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ऑटोरिक्शा चालक ने नेशनल पावर लिफ्टिंग चैंपियनशिप में जीता गोल्ड मेडल

सुंदरगढ़ के सचिंद्र केरकेट्टा ऑटो चला कर अपनी मां और भाई का पालन पोषण करते हैं. उन्होंने नेशनल पावर लिफ्टिंग में गोल्ड मेडल जीत कर जिला का नाम रोशन किया है.

राउरकेला. सुंदरगढ़ जिले को हॉकी का गढ़ कहा जाता है. लेकिन यहां के खिलाड़ियों ने अन्य खेलों में भी अपनी प्रतिभा से जिले को गौरवान्वित किया है. इस बार उपलब्धि हासिल की है एक ऑटोरिक्शा चालक ने. पिता की मृत्यु के बाद ऑटो चलाकर अपनी मां और छोटे भाई का पालन-पोषण करने वाले सचिंद्र केरक्टा ने नेशनल पावर लिफ्टिंग चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीत कर जिले का मान बढ़ाया है. उन्हें बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है.

2018 में पिता की मृत्यु के बाद छूटी पढ़ाई, चला रहे थे ऑटोरिक्शा

सुंदरगढ़ सदर ब्लॉक के बड़पत्रापाली के मंडरीढिपा में श्रीकांत केरकेट्टा अपने परिवार के साथ रहते थे. पत्नी विदेशिनी, बड़ा बेटा सचिंद्र तथा छाेटे बेटे पंकज को लेकर उनका संसार था. श्रीकांत ऑटोरिक्शा चलाकर परिवार का भरण-पोषण करते थे. इसी बीच सचिंद्र ने पंडरीढिपा प्राथमिक विद्यालय से पहली से पांचवीं पास करने के बाद रथ नोडल उच्च प्राथमिक विद्यालय से आठवीं पास की थी. सुंदरगढ़ टाउन हाईस्कूल से 2016 में मैट्रिक पास करने के बाद इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा करने के लिए कुआरमुंडा के एक निजी तकनीकी संस्थान में दाखिला लिया था. लेकिन 2018 में पिता की बीमारी से माैत हो गयी थी. आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण 2019 में सचिंद्र को अपनी डिप्लोमा इंजीनियरिंग की पढ़ाई आधे में छोड़नी पड़ी. इसके बाद मां की देखभाल करने तथा छोटे भाई की पढ़ाई का खर्च उठाने के लिए उसने अपने पिता की ऑटोरिक्शा चलानी शुरू कर दी.

लगन देखकर जिम संचालक ने किया प्रोत्साहित

इसी दौरान उसने सुंदरगढ़ में एक जिम ज्वाइन कर लिया. जहां पर उसे मासिक 500 रुपये का शुल्क देना पड़ता था. सुबह उठकर जिम में दो से तीन घंटे अभ्यास करने के बाद ऑटोरिक्शा लेकर निकल जाता था. जिससे उसे दैनिक 500 से 700 रुपये की आमदनी होती थी. कुछ रुपये अपने खर्च के लिए रखकर बाकी रुपये मां को दे देता था. जिम में उसकी लगन देखकर जिम संचालक ने उसे प्रोत्साहित किया तथा उसका मासिक शुल्क लेना बंद कर दिया.

2020 में पश्चिम ओडिशा पावर लिफ्टिंग चैंपियनशिप ने बदल दी किस्मत

पावर लिफ्टर सचिंद्र केरकेट्टा की किस्मत वर्ष 2020 में झारसुगुड़ा में आयोजित पश्चिम ओडिशा पावर लिफ्टिंग चैंपियनशिप में शामिल होने के बाद बदल गयी. इसमें 53 किलो जूनियर वर्ग में शामिल होकर उसने स्वर्ण पदक हासिल किया. इसके बाद से ही सचिंद्र ने पावर लिफ्टिंग को ही अपना करियर बनाने की ठान ली थी.

राज्य व राष्ट्रीय प्रतियोगिता में भी जीता है स्वर्ण पदक

राउरकेला के सेक्टर-7 स्थित रायमा क्लब के कोच बासु बनर्जी और विक्रम स्वांई ने उसकी निष्ठा व लगन देखकर प्रशिक्षण देना शुरू किया. 2023 में भुवनेश्वर रेलवे स्कूल में आयोजित राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में उसने गोल्ड मेडल जीता. वहीं गत सात से 10 जून तक दिल्ली में हुई राष्ट्रीय स्तर की पावर लिफ्टिंग चैंपियनशिप के जूनियर वर्ग में उसने गोल्ड मेडल जीता है. गौरतलब है कि सचिंद्र के पास दिल्ली तक जाने के लिए रुपये भी नहीं थे. लेकिन कुछ सहृदय व्यक्तियों ने उसकी मदद की. जिसके बाद दिल्ली जाकर उसने यह सफलता हासिल की.

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