नयी दिल्ली : मध्यप्रदेश के विधायक जो सिंधिया के साथ हैं आज भोपाल लौटने वाले थे. विशेष विमान से उन्हें भोपाल लौटना था लेकिन नाटकीय ठंग से उन्हें दोबारा अपने होटल लौटना पड़ा. सभी विधायक अभी बेंगलुरु के अपने होटल में ही रूकेंगे. सिंधिया समर्थक विधायकों में छह मंत्री भी शामिल हैं. मध्यप्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन ने इन विधायकों को कमलनाथ की सिफारिश पर मंत्री पद से हटा दिया है. जैसे ही विधायक भोपाल लौटने की तैयारी कर रहे थे विधायकों को कमलनाथ की सरकार गई, गई के नारे लगाते सुना गया.
मध्यप्रदेश का सियासी पारा तेज है. विधायकों कब लौटेंगे इसकी अभी कोई चर्चा नहीं है. खबर थी कि ये विधायक विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति से मुलाकात करेंगे, क्योंकि अध्यक्ष ने उनके द्वारा भेजे गए त्यागपत्र के मद्देनजर नोटिस जारी कर शुक्रवार को उन्हें व्यक्तिगत तौर पर मिलने के लिए बुलाया था.
कमलनाथ ने शुक्रवार को लालजी टंडन से मुलाकात की उन्होंने आरोप लगाया कि विधायकों को बंधक बनाकर रखा गया है. शक्ति परीक्षण से पहले कमलनाथ ने इन विधायकों को बुलाने की मांग की थी. गवर्नर से मुलाकात के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए कमलनाथ ने कहा, हम स्पीकर द्वारा तय की गई तारीख 16 मार्च को फ्लोर टेस्ट के लिए पूरी तरह तैयार हैं.
विधानसभा अध्यक्ष ने छह मंत्रियों तुलसी सिलावट, महेंद्र सिंह सिसोदिया, गोविंद सिंह राजपूत, प्रद्युम्न सिंह तोमर, प्रभुराम चौधरी और इमरती देवी को नोटिस जारी अपने इस्तीफे के सत्यापन के लिए व्यक्तिगत तौर पर शुक्रवार को तलब किया था. इसी प्रकार विधानसभा अध्यक्ष ने सात विधायकों को शनिवार और बाकी को रविवार को अपने त्यागपत्र सत्यापित करने के लिए हाजिर होने का नोटिस जारी किया है. विधायक तो अपने होटल वापस लौट गये लेकिन भोपाल एयरपोर्ट पर कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही पार्टियों के कार्यकर्ता अब भी भारी संख्या में मौजूद थे. इस भीड़ को देखते हुए धारा 144 लगा दी गयी है.