लोकसभा चुनाव के पहले राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Chief Minister Mamata Banerjee) एक बार फिर जंगलमहल के जिलों के दौरे पर जा रही हैं. राज्य सचिवालय के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, 26 फरवरी को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पुरुलिया, बांकुड़ा व झाड़ग्राम जिले के दौरे पर रहेंगी और इस दौरे से ठीक पहले राज्य सचिवालय के पास बने नबान्न सभागार में आदिवासी समुदाय के विभिन्न संगठनों के साथ बैठक की. बैठक में आदिवासी के विभिन्न समुदाय जैसे संताल, भूमिज, मुंडा, कुड़मी और अन्य आदिवासी सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि शामिल रहे.
आदिवासी समुदाय के विकास पर्षदों को राशि आवंटित की
मुख्यमंत्री ने आदिवासी समुदाय के विकास के लिए राज्य सरकार द्वारा बनायी गयी विकास पर्षदों को आवंटित धन के शीघ्र वितरण का भी निर्देश दिया. उन्होंने बाउरी, बागड़ी, आदिवासी विकास बोर्ड के लिए आवंटित राशि शीघ्र जारी करने का आदेश दिया. मालूम हो कि बैठक में मुख्यमंत्री ने दो बागड़ी व बाउरी विकास बोर्ड के लिए पांच-पांच करोड़ और आदिवासी विकास बोर्ड के लिए दो करोड़ रुपये आवंटित करने की घोषणा की. सूत्रों के मुताबिक, करीब डेढ़ घंटे तक चली इस बैठक में उन्होंने आदिवासियों की शिकायतें सुनीं और विभिन्न सरकारी परियोजनाओं का लाभ उन तक बेहतर ढंग से पहुंचाने का आदेश दिया.
मुख्यमंत्री ने केंद्र की मांग पर जातीय सर्वेक्षण रिपोर्ट कई बार दिल्ली भेजी
बैठक में कुड़मी समाज को जनजाति उपाधि देने में केंद्र सरकार की लापरवाही का मुद्दा भी उठाया गया. संगठन के नेता राजेश महतो ने कहा कि मुख्यमंत्री ने केंद्र की मांग पर जातीय सर्वेक्षण रिपोर्ट कई बार दिल्ली भेजी है. लेकिन दूसरी ओर राज्य सरकार से राय और स्पष्टीकरण मांगने के बाद मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है. बैठक में उन्होंने मुख्यमंत्री का ध्यान आकर्षित किया. इसके बाद सीएम ने कहा कि वह एक बार फिर केंद्र सरकार के समक्ष इस मांग को रखेंगी.
चोपड़ा में मारे गये बच्चों के परिजनों दो-दो लाख का मुआवजा
बैठक में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उत्तर दिनाजपुर के चोपड़ा में हुए हादसे में मारे गये चार बच्चों के परिजनों के लिए आर्थिक मुआवजे की घोषणा की. मुख्यमंत्री ने मृत बच्चों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये का मुआवजा देने का ऐलान किया और मुख्य सचिव इस पर तुरंत अमल करने का निर्देश दिया.
शिक्षा विभाग के कामकाज पर भी उठाया सवाल
बताया गया है कि बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर राज्य के स्कूली शिक्षा विभाग के कामकाज पर सभी सवाल उठाया. मुख्यमंत्री ने शिक्षा विभाग के कार्यालय की नाकामी के अलावा विपक्ष पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि विपक्षी पार्टियों की वजह से शिक्षकों की नियुक्ति रूकी हुई है. जब आपके हाथ में कुछ न हो, तो पारा शिक्षकों के साथ काम करें. हालांकि, सीएम ने कहा कि स्कूल शिक्षा विभाग में भी कमी है.