Rourkela news: राउरकेला इस्पात संयंत्र (आरएसपी) में मान्यता यूनियन का चुनाव 12 नवंबर को होना है. इसे लेकर अलग-अलग यूनियनों के नेताओ की ओर से एक-दूसरे के खिलाफ आराेप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है. खासकर सम्मानजनक बोनस न मिलने, ग्रेच्युटी पर सीलिंग लगाने, 39 महीनों का बकाया एरियर नहीं मिलने समेत इस्पात श्रमिकों की अन्य न्यायोचित मांगें पूरी नहीं होने को लेकर एक-दूसरे पर दोषारोपण भी किया जा रहा है. जनसभा से लेकर चुनाव प्रचार में जमकर विरोधियों पर हमले किये जा रहे हैं. साथ ही वोटरों को रिझाने के लिए शहर के रिंगरोड समेत इस्पातांचल के प्रमुख चौराहों को इन यूनियनों की ओर से अपने-अपने बैनर, पोस्टर व होर्डिंग से पाट दिया गया है. इस बार चुनाव को लेकर आरएसपी में 18 पंजीकृत यूनियनों में से 12 श्रमिक संगठन चुनाव मैदान में हैं. इन यूनियनों में आम मजदूर संगठन, इस्पात लेबर यूनियन, राउरकेला इस्पात कारखाना कर्मचारी संघ, लौह मजदूर यूनियन, नार्थ ओडिशा वर्कर्स यूनियन, राउरकेला मजदूर सभा, राउरकेला इस्पात कर्मचारी संघ, राउरकेला श्रमिक पंचायत, राउरकेला श्रमिक संघ, राउरकेला स्टील मजदूर यूनियन, राउरकेला वर्कर्स यूनियन व स्टील इम्प्लाइज ट्रेड यूनियन शामिल हैं. इन यूनियनों के अलावा गांगपुर मजदूर मंच, हिंदुस्तान स्टील वर्कर्स यूनियन, कलिंग इस्पात श्रमिक संगठन, राउरकेला श्रमिक शक्ति, स्टील एम्प्लाइज एसाेसिएशन, राउरकेला (सियर) ने नामांकन दाखिल नहीं किया है. इनमें से गांगपुर मजदूर मंच व राउरकेला श्रमिक संघ में गठबंधन होने से गांगपुर मजदूर मंच ने नामांकन दाखिल नहीं किया है. वहीं सियर के नेता वैद्यनाथ दास एचएमएस संबद्ध राउरकेला मजदूर सभा के पूर्व पदाधिकारी व वर्तमान भी संगठन के राज्य स्तरीय पद पर होने से उनका नामांकन न करना स्वाभाविक है.
परिणाम से यूनियनों की ताकत का चलेगा पता
इस बार चुनाव में शामिल 12 यूनियनों में राउरकेला श्रमिक संघ-गांगपुर मजदूर मंच गठबंधन तथा बीएमएस संबद्ध राउरकेला इस्पात कारखाना कर्मचारी संघ के बीच कड़ा मुकाबला है. वहीं सीटू संबद्ध स्टील एम्प्लाइज ट्रेड यूनियन, एमएचएस संबद्ध राउरकेला मजदूर सभा के खाते में कितने वोट पड़ेंगे, इससे भी चुनाव का परिणाम प्रभावित होने की संभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता. लेकिन इस चुनाव में इस बार किस यूनियन की तूती बोलेगी, इसका पता ताे आगामी 12 नवंबर को मतदान और मतों की गिनती के बाद परिणाम की घाेषणा से ही पता चल सकेगा.
जुएल, दिलीप, दुर्गा, जॉर्ज व प्रशांत की प्रतिष्ठा दांव पर
आरएसपी में होनेवाले मान्यता यूनियन चुनाव में इस बार बीएमएस संबद्ध रिक्स का समर्थन करनेवाले वर्तमान केंद्रीय मंत्री जुएल ओराम, पूर्व केंद्रीय मंत्री दिलीप राय, रघुनाथपाली विधायक दुर्गाचरण तांती समेत राउरकेला श्रमिक संघ-गांगपुर मजदूर मंच गठबंधन के नेता प्रशांत बेहेरा व जुझारु आदिवासी नेता जॉर्ज तिर्की की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है. इस चुनाव का परिणाम आने के बाद ही पता चल पायेगा कि इन नेताओं की राउरकेला स्टील प्लांट के स्थायी कर्मचारियों पर कितनी पकड़ है. लेकिन फिलहाल चुनाव प्रचार में जुएल, दिलीप, दुर्गा को जितना जोर लगाना चाहिए, उतना लगा नहीं रहे हैं. इस चुनाव को लेकर दिलीप राय ने कहा था कि जरूरत पड़ी, तो वे स्वयं पांच दिनों तक यहां रहकर प्रचार करेंगे. वहीं जुएल ओराम व दुर्गाचरण तांती ने भी बीएमएस के समर्थन में जोरदार प्रचार करने का ऐलान किया था. इसके उलट प्रचार-प्रसार में राउरकेला श्रमिक संघ- गांगपुर मजदूर मंच थोड़ा आगे नजर आ रहा है. 2021 में जॉर्ज तिर्की की अगुवाई वाले श्रमिक संगठन गांगपुर मजदूर मंच से गठबंधन करने से राउरकेला श्रमिक संघ को जीत मिली थी. इस बार भी राउरकेला श्रमिक संघ-गांगपुर मजदूर मंच गठबंधन बनाकर चुनाव लड़ रहे हैं. जबकि दूसरी ओर बीएमएस का समर्थन केंद्रीय मंत्री जुएल ओराम, दिलीप राय व दुर्गाचरण तांती कर रहे हैं. जिससे इस चुनाव में इन पांचों नेताओं की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी है.
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