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राउरकेला. लक्ष्मी बसों से हटा लोगो, बीडीओ ने जानकारी होने से किया इनकार

ओडिशा में सत्ता परिवर्तन के साथ ही पुरानी सरकार की योजनाएं बल रही हैं. लक्ष्मी बस से बीती रात किसी ने लोगो हटा दिया है. वहीं बच्चों को अब नुआ ओ स्कॉलरशिप की चिंता सता रही है.

कुतरा. सूबे में सत्ता परिवर्तन का असर दिखने लगा है. चुनाव से कुछ माह पहले ग्रामीण इलाकों को प्रखंड मुख्यालय से जोड़ने के लिए राज्य सरकार ने लक्ष्मी बस योजना शुरू की थी. कुतरा प्रखंड में भी यह सुविधा शुरू हुई थी और तीन बसें ग्रामीण इलाकों में परिवहन करती थीं. इन तीनों बसों के दोनों किनारों पर दो नर्तकी का शंख फूंकते हुए लोगो लगा था. चुनाव आचार संहिता लागू होने के बाद इस लोगो को ढक दिया गया था. छह जून को जैसे ही आदर्श आचार संहिता हटी, तो बसों से यह लोगो पूरी तरह गायब हो गये हैं.

रात में खड़ी करके गये थे बस, सुबह पहुंचे, तो लोगो हटा हुआ था

बताया जा रहा है कि बसों की पार्किंग पंचायत कार्यालय में होती थी. बीती रात बसों को वहां खड़ी कर कर्मचारी लौट गये थे. सुबह बसों से यह लोगो गायब मिले. अब लोगों को यह चिंता सता रही है कि कहीं लोगो के बाद बस सेवा को ही तो बंद नहीं कर दिया जायेगा. इस संबंध में बस कर्मचारियों और बसों के परिचालन के लिए जो भी जिम्मेदार हैं, उन्होंने किसी तरह की जानकारी होने से इनकार किया है. कुतरा के बीडीओ युगल किशोर बिश्वाल से पूछने पर उन्होंने कहा कि उनके पास कोई जानकारी नहीं है कि लोगो किसने हटाया है. इस बारे में उच्च अधिकारियों से किसी तरह का निर्देश आने से भी उन्होंने इनकार किया.

नुआ ओ स्कॉलरशिप को लेकर असमंजस में छात्र

राज्य में सत्ता परिवर्तन के बाद नवीन पटनायक सरकार में मिल रही विविध सरकारी योजनाओं का लाभ मिलेगा या नहीं, इसे लेकर लाभार्थी चिंतित हैं. इसी प्रकार राज्य सरकार ने राज्य के पीजी व यूजी में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं के लिए चुनाव की तारीख घोषित होने से पूर्व नुआ ओ स्कॉलरशिप की घोषणा की थी. लेकिन अब इसका लाभ मिलना जारी रहेगा या नहीं, इसे लेकर छात्र असमंजस में हैं. नुआ ओ स्कॉलरशिप के तहत पीजी व यूजी के विद्यार्थियों के बैंक खाते में स्कॉलरशिप की राशि भेजी गयी थी. इसमें जिनके माता-पिता सरकारी नौकरी में हैं तथा जिनके माता-पिता आयकर देते हैं, उन्हें छोड़कर बाकी सभी वर्ग के छात्र-छात्राओं को शामिल किया गया था.

आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्रों को मिलती थी सहायता

इसके तहत सामान्य व ओबीसी वर्ग के छात्राें के लिए 9000, सामान्य व ओबीसी वर्ग की छात्राओं के लिए 10,000 रुपये, एससी व एसटी वर्ग के छात्रों के लिए 10,000 रुपये तथा एससी व एसटी वर्ग की छात्राओं के लिए 11,000 रुपये की सालाना स्कॉलरशिप की घोषणा की गयी थी. इस घोषणा के बाद छात्र-छात्राओं के बैंक खाते में यह राशि डाल दी गयी थी. इसके अलावा सूबे में बीजद की सरकार बनने के बाद आगामी 15 अगस्त से छात्र-छात्राओं के लिए मैजिक कार्ड जारी करने की घोषणा की गयी थी. इस कार्ड की मदद से पढ़ाई में प्रदर्शन के अनुसार स्कॉलरशिप, राज्य सरकार की परिवहन सेवा में यात्रा करने से किराया में रियायत समेत अन्य सुविधा मिलने की घोषणा की गयी थी. लेकिन अब राज्य में सत्ता परिवर्तन तथा भाजपा की सरकार बनने के बाद राज्य सरकार की इन योजनाओं का लाभ मिलना जारी रहेगा या नहीं, इसे लेकर छात्र समाज चिंतित है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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