ऋषव मिश्रा कृष्णा, भागलपुर
Navgachhiya News 26 अप्रैल को मतदान वाले दिन नवगछिया प्रखंड के जगतपुर पंचायत का जपतेली गांव सर्वाधिक चर्चा में रहा. ग्रामीणों ने सामूहिक रूप से वोट का बहिष्कार कर दिया. मतदान कर्मी मतदाताओं का इंतजार करते रहे. प्रशासनिक अधिकारियों ने समझाने-बुझाने का काम किया, लेकिन ग्रामीण नहीं माने. ग्रामीण कहते हैं मजबूरन उन्हें यह कदम उठाना पड़ा.जपतेली गांव विक्रमशिला सेतु पहुंच पथ से महज 500-600 सौ मीटर दूरी पर है. इतनी ही दूरी तक सड़क निर्माण के लिए ग्रामीण वर्षों से संघर्षरत हैं.
फिलहाल विक्रमशिला सेतु पहुंच पथ से जपतेली गांव खेतों और सूखे तालाबों से होकर पगडंडी के माध्यम पहुंचा जा सकता है. तालाबों में पानी भरने पर नाव सहारा बनता है या फिर पहले जाह्नवी चौक पहुंच कर राघोपुर, अलालपुर, बिंदटोली, बहत्तरा, अठनियां होते हुए जपतेली गांव पहुंचते हैं, यह रास्ता लगभग 12 किलोमीटर लंबा है.बसावट 200 वर्षों से अधिक पुराना, लेकिन नहीं जुड़ा मुख्यधारा सेजपतेली गांव के लोगों ने कहा कि वे लोग यहां पीढ़ियों से रह रहे हैं. वर्ष 1937 में ग्रामीण स्तर से एक विद्यालय की स्थापना की गयी थी जो आज प्रोन्नत होकर मध्य विद्यालय बन गया है. वर्ष 1990 के बाद जब गांव की आबादी बढ़ने लगी, रोजगार की कमी हुई और देश में भूमंडलीकरण और उदारीकरण की शुरूआत हुई तो गांव के युवाओं को बाहरी दुनियां से सीधे संपर्क की आवश्यकता हुई.
लेकिन कोई उपाय न था. फिर विक्रमशिला सेतु बनना प्रारंभ हुआ तो जपतेली गांव के लोग आशान्वित थे कि सेतु का संपर्क पथ उनके गांव के पास से ही गुजरेगा. ग्रामीणों ने वर्ष 2000 में विक्रमशिला सेतु पर आवागमन शुरू हो जाने के बाद सड़क से गांव को जोड़ने के लिए संघर्ष तेज कर दिया. सक्रिय संघर्ष करते हुए आज 24 वर्ष बीत गये लेकिन जपतेली गांव मुख्यधारा से नहीं जुड़ सका.एक माह पूर्व ही तैयार कर ली थी वोट बहिष्कार की रणनीतिग्रामीणों ने बताया कि पिछले कई चुनावों में नेता उनके गांव तक वोट की अपील करने पहुंच जाते थे, कसमें – वादे सब करते थे. लेकिन चुनाव समाप्त होते ही उन्हें भुला दिया जाता था.
ग्रामीणों ने बताया कि एक माह पहले ही उनलोगों ने वोट बहिष्कार की राणनीति तैयार कर ली थी. वे लोग किसी भी पदाधिकारी के पास नहीं गये. गांव में पंचायती की गयी और वोट बहिष्कार कर निर्णय लेते हुए गांव के दोनों छोड़ पर दो सूचनात्मक बैनर टांग दिया. ग्रामीण बताते हैं कि निर्णय लिया गया था कि जो भी ग्रामीणों के निर्णय के विरूद्ध मतदान करेगा, पूरा गांव मिल कर उसे अलग थलग कर देंगें. उनके यहां से न्योता पत्ता सब बंद कर देंगे.अगर लोकतंत्र है तो विकास की मुख्याधारा से जुड़ना उसका हक है
जपतेली गांव पर एक नजर में
पंचायत | जगतपुर |
प्रखंड | नवगछिया |
आबादी | पांच हजार के लगभग |
मतदाताओं की संख्या | 1671 |
मतदान केंद्रों की संख्या | दो |
विद्यालय की संख्या | एक |
आंगनबाड़ी केंद्र | दो |
हर घर नल जल | उपलब्ध |
जविप्र के उपभोक्ता | 600 परिवार |
सरकारी नौकरी में | चार व्यक्ति |
आय का साधन | कृषि, पशुपालन, दिहाड़ी |
स्वास्थ्य केंद्र | नहीं |
सामुदायिक भवन या चौपाल | नहीं |
जल निकासी के लिए नाला | नहीं |