मध्य प्रदेश चुनाव परिणाम के शुरुआती रुझान आने शुरू हो गए हैं. सुबह नौ बजे के बाद के रुझानों पर नजर डालें तो भारतीय जनता पार्टी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) मध्य प्रदेश में सरकार बनाती दिख रही है. भाजपा 129 सीटों पर आगे चल रही है. जबकि कांग्रेस 100 सीटों के अंदर सिमट रही है. ये रुझान समाचार चैनलों की ओर से प्रकाशित किए जा रहे हैं. लेकिन वरिष्ठ कांग्रेस नेता और दो बार के मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को उम्मीद है कि कांग्रेस यहां 130 सीटें लाएंगी और भाजपा को उखाड़ फेंकेगी. उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर कटाक्ष करते हुए कहा कि भाजपा नेता के अच्छे दिन अब खत्म हो गए हैं. आधिकारिक रुझानों की बात करें तो भाजपा 104 और कांग्रेस 44 सीटों पर आगे चल रही है.
दिग्विजय सिंह ने कही यह बात
दिग्विजय सिंह ने मतगणना से पहले समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी को मध्य प्रदेश में 130 से अधिक सीटें मिलेंगी. उन्होंने कहा, ‘मैंने यह पहले भी कहा था और मैं आज भी कहता हूं, 130 प्लस. हमें 130 सीटें मिल रही हैं, बाकी देखा जाएगा. न केवल उनकी (शिवराज सिंह चौहान) विदाई निश्चित है, बल्कि उनके ‘अच्छे दिन’ भी यहीं समाप्त होते हैं.’ मध्य प्रदेश में 17 नवंबर को हुए विधानसभा चुनाव की मतगणना रविवार सुबह 8 बजे शुरू हो गई है.
एमपी के 230 सीटों के आने लगे परिणाम
मध्य प्रदेश विधानसभा के सभी 230 सीटों पर एक ही चरण में मतदान 17 नवंबर को कराए गए थे. मध्य प्रदेश में, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आईएनसी) सबसे बड़ी पार्टी के रूप में है. हालांकि, मायावती के नेतृत्व वाली बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी (सपा) भी राज्य के राजनीतिक पटल पर महत्व रखती हैं.
कांग्रेस को अब भी जीत का भरोसा
वरिष्ठ कांग्रेस नेता और दो बार के सीएम दिग्विजय सिंह, कमल नाथ के नेतृत्व वाले कांग्रेस पार्टी अभियान का एक अभिन्न हिस्सा थे. सिंह 1977 से राजनीति में हैं और विभिन्न मुद्दों पर अपने मुखर और विवादास्पद विचारों के लिए चर्चा में रहे हैं. वह वर्तमान में राज्यसभा सांसद और कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) के सदस्य हैं. गुरुवार को जारी अधिकांश एग्जिट-पोल अनुमानों में भाजपा को बढ़त मिलती दिखाई गई. एग्जिट पोल में भी कांग्रेस पिछड़ती नजर आ रही थी. कुछ एग्जिट पोल ने हालांकि कांग्रेस को बढ़त बनाते हुए दिखाया था.
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रुझानों में भाजपा आगे
लेकिन अब जबकि रुझान आने लगे हैं कांग्रेस सत्ता-विरोधी लहर का फायदा नहीं उठा पाई है. मध्य प्रदेश पिछले 20 सालों से भाजपा का गढ़ रहा है. 2018 में 15 महीने के लिए कमल नाथ की अगुवाई में कांग्रेस ने संक्षिप्त सरकार चलाई थी. भाजपा ने बड़े पैमाने पर सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लड़ा, जबकि कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ को अपने मुख्यमंत्री पद के चेहरे के रूप में पेश किया.
इस बार हुआ रिकॉर्ड मतदान
पिछली बार विधानसभा चुनाव 2018 में कांग्रेस सत्ता में आई और कमल नाथ ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. बाद में, ज्योतिरादित्य सिंधिया 22 विधायकों के साथ भाजपा में शामिल हो गए और शिवराज सिंह चौहान ने फिर से राज्य के मुख्यमंत्री का पद संभाला. इस वर्ष 230 सदस्यीय विधानसभा के लिए राज्य का कुल मतदान 76.22 प्रतिशत के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंचा. 2018 में 74.97 प्रतिशत से अधिक मतदान हुआ था.