिवसीय दीपोत्सव की शुरुआत हो जाती है. इस बार छोटी दिवाली और दीपावली एक ही दिन मनाया जा रहा है. इस मौके पर भगवान शंकर की भस्म आरती में पंचामृत से उनका अभिषेक किया गया. फिर उनका विभिन्न अलंकरणों से श्रृंगार किया गया है. शिवलिंग को बहुत ही आकर्षक ढंग से सजाया गया है. श्रृंगार में फूलों का खूबसूरती से प्रयोग किया गया है.
दीपावली के मौके पर भगवान महाकाल को 56 प्रकार के स्वादिष्ट व्यंजन भोग के रूप में लगाये गये हैं. भोग में नये अनाज यानी धान की नयी फसल से भोग तैयार किया जाता है. इस मंदिर में सबसे पहले दीपावली मनाने की परंपरा रही है जिसका आज भी पालन किया जाता है.
ऐसी मान्यता है कि भगवान महाकाल तीनों लोकों के राजा हैं. इसलिए सबसे पहले उनके दरबार में दीपावली का आयोजन होता है. महाकाल की आरती फुलझड़ियों से होती है, जिसके साथ ही यह महापर्व शुरू होता है. हालांकि शिवलिंग को सुरक्षित रखने के लिए अब प्रतीकात्मक रूप से फुलझड़ियों से भगवान की आरती की जाती है. इस मौके पर पूरे मंदिर परिसर को आकर्षक ढंग से सजाया जाता है. फूल और लाइट से आकर्षक सजावट की जाती है.
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