देश में साइबर ठगी के हर दिन नये नये मामले सामने आ रहे हैं.देश में किसी न किसी को साइबर ठग चूना लगा ही दे रहे हैं. ताजा मामला मुंबई का है. जहां एक आईटी सेक्टर से जुड़ी महिला को ठगों ने अपना शिकार बना लिया. टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, साइबर ठगों ने पीड़ित महिला के खाते से कथित तौर पर 1.97 लाख रुपये की धोखाधड़ी कर ली. इस घटना को लेकर पीड़ित महिला ने थाने में एक मामला भी दर्ज कराया है. महिला के मुताबिक ठगों ने खुद को नारकोटिक्स विभाग का अधिकारी बताने के बाद ठगी की.
ठगों ने इस तरह दिया घटना को अंजाम
घटना को लेकर पुलिस का कहना है कि महिला ने अपनी शिकायत में कहा है कि साइबर अपराधियों ने दावा किया था कि पीड़िता का आधार नंबर अपराधियों के बैंक खातों से जुड़ा हुआ था. अपराधियों ने खुद को महाराष्ट्र नारकोटिक्स डिवीजन से होने का दावा भी किया था. महिला के मुताबिक ठगी का सारा खेल एक फोन कॉल से शुरू हुआ. महिला ने कहा कि उसे एक शख्स ने फोन कर कहा कि उसका कूरियर आया है, जो ताइवान से साथ ही उसने यह भी बताया कि कूरियर में कई आपत्तिजनक सामान है, जिसमें पांच पासपोर्ट, दो क्रेडिट कार्ड और कुछ नशीला पदार्थ है.
स्काइप कॉल के जरिए की ठगी
फोन करने वाले शख्स ने महिला का कॉल इसके बाद किसी और के फोन पर ट्रांसफर कर दिया. जिस व्यक्ति को उसने फोन ट्रांसफर किया था उसने दावा किया कि वो पुलिस से है और चूंकि मामला नशीले पदार्थों से संबंधित था, इसलिए उसने कॉल को नारकोटिक्स विभाग के अधिकारी को स्थानांतरित कर दिया. वहीं, नारकोटिक्स अधिकारी बताने वाले व्यक्ति ने महिला से आधार नंबर मांगा और उससे कहा कि यह अपराधियों के तीन बैंक खातों से जुड़ा हुआ है और इस मुद्दे को सुलझाने के लिए उसे एक ऐप डाउनलोड करना चाहिए.
तथाकथित अधिकारी के कहने पर महिला ने स्काईपी ऐप डाउनलोड किया. स्काइपी ऐप डाउनलोड करने के बाद कॉल करने वाले ने उसे अपनी ऐप आईडी दी, जिसमें उपयोगकर्ता नाम में नारकोटिक्स विभाग का उल्लेख था. स्काइप पर आरोपी ने उसे उन अपराधियों की कुछ तस्वीरें दिखाईं जिन्हें पुलिस ने पकड़ा था और कहा कि ये वही अपराधी थे, जिनके बैंक खाते उसके आधार नंबर से जुड़े हुए हैं. फर्जी अधिकारी ने उसे कई साक्ष्य भी दिखाए जिससे महिला को भरोसा हो गया कि वो वाकई नारकोटिक्स विभाग का अधिकारी है.
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सत्यापन के लिए जमा कराए पैसे
यही नहीं फोन करने वाले शख्स ने पीड़ित महिला से उसके बैंक खातों की पूरी जानकारी ली और सत्यापन के लिए दो खातों से 98,888 रुपये जमा करने को कहा. उसने महिला से यह भी कहा कि सत्यापन के बाद राशि उसके खाते में वापस कर दी जाएगी. लेकिन इसके बाद महिला के खाते में एक भी पैसा जमा नहीं किया गया. इधर, महिला को भी ठगी को लेकर शक हुआ,जिसके बाद उसने पुलिस में मामला दर्ज कराया.