महाराष्ट्र में दो साल बाद गणेशोत्सव (Ganesh Utsav) के साथ-साथ मुहर्रम (Muharram) और दही हांडी (Dahi Handi) का आयोजन किया जायेगा. हालांकि, इस दौरान सभी नियमों का पालन किया जायेगा. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) ने खुद यह जानकारी दी है. सरकार ने गणेशोत्सव, मुहर्रम और दही हांडी पर कोरोना काल में लगे सभी प्रतिबंध हटा लिये गये हैं. हालांकि, इनके आयोजन में जरूरी नियमों का पालन किया जायेगा. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने यह जानकारी दी.
सभी नियम-कानून का पालन होगा
उन्होंने कहा कि गणेशोत्सव, मुहर्रम और दही हांडी के दौरान सभी नियम-कानून का पालन किया जायेगा. उन्होंने कहा कि कोरोना काल में जो भी पाबंदियां लगायी गयी थी, उसे हमने हटा लिया है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के जो भी निर्देश हैं, उसका पालन करना सुनिश्चित करेंगे. बता दें कि महाराष्ट्र में गणेशोत्सव और दही हांडी बड़े धूमधाम से मनाया जाता है. कोरोना संकट की वजह से पिछले दो सालों से कोई बड़ा आयोजन नहीं हुआ.
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गणेशोत्सव में नहीं रहेगी कोई पाबंदी
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि गणेश चतुर्थी के दौरान आयोजित होने वाले गणेशोत्सव में किसी तरह की कोई पाबंदी नहीं रहेगी. यहां तक कि गणेश की प्रतिमा की ऊंचाई पर भी कोई पाबंदी नहीं होगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि गणेश उत्सव के लिए कुछ नियम-कानून का पालन करना सुनिश्चित जायेगा, ताकि लोगों को बाद में किसी तरह की परेशानी न हो.
महाराष्ट्र के लोग इस बार खुलकर मनायेंगे उत्सव
श्री शिंदे ने कहा कि पिछले दो सालों से गणपति और दही हांडी का आयोजन नहीं हुआ. इसलिए इस बार लोग खुलकर उत्सव मनायेंगे. उन्होंने कहा कि हम बिना किसी समस्या के अपने उत्सव मनायेंगे. इसके लिए सभी तरह के इंतजाम किये जायेंगे. सिंगल विंडो परमिशन सिस्टम की व्यवस्था की जायेगी. इस बार सभी तरह की रियायत दी जायेगी.