Sharad Pawar On BJP : एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने छत्रपति संभाजी नगर में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने जहां एक ओर बीजेपी पर जमकर निशाना साधा वहीं, अजित पवार से मुलाकात के मुद्दे पर चुप्पी साधी. एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि पिछले 8-10 दिनों से मैं पूरे महाराष्ट्र में पार्टी कार्यकर्ताओं से मिल रहा हूं. दो दिन पहले सोलापुर के सांगोला इलाके में कम से कम 1000 लोगों ने अलग-अलग जगहों पर मेरी कार रोकी. पुणे, सतारा और अन्य स्थानों पर पार्टी के कई कार्यकर्ता मुझसे मिलने आए. मैं कल बीड का दौरा करूंगा.
आगे उन्होंने कहा कि देश की सत्ता भारतीय जनता पार्टी और उसके सहयोगियों के हाथ में है. उनकी भूमिका समाज में एकता बनाए रखने की है, लेकिन वे लोगों को बांट रहे हैं. साथ ही मणिपुर मुद्दे पर उन्होंने कहा कि मणिपुर की स्थिति चिंताजनक है. हम चाहते थे कि प्रधानमंत्री एक बार पूर्वोत्तर का दौरा करें और वहां के लोगों के बीच विश्वास पैदा करें, लेकिन यह प्रधानमंत्री के लिए महत्वपूर्ण नहीं लगा. वहीं, अजित पवार के साथ मुलाकात को उन्होंने पारिवारिक मुलाकात बताया. उन्होंने कहा कि मैं बैठक के बारे में बात करने के लिए मीडिया के पास नहीं आया.
The situation in Manipur is worrying. We wanted the PM to visit northeast once and build confidence among people there, but this did not seem important to the Prime Minister: NCP chief Sharad Pawar pic.twitter.com/c28aVb2UL7
— ANI (@ANI) August 16, 2023
वहीं, इस मुलाकात पर राकांपा नेता सुप्रिया सुले ने बुधवार को कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि पिछले सप्ताह पुणे के एक उद्योगपति के घर पर शरद पवार और अजित पवार के बीच क्या बातचीत हुई थी. कोरेगांव पार्क क्षेत्र में 12 अगस्त को उद्योगपति अतुल चोरडिया के आवास पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) संस्थापक शरद पवार और उनके भतीजे एवं महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार के बीच एक बैठक हुई थी. बारामती से लोकसभा सदस्य सुले ने कहा कि वह बैठक में मौजूद नहीं थीं और उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि वहां क्या हुआ था.
सुले ने कहा, ‘‘दादा (अजित पवार) के जन्म से पहले भी पवार और चोरडिया परिवारों के बीच अच्छा संबंध था क्योंकि (अतुल) चोरडिया के पिता और पवार साहब कॉलेज में एक साथ थे. इसलिए, अगर दोनों परिवार मिलते हैं तो इसमें आश्चर्य की कोई बात नहीं है.’’ कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष नाना पटोले ने मंगलवार को कहा था कि यह उनकी पार्टी के लिए चिंता की बात है कि शरद पवार और अजित पवार ‘‘गुप्त रूप से’’ मुलाकात कर रहे हैं.
शरद पवार शिवसेना (यूबीटी), कांग्रेस और राकांपा के महाविकास आघाड़ी (एमवीए) गठबंधन का हिस्सा हैं, जबकि अजित पवार पिछले महीने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना-भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) नीत सरकार में शामिल हो गए थे. अजित पवार के रुख के बारे में सुले ने कहा कि मतभेद होते रहते हैं और इसे स्वस्थ लोकतंत्र के संकेत के रूप में देखा जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि शरद पवार की बहन सरोज पाटिल दिवंगत कॉमरेड डॉ. एन डी पाटिल की पत्नी हैं, लेकिन (शरद) पवार और पाटिल कई मौकों पर एक-दूसरे के खिलाफ खड़े हुए.
