Sambalpur News: दक्षिण पूर्व रेलपथ चक्रधरपुर रेल मंडल अंतर्गत रियासत कालीन सबसे पुराने बामड़ा रेल स्टेशन के पास रेलवे फाटक बंद रहने के दौरान दोनों ओर बड़ी संख्या में दो और चार पहिया वाहनों की लंबी कतार लग जाती है. जल्दी जाने की होड़ में जान जोखिम में डाल कर अक्सर बाइक और साइकिल सवार फाटक के नीचे से पार होते है. अब तक कई लोगों ने अपनी जान भी गंवायी है.जानकारी के अनुसार, मुंबई-हावड़ा मुख्य रेल मार्ग पर रोज सैकड़ों की तादाद में गुड्स व अन्य ट्रेनें आना-जाना करती हैं. जिसके चलते अक्सर रेल फाटक 15 से 20 मिनट तक बंद रहता है. फाटक खुलने के कुछ मिनटों बाद फिर गेट बंद हो जाता है.
रेल फाटक के उत्तर में हैं अस्पताल व अन्य महत्वपूर्ण सरकारी कार्यालय
रेल फाटक के उत्तर में अंचल के सभी सरकारी कार्यालय, बैंक, हॉस्पिटल, पुलिस स्टेशन हैं, वहीं दक्षिण की ओर फायर ब्रिगेड ऑफिस समेत कई महत्वपूर्ण कार्यालय है. गंभीर मरीजों को लेकर जाने वाली एंबुलेंस व फायर ब्रिगेड गाड़ी को भी फाटक बंद रहने के दौरान इंतजार करना पड़ता है. बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं साइकिल लेकर स्कूल जाते और वापस लौटते वक्त फाटक में इंतजार करते हैं, तो कई बच्चे फटाक के नीचे से निकलते हैं. फाटक के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतार लग जाती है. फाटक खुलने के बाद जल्द फाटक पार करने को लेकर अफरा-तफरी का माहौल बन जाता है.
अंडरपास और आरओबी बनाने का लिया गया था निर्णय, नहीं हुई पहल
बामड़ा रेल एक्शन कमेटी की लंबी लड़ाई के बाद रेल विभाग द्वारा पूर्वी छोर पर अंडरपास बनाने और रेल ओवर ब्रिज (आरओबी) बनाने का निर्णय लिया गया था, लेकिन इसका निर्माणकार्य अधर में लटका हुआ है. कार्य शुरू करने को लेकर अभी तक कोई पहल नहीं हुई है. अंचलवासियों ने स्थानीय विधायक सह पंचायतीराज, ग्रामीण विकास और पेयजल मंत्री रविनारायण नायक और संबलपुर सांसद तथा केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को भी ज्ञापन सौंप कर इस पर शीघ्र पहल करने को गुहार लगायी है.
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