Rourkela News: राउरकेला इस्पात संयंत्र (आरएसपी) ने तालडीह लौह खदान के विकास और संचालन के लिए मेसर्स अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड के साथ दीर्घकालिक समझौता किया है. माइंस डेवलपर और ऑपरेटर (एमडीओ) मॉडल पर आधारित यह परियोजना खदान की उत्पादन क्षमता को मौजूदा दो मिलियन टन प्रति वर्ष (एमटीपीए) से बढ़ाकर सात मिलियन टन प्रति वर्ष कर देगी. नये प्लांट और बुनियादी ढांचे के निर्माण सहित विकास चरण दो साल के भीतर पूरा हो जायेगा. तीसरे वर्ष में उत्पादन शुरू होगा और 25 साल तक जारी रहेगा. तालडीह लौह खदान की मौजूदा क्षमता दो एमटीपीए है, जिसे सेल द्वारा मोबाइल क्रशिंग और स्क्रीनिंग प्लांट और छोटी क्षमता वाली अर्थ मूविंग मशीनरी की मदद से अनुबंध के तहत संचालित किया जा रहा है. इस अनुबंध में खदान का विकास और नये प्लांट और अन्य बुनियादी सुविधाओं का निर्माण शामिल है. अनुबंध समझौता हस्ताक्षर समारोह में आरएसपी का प्रतिनिधित्व कार्यपालक निदेशक (परियोजनाएं) सुदीप पाल चौधरी, मुख्य महाप्रबंधक (खान-परियोजनाएं) आनंद कुमार और मुख्य महाप्रबंधक (परियोजना-वाणिज्यिक) जीएस दास ने किया, जबकि, मेसर्स अदानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड का प्रतिनिधित्व, संयुक्त अध्यक्ष एवं बिजनेस यूनिट प्रमुख राजेंद्र सिंह, क्लस्टर प्रमुख (आयरन ओर बिजनेस) अजीत कुमार पात्र और प्रोजेक्ट प्रमुख (आयरन ओर बिजनेस) जय विश्वनाथ ने किया. इस अवसर पर दोनों संगठनों के कई अन्य वरिष्ठ अधिकारी और प्रतिनिधि भी मौजूद थे.
अप्रैल 2023 में ही मिल गयी थी विस्तार की मंजूरी
पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा 28 अप्रैल, 2023 को तालडीह लौह खदानों के विस्तार के लिए सात मिलियन टन प्रति वर्ष की पर्यावरणीय मंजूरी दे दी गयी है, जिसमें तालडीह खदानों से बरसुआ घाटी में रेलवे साइडिंग तक लंबी दूरी की कन्वेयर बेल्ट प्रणाली की स्थापना शामिल है. इस पहल से न केवल सेल की मौजूदा उत्पादन आवश्यकताओं के लिए लौह अयस्क की निर्बांध आपूर्ति सुनिश्चित होगी, बल्कि इसके इस्पात संयंत्रों के भविष्य के विस्तार में भी सहायता मिलेगी. तालडीह में परिचालन को बढ़ाकर, सेल का लक्ष्य अपने कच्चे माल के आधार को मजबूत करना और भारत के इस्पात उद्योग के विकास में योगदान देना है.
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