उन्होंने कहा, ‘‘इसका मतलब यह नहीं कि बुआ का हमारे प्रति प्यार कम हो गया है. हमारे परिवार में, निजी संबंध एक तरफ हैं और राजनीतिक विचार दूसरी तरफ है.’’ सुले ने कहा कि ‘‘पवार साहब और एन. डी. पाटिल’’ के बीच मतभेदों के बावजूद महाराष्ट्र ने उन्हें स्वीकार किया और दोनों नेताओं को प्यार मिला. उन्होंने कहा, ‘‘राज्य में एक बार फिर ऐसी ही स्थिति बन गई है. अगर दादा (अजित पवार) को लगता है कि उनका राजनीतिक रुख सही है, तो लोकतांत्रिक व्यवस्था में इसे स्वीकार किया जाना चाहिए. हमारा रुख दादा से अलग हो सकता है और मैं इसे लोकतंत्र में गलत नहीं मानती.’’
Also Read: राहुल गांधी ने केरल CM से किया आग्रह, कहा- ‘चिकित्सा लापरवाही के खिलाफ सुरक्षा उपाय करें’भाजपा से ‘प्रस्ताव’ मिलने के दावे से जुड़ी खबरों के बारे में पूछे जाने पर सुले ने कहा कि उन्हें किसी से कोई प्रस्ताव नहीं मिला है. महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार और उनके चाचा शरद पवार की मुलाकात को लेकर चर्चा के बीच, पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि जो लोग कांग्रेस के साथ गठबंधन करेंगे वे उसके साथ रहेंगे और जो लोग भाजपा के साथ जाने के इच्छुक हैं वे ऐसा करने के लिए स्वतंत्र हैं.
सतारा में एक मराठी चैनल से बात करते हुए चव्हाण ने बुधवार को कहा कि कांग्रेस मजबूती से तैयारी कर रही है, क्योंकि वह 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को हराना चाहती है. यह पूछे जाने पर कि क्या पिछले हफ्ते राकांपा संस्थापक शरद पवार और अजित पवार के बीच ‘गुप्त’ बैठक और राकांपा में हालिया घटनाक्रम का असर महा विकास अघाडी (एमवीए) के तीन-पक्षीय गठजोड़ पर पड़ेगा, चव्हाण ने कहा कि जो भी निर्णय लेना होगा संबंधित दलों के नेता लेंगे.
एमवीए में कांग्रेस, उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी) और राकांपा का शरद पवार गुट शामिल है. चव्हाण ने राकांपा का जिक्र करते हुए कहा कि उनकी पार्टी में जो कुछ भी हो रहा है, उस पर पार्टी के नेता टिप्पणी कर सकेंगे. अजित पवार समेत पार्टी के नौ वरिष्ठ नेताओं के महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ भाजपा और एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना में शामिल होने के बाद पिछले महीने राकांपा में विभाजन हो गया. शनिवार को पुणे में एक कारोबारी के आवास पर शरद पवार और उनके भतीजे तथा महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजित पवार के बीच हुई बैठक के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई. इस दौरान राकांपा के वरिष्ठ नेता जयंत पाटिल भी मौजूद थे.
चव्हाण ने कहा कि एमवीए में कांग्रेस के साथ शामिल लोग “सांप्रदायिक” पार्टियों से लड़ना जारी रखेंगे. चव्हाण ने कहा, “जो हमारे साथ होंगे, वे हमारे साथ जुड़े रहेंगे. जो लोग भाजपा के साथ जाना चाहते हैं वे ऐसा कर सकते हैं. किसी ने किसी का हाथ नहीं पकड़ रखा है. धीरे-धीरे तस्वीर साफ हो जाएगी. हम, कांग्रेस के रूप में, मजबूती से तैयारी कर रहे हैं क्योंकि हम 2024 के चुनावों में भाजपा को हराना चाहते हैं.” कांग्रेस के शिवसेना (यूबीटी) के साथ चुनाव लड़ने का दावा करने वाली कुछ खबरों के बारे में पूछे जाने पर चव्हाण ने कहा कि उन्हें ऐसी कोई जानकारी नहीं है.