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Jharsuguda News: किसान चौक से प्रसन्न पंडा चौक तक अवैध पार्किंग हटाने के निर्देश

Jharsuguda News: झारसुगुड़ा जिला पुलिस-मजिस्ट्रेट समन्वय बैठक में अधिकारियों को शहर में कानून का कड़ाई से पालन कराने को कहा गया.

Jharsuguda News: झारसुगुड़ा जिले में अक्तूबर माह की पुलिस-मजिस्ट्रेट समन्वय बैठक मंगलवार को जिलाधीश अबोली सुनील नरवाणे और एसपी स्मित पी परमार की संयुक्त अध्यक्षता में आयोजित हुई. जिलाधीश एवं एसपी ने पुलिस एवं दंडाधिकारी के बीच समन्वय पर जोर दिया. बैठक में उद्योगों में कानून प्रवर्तन, बाल श्रम और बाल विवाह, सरकारी भूमि से बेदखली, आइआइसी और पुलिस और मजिस्ट्रेट के बीच समन्वय से संबंधित मामलों पर चर्चा की गयी. संबंधित तहसीलदारों और आइआइसी को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, बाल देखभाल संस्थानों और आश्रम स्कूलों, वृद्धा और महिला आश्रमों सहित नियमित जिला प्रमुख अस्पतालों का दौरा करने का निर्देश दिया गया है. इसी तरह बाल विवाह के मामलों में शामिल नाबालिगों को रेस्क्यू कर चाइल्ड वेलफेयर कमेटी (सीडब्ल्यूसी) में लाने के लिए कदम उठाने को कहा गया है.

बैठक में ये दिये गये निर्देश

किसान चौक से प्रसन्न पंडा चौक तक सड़क के दोनों ओर से अवैध पार्किंग हटाने, आरटीओ, बीआइडी, तहसीलदार और स्थानीय आइआइसी के साथ दस्ते बनाने और नहरों से चलने वाली अवैध नौकाओं/नावों को जब्त करने और महत्वपूर्ण स्थानों को खाली करने का निर्देश दिया गया है. बैठक में जिला परिषद के मुख्य विकास अधिकारी और कार्यकारी अधिकारी प्रवीर कुमार नायक, अतिरिक्त जिलाधीश किशोर चंद्र स्वांई, उपजिलाधीश सव्यसाची पंडा, एएसपी लंबोदर बुडा, एसडीपी उमाशंकर सिंह, चिंतामणि प्रधान सहित बीडीओ, नगर निगम के कार्यपालक पदाधिकारी, तहसीलदार, आइआइसी, आरटीओ, डीडब्ल्यूओ एवं डीसीपीओ प्रमुख रूप से उपस्थित थे.

जिलाधीश ने जिला अस्पताल में की जांच, हेल्प डेस्क का कर्मचारी निलंबित

झारसुगुड़ा जिला मुख्य अस्पताल में मंगलवार को एक घायल मरीज को भर्ती किया गया था. लेकिन अस्पताल के हेल्प डेस्क के कर्मचारी के कारण मरीज के परिजनों को परेशानियों का सामना करना पड़ा. इसकी शिकायत मिलने पर जिलाधीश अबोली सुनील नरवाणे ने बुधवार को यहां पहुंच कर मामले की जांच की. वहीं संबद्ध कर्मचारी रोहित बाग को कार्य से निलंबित कर दिया गया है. साथ ही हेल्प डेस्क की जिम्मेदारी संभालनेवाली एसएचजी ग्रुप से भी जवाब तलब किया गया है. अस्पताल आने वाले अन्य मरीजों के परिजनों का भी आरोप है कि जिला अस्पताल के हेल्प डेस्क में नियोजित कर्मचारी उनकी सहायता करने की जगह अपनी मौज-मस्ती में व्यस्त रहते हैं. मंगलवार को तो यहां पदस्थ एक कर्मचारी नशे में भी था. इसके अलावा अस्पताल की अन्य समस्याओं की भी जांच शुरू की गयी है.

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