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सुंदरगढ़ लोकसभा सीट : पांच बार के सांसद जुएल ओराम के लिए जीत की हैट्रिक लगाना आसान नहीं होगा

सुंदरगढ़ संसदीय सीट से पांच बार के सांसद रहे जुएल ओराम के लिए छठी बार सांसद बनने की राह इस बार आसान नहीं दिख रही है. बीजद से दिलीप तिर्की और कांग्रेस से जनार्दन देहुरी इस बार के चुनाव में उन्हें कड़ी टक्कर दे रहे हैं.

राउरकेला. सुंदरगढ़ संसदीय सीट से पांच बार के सांसद रहे जुएल ओराम के लिए छठी बार सांसद बनने की राह इस बार आसान नहीं दिख रही है. उनके सामने इस बार दो हैवीवेट उम्मीदवार मैदान में हैं, जो जुएल ओराम और जीत की हैट्रिक के बीच खड़े हैं. इनमें से एक पद्मश्री डॉ दिलीप तिर्की को बीजद ने उम्मीदवार बनाया है. वहीं कांग्रेस ने इस सीट पर जनार्दन देहुरी को आजमाया है. पूरे जिले में तीनों ही उम्मीदवार प्रचार तेजी से चला रहे हैं. सभी 17 प्रखंडों में चुनाव प्रचार चल रहा है. साथ ही ग्रामीण और शहरी दोनों वोटरों को साधने के लिए तीनों पसीना बहा रहे हैं.

हॉकी विश्व कप की सफलता से दिलीप तिर्की हैं उत्साहित

हॉकी विश्वकप-2023 की भुवनेश्वर के साथ ही राउरकेला को मेजबानी मिलने के बाद से ही दिलीप तिर्की बेहद उत्साहित हैं. हॉकी विश्वकप के आयोजन से राउरकेला में हुए विकास तथा सभी 17 प्रखंडों में हॉकी को बढ़ावा देने के लिए बने बुनियादी ढांचे का लाभ उनकाे मिलता दिख रहा है. भविष्य में खेल के क्षेत्र में सुंदरगढ़ जिले में और भी कार्य करने का वादा वे लगातार कर रहे हैं. उनकी बदौलत ही सुंदरगढ़ जिले के युवाओं ने अपनी हाथों में हॉकी थामी. इसी हॉकी ने जिले के युवाओं काे स्वर्णिम भविष्य प्रदान किया, यह बात किसी से छिपी नहीं है.

जुएल ओराम की लगातार दो जीत में रहा है माेदी लहर का बड़ा हाथ

सुंदरगढ़ के लोकसभा सांसद जुएल ओराम को वर्ष 2009 में कांग्रेस के हेमानंद बिश्वाल ने मात दी थी. जिसके बाद उन्होंने 2014 व 2019 में लगातार दो बार जीत दर्ज की थी. लेकिन इस जीत में मोदी लहर का बड़ा हाथ था. यदि इन दोनों चुनावों में मोदी लहर न होती, तो जुएल ओराम के लिए अपनी सीट बचानी मुश्किल हो सकती थी. जिससे इस बार भी वे मोदी लहर के भरोसे ही अपनी चुनावी वैतरणी पार करना चाहते हैं. शायद यही वजह है कि अक्सर सभा में वे यह कहना नहीं भूलते कि इस बार मोदी की लहर नहीं, बल्कि सुनामी है. जो ओडिशा समेत राज्य में भी भाजपा की सरकार बनाने में मददगार होगी. लेकिन उनका यह अति आत्मविश्वास उल्टा भी पड़ सकता है, ऐसा राजनीतिक जानकारों का मानना है.

इंडिया गठबंधन के कांग्रेस प्रत्याशी जर्नादन देहुरी भी कमतर नहीं

सुंदरगढ़ लोकसभा से इंडिया गठबंधन के कांग्रेस प्रत्याशी जनार्दन देहुरी को इस चुनाव में कमतर आंकना बीजद व भाजपा के लिए भारी पड़ सकता है. देहुरी जिले के पुराने कांग्रेसी हैं तथा एक मंजे हुए राजनेता है. इंडिया गठबंधन में माकपा भी शामिल है, जिससे बणई में माकपा के विधायक प्रत्याशी लक्ष्मण मुंडा को मिलने वाले वोट उनकी झोली में गिरेंगे. इसके अलावा पूरे जिले में माकपा की श्रमिक इकाई सीटू सक्रिय है. जिससे जनार्दन को इसका लाभ मिल सकता है. इसके अलावा कांग्रेस के जो परंपरागत वोट हैं, वे भी उनके पक्ष में जायेंगे. इसके अलावा राउरकेला की ट्रेड यूनियन इंटक संबद्ध राउरकेला श्रमिक संघ ने भी उनका समर्थन किया है.

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