Jharsuguda News: झारसुगुड़ा पुलिस ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआइ) तकनीक का इस्तेमाल कर चोरी के तीन मामलों का उद्भेन किया है. इन मामलों कुल चार आरोपियों की गिरफ्तारी की गयी है. दो से पांच नवंबर के बीच झारसुगुड़ा जिले में चोरी की तीन घटनाएं हुई थीं. अपराध करते समय अपना चेहरा छुपाने वाले चार संदिग्धों की पहचान करने के लिए पुलिस ने अपने मौजूदा सीसीटीवी नेटवर्क का इस्तेमाल किया. इसके साथ ही पुलिस जीपीएस लोकेशन के आधार पर कैमरों को जियो-टैग करके, पुलिस संदिग्धों की गतिविधियों को ट्रैक करने में सक्षम हुई. लेकिन पुलिस को असली सफलता तब मिली जब संदिग्धों की पहचान उनके कपड़ों के रंग के आधार पर करने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआइ) तकनीक का इस्तेमाल किया.
झारखंड और बिहार के हैं चारो आरोपी
आइजी (उत्तरी रेंज) हिमांशु कुमार लाल ने बताया कि आगे के विश्लेषण से संदिग्धों के खुले चेहरे की फुटेज सामने आयी, जिससे पुलिस को चेहरे की पहचान और पहचान के लिए उनकी तस्वीरें सिस्टम में डालने में मदद मिली. इस फीचर ने संदिग्धों के महत्वपूर्ण उदाहरण उपलब्ध कराये, जिसमें चोरी के लिए उनकी रेकी करने की फुटेज भी शामिल है. लाइव लोकेशन मॉनिटरिंग ने पुलिस को संदिग्धों की गतिविधियों पर नजर रखने में सक्षम बनाया, जिसके चलते पुलिस ने उन्हें बस से क्योंझर जाते समय रोक लिया. इस मामले में पुलिस ने झारखंड और बिहार के चार आरोपियों सुदाम हाजरा (66), मुदल पासवान (55), नंदू हाजरा (55) और उमेश पासवान (55) को देवगढ़ से पकड़ा और चोरी का सामान बरामद किया.
एआइ आधारित निगरानी प्रणाली से पुलिस को मिली मदद : एसपी
झारसुगुड़ा एसपी स्मित पी परमार ने बताया कि इस साल फरवरी में जिले में एआइ आधारित निगरानी प्रणाली स्थापित की गयी थी. इसने पिछले कुछ महीनों में कई छोटे मामलों को सुलझाने में हमारी मदद की है. यह पहली बार था, जब चोरी के आरोपियों का पता लगाने और उन्हें पकड़ने के लिए तकनीक का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया गया. उन्होंने कहा कि एआइ-पावर फीचर विश्वसनीय हैं और इससे पुलिस को यातायात उल्लंघन सहित मामलों की प्रभावी निगरानी में मदद मिल रही है.
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