भुवनेश्वर. राज्य के मुख्यमंत्री मोहन माझी व दो उपमुख्यमंत्रियों ने दिल्ली जाकर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्री से मुलाकात की है. ओडिशा के लोग यह जानने के लिए उत्सुक हैं कि इन वार्ताओं में ओडिशा के विकास के लिए क्या चर्चा हुई. विपक्ष के उप नेता प्रसन्न आचार्य ने यहां पत्रकारों से बातचीत में यह बात कही. उन्होंने कहा कि बीजेपी राज्य में डबल इंजन की सरकार चाहती थी. अब राज्य में डबल इंजन की सरकार चल रही है. ओडिशा बार-बार कोयले की रॉयल्टी बढ़ाने की मांग कर रहा है. लेकिन 2013 के बाद से कोयले की रॉयल्टी में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है. पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने बार-बार ऐसी मांगें रखीं, लेकिन केंद्र ने नहीं सुनीं. प्रसन्न आचार्य ने कहा कि कोयला रॉयल्टी बढ़ेगी तो विकसित ओडिशा का सपना साकार होगा. उन्होंने कहा कि इसी तरह, ओडिशा भी कई वर्षों से विशेष दर्जे की मांग कर रहा है. इसलिए ओडिशा के नये मुख्यमंत्री ने केंद्रीय नेतृत्व से इस पर चर्चा की होगी. क्योंकि विशेष राज्य का दर्जा विकसित ओडिशा की गति को और तेज करेगा.
बीजद ने हमेशा मुद्दे के आधार पर समर्थन व विरोध किया
श्री आचार्य ने कहा कि बीजेडी ने हमेशा से दिल्ली में मुद्दों के आधार पर समर्थन व विरोध किया है. ओडिशा और यहां के लोगों के हितों में बाधा आने पर बीजद ने हमेशा विरोध किया है. अब नीट जैसे मुद्दे पर बीजद ने संसद में विरोध जताया है. आने वाले दिनों में अगर ओडिशा के हितों को नुकसान पहुंचाया गया या फिर संविधान की मर्यादा का उल्लंघन किया गया, पार्टी निश्चित रूप से विरोध करेगी. इसी तरह विधानसभा में ओडिशा के हितों के साथ पार्टी समझौता नहीं करेगी. गैर-ओडिया मुख्य सचिव की नियुक्ति को लेकर प्रसन्न आचार्य ने कहा कि जो लोग ओडिया अस्मिता की बात कर रहे थे, उन्हें ‘सिर मुंडवाते ओले पडे़’ जैसी स्थिति देखनी पड़ी है. देखते हैं आगे क्या होता है.
नीट के मुद्दे पर विपक्ष के साथ बीजद सांसदों ने किया था प्रदर्शन
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के हाथों ओडिशा की सत्ता गंवाने के बाद बीजू जनता दल (बीजद) शुक्रवार को राज्यसभा में विपक्ष के साथ दिखा और उसने नीट मुद्दे पर चर्चा की मांग करते हुए प्रदर्शन किया. उच्च सदन में जब विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के घटक दलों के सदस्य नीट मुद्दे पर चर्चा की मांग कर रहे थे, बीजद के सांसद भी उनके साथ दिखे और आसन के समीप आ गये. राज्यसभा में बीजद के नेता सस्मित पात्रा ने संसद भवन परिसर में कहा कि बीजू जनता दल और अन्य विपक्षी दल नीट पर चर्चा चाहते थे. जब चर्चा के लिए अनुमति नहीं मिली, तो हम आसन के समीप आ गये. हमने विरोध किया व चर्चा की मांग की. लेकिन अनुमति नहीं दी गयी. विपक्ष द्वारा किये गये वॉकआउट में भी बीजद साथ था. कांग्रेस सांसद फूलो देवी नेताम के सदन में बेहोश हो जाने के बाद सभापति जगदीप धनखड़ द्वारा सदन को स्थगित करने से इनकार करने के बाद विपक्षी सदस्यों ने सदन से वॉकआउट किया. बीजू जनता दल इस बार लोकसभा चुनाव में एक भी सीट नहीं जीत सका, लेकिन राज्यसभा में उसके नौ सदस्य हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है