Rourkela News: राउरकेला के सर्राफा कारोबारियों को सुरक्षित माहौल देने के उद्देश्य से राउरकेला पुलिस की ओर से बुधवार को मैराथन बैठक आयोजित की गयी. इसमें राउरकेला सहित जगदा, फर्टिइलाइजर, झीरपानी, बंडामुंडा, बिसरा तथा इस्पातांचल के सर्राफा कारोबारी शामिल हुए. राउरकेला के पुलिस कप्तान (एसपी) नीतेश वाधवानी ने सर्राफा कारोबारियों को सुरक्षा से संबंधित टिप्स देते हुए कहा कि जब कोई 40 हजार रुपये का सोना 18 हजार में बेचे, तो समझ में आता है कि यह सामान चोरी का है, लिहाजा इसपर ना केवल नजर रखें, बल्कि ऐसा कुछ हो, तो तत्काल पुलिस को सूचना दें.
दुकानों व व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में लगावायें सीसीटीवी कैमरे
एसपी ने कहा कि सभी दुकानदार अपनी-अपनी दुकानों-प्रतिष्ठानों में सीसीटीवी कैमरे दोनों एंगल से स्थापित करें, ताकि आने-जानेवालों पर पूरी निगरानी रखी जा सके. इसी तरह दुकान में आनेवाले ग्राहकों पर भी नजर रखें. कोई हेलमेट, मास्क या पूरी तरह से चेहरा ढंककर अंदर आयें, तो उनसे यह सब उतारकर अंदर आने को कहें. इसी तरह सुरक्षा गार्ड के बारे में पूरी जानकारी लें और स्थानीय थाना से इसकी जानकारी साझा करें, ताकि किसी तरह की गड़बड़ी की गुंजाइश नहीं रहे. ऐसे गार्ड्स को काम पर रखें, जिन्हें सुरक्षा देने का पूरा अनुभव हो.
सुरक्षा नियमों का पालन करें कारोबारी
एसपी ने सभी सर्राफा कारोबारियों को निर्देशित किया कि ज्यादातर वारदातें अंधेरे का फायदा उठाकर अंजाम दी जाती है. हॉवर्ड विश्वविद्यालय की एक रिसर्च भी यह बताती है. लिहाजा प्रयास करें कि दुकान के आसपास पर्याप्त रोशनी की व्यवस्था हो. अगर स्ट्रीट लाइट में दिक्कत है, तो तत्काल जिम्मेदार विभाग से संपर्क कर इसे ठीक करायें. कई बार लूट जैसी घटनाओं में कर्मचारियों की संलिप्तता भी पायी जाती है. ऐसे में जिन कर्मचारियों को नौकरी पर रखा जाता है, उसकी जानकारी जरूर से थाना में साझा कर लें.
सोना खरीद-बिक्री का फॉर्म भरना सुनिश्चित करें
एसपी ने किसी भी ऐसी संभावित वारदातों को नाकाम करने के लिए सतर्कता बरतने के कई नायाब टिप्स कारोबारियों को दिये. इनमें एक यह भी था कि सोना के जेवर कोई बेचने आये, तो इसकी पूरी जानकारी थाना से साझा करें. जिसके लिए एक फॉर्म भरकर थाने में जमा दें. हालांकि, उन्होंने यह भी बताया कि सर्राफा कारोबारियों को आसानी से पता चल जाता है कि कौन आम आदमी उन्हें सोना बेच रहा है और कौन बदमाश. क्योंकि उनके तरीकों को अनुभवी आंखें तत्काल भांप जाती हैं.
दुकान खोलने और बंद करते समय बरतें सतर्कता
एसपी ने कहा कि ज्यादातर वारदातों को दुकान के खुलने और बंद करने के समय अंजाम दी जाती हैं. लिहाजा दोनों ही समय चार-पांच की संख्या में लोग मौजूद रहें, ताकि ऐसी हिमाकत करने की सोचनेवालों के मन में थोड़ा भय हो. खासकर ऐसी जगहों पर जहां इक्का-दुक्का सर्राफा दुकानें हैं, वहां इस तरह की आशंका बढ़ जाती है. जहां ज्यादा दुकानें हैं, वहां जल्द हिमाकत नहीं होती.
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