राउरकेला.
नोबेल पुरस्कार विजेता कविकुरु रबींद्रनाथ टैगोर के गीतों की प्रस्तुति तय कार्यक्रम के अनुसार रविवार सुबह 11 बजे से भंज भवन में दी गयी. सुबह 11 से लेकर पौने एक बजे तक एक घंटा 45 मिनट तक नॉन स्टॉप चले इस संगीत कार्यक्रम में शहर के 105 गायकों ने हिस्सा लिया. पहले 103 गायकों के ही इसमें हिस्सा लेने का कार्यक्रम था. राष्ट्रीय स्तर पर रबींद्र संगीत गायन का यह कार्यक्रम रखा गया था. रबींद्र संगीत को समर्पित संस्था गीतिमाल्या महान कवि की 163वीं जयंती के उपलक्ष्य में इस राष्ट्रीय स्तर पर हो रहे आयोजन का हिस्सा बनी. देशभर में करीब 1100 गायकों ने इसी समय के दौरान गुरुदेव के 20 गीतों की श्रृंखला का प्रस्तुतिकरण किया. गीतिमाल्या संस्था से जुड़ी माना चक्रवर्ती ने बताया कि इस अनोखे कार्यक्रम के आयोजन के लिए हम लगातार रिहर्सल कर रहे थे और आज हम सभी ने परफॉर्म किया. हर चार साल में कोलकाता में इसका आयोजन होता था और इसमें हम भाग लेने जाते थे. लेकिन इस बार हमारे शहर राउरकेला में इसका आयोजन हुआ. राउरकेला सहित देश के 11 राज्यों में एक साथ आयोजन किया गया.गुरुदेव के 20 गाने प्रस्तुत किये गये
प्रत्येक राज्य में 100 कलाकारों ने भाग लिया. एक समय में ट्रैक पर गुरुदेव के 20 गाने गाये गये. कोरस गायन की संरक्षक सुस्मिता नस्कर, जो ओडिशा में इस आयोजन की समन्वयक थीं, ने कहा कि राज्य से 103 कलाकारों के इसमें शामिल होने की योजना थी, लेकिन बाद में दो और कलाकार इसमें जुड़ गये. 11 राज्यों, मध्यप्रदेश, झारखंड, ओडिशा, तमिलनाडु, कोलकाता, असम, नयी दिल्ली, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, कर्नाटक और तेलंगाना में 1100 कलाकार गुरुदेव के 20 चयनित गीत गाये. जिसमें ‘एकला चलो’ठीक सुबह 10.30 बजे शुरू हुआ.
1100 कलाकारों ने रियल टाइम में दी प्रस्तुति
कार्यक्रम की समन्वयक कोयना दस्तीदार ने कहा कि हमने ट्रैक पर गाना गाया और हमारे साथ कोई संगीतकार नहीं था. रियल टाइम का पालन करते हुए सभी 1100 कलाकारों ने एक बार में गाने गाये. एक घंटे और 30 मिनट में गाने खत्म करने थे, लेकिन इसमें 15 मिनट और जुड़ गये. राउरकेला से 85 कलाकार सामूहिक गायन में शामिल हुए, जबकि 20 कलाकार कटक और भुवनेश्वर से आये थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